बुधवार, 1 जनवरी 2020

सुंदरता, सजी संवरी रहना- काव्य शब्द-करणीदानसिंह राजपूत


सुंदर होना अच्छा है,

सुंदरता गहना है,

सुंदरता शिंगार है,

सुंदरता से मुखड़ा निखरता

सुंदरता को सजा कर रखना

संवार कर रखना।

सुंदरता से प्यार पनपता

जीवन में खुशियां आती

सभी निगाहें दर्शन को तरसती

कुछ पल को आ जाती।


जिनके आसपास है सुंदरता

वे देखते हर पल सुंदरता

वे हैं बड़े भाग्यशाली।


तुम्हारी सुंदरता जैसी नहीं

आसपास कोई दूजी सुंदरता

देखलो घूमघाम मोहल्ला

न अड़ोस पड़ोस में।

सुंदरता को संभाल कर रखना

हर पल हर दिन

इससे रहता जोश

मन तन में

जीवन रंग बिरंगा रहता

यौवन की बहार में

मौसम का आनंद रहता।

सुंदरता की सुगंध और

तन मन की महक

संवारे संभाले रखना।


हे सुंदरता,

बस इतना कहना मानना

आशा और विश्वास है

तुम अपने को सदा

निखारती रहोगी।

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काव्य शब्द - 

करणीदानसिंह राजपूत,

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