कश्मीर के हुर्रियत व अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटी. हर साल करोड़ों खर्च करती थी सरकार
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार की सख्ती के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हुर्रियत और अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटा ली है।
गृहमंत्रालय के आदेश के बाद कश्मीर के हुर्रियत और अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक, अब्दुल गनी बट्ट, बिलाल लोन, फजल हक कुरैशी, शब्बीर शाह की सरकारी सुरक्षा हटा ली गई है। सुरक्षा के साथ-साथ उन्हें मिल रही सारी सरकारी सुविधाएं छीन ली गई है।
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने यह बड़ा फैसला किया। इस हमले में देश से अपने 40 जवानों को खो दिया।
केंद्र सरकार इन अलगाववादी और हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा पर करोड़ों रूपये खर्च करती है।
पिछले साल छपी एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने पिछले 10 सालों में जम्मू कश्मीर के हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा पर करीब 11 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। हुर्रियत के 14 नेताओं पर सरकार ने साल 2008 से लेकर साल 2017 के बीच सुरक्षा मद में 11 करोड़ की मोटी रकम खर्च की। हुर्रियत के कई नेताओं को 5 सिक्योरिटी गार्ड और 4 पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर मिले हुए थे,जिसे सरकार ने अब हटा लिया है।
हुर्रियत नेता उमर फारूख पर साल 2015 में सुरक्षा पर 34 लाख रुपए खर्च किए गए तो साल 2016 में 36 लाख रुपए और साल 2017 में 37 लाख रुपए खर्च कर दिए।
साल 2015 से 2017 के बीच हुर्रियत नेता प्रोफेसर अब्दुल गनी बट की सुरक्षा और ट्रांसपोर्टेशन पर करीब 2.15 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
जबकि इसी दौरान आगा सैयद हसन मौलवी, मौलवी अबास अन्सारी और बिलाल गनी लोन की सुरक्षा पर 1 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने कश्मीर के इन हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा और सरकारी सुविधाएं हटा ली है।