बुधवार, 14 फ़रवरी 2018

सूरतगढ़ फार्म शुरुआत में सोवियत रूस की दी मशीनों के संग्रहालय का उद्घाटन



सूरतगढ़ 14 फरवरी 2018.

रूस के कृषि मंत्री श्री सरगेई बेलेस्की ने कहा कि आज हम यहां पर आये हैं ये एक ऐतिहासिक बात है। 

उन्होंने कहा कि कृषि रिसर्च योजना के लिये हम भारत के साथ एक पंच वर्षीय योजना बनाना चाहते हैं । मुझे पता है कि वर्ष 1991 में रूस में एक स्पेशलिस्ट आया था। कृषि के क्षेत्र में पहले जो भी मशीने यहां आई थी, वे वर्तमान में भी उपयोग में ली जा रही है। मै भी एक इंजिनियर हूॅ, ये मेरे लिये गर्व की बात है। जो कृषि यंत्र यहां  पर हैं , मैने स्कूल के समय में बनाये थे।

 मैं बहुत प्रभावित हॅू, जो कृषि यंत्र आपको मिला है, उससे आपको बहुत फायदा होगा। मैं बहुत प्रभवित हॅू कि यहां जो परम्परा कृषि के क्षेत्र में विकसित की गई थी, जिसके तहत सूरतगढ़ में एक कृषि फार्म स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि फसल व बीज को बढ़ावा देना है, इसके लिये एक पंचवर्षीय योजना के तहत कृषि रिसर्च सेन्टर स्थापित किया जायेगा। 

केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज भारत खाद्यान्न के क्षेत्र में एक नम्बर पर है, जो यह रूस का भी सहयोग रहा है। 70 लाख रूपये की लागत के कृषि यंत्र जो रूस ने ही भारत को कृषि के लिये दिये थे। 

सूरतगढ़ कृषि फार्म देश का पहला ऐसा फार्म है, जिसमें 24 प्रकार के उन्नत किस्म के बीज तैयार किये जाते है। गेहूं, जौ, चना भरपूर मात्रा में उत्पन्न होते है। केन्द्र में मोदी सरकार के बाद देश में मृदा कार्ड की शुरूआत जो सूरतगढ़ से की गई थी, वो किसानों के लिये बहुत ही फायदेमंद हो 

रही है और किसान यूरिया खाद कम उपयोग कर रहे हैं ।

 उन्होंने सूरतगढ़ में कृषि प्रयोगशाला बनाने के लिये सांसद श्री निहालचंद को एक प्रस्ताव बनाकर भिजवाने को कहा। उन्होंने कहा कि पश्चिम राजस्थान में सबसे ज्यादा आकाल पड़ते है, पर वहां का किसान आत्महत्या नही करता क्योंकि वहां का किसान खेती के अलावा अन्य कार्य भी करता है। 

भारत रूस राजनयिक संबंधों की 70 वर्ष गांठ पर 14 फरवरी 2018 को केन्द्रीय राज्य फार्म सूरतगढ़ के बेस वर्कशॉप में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। 

जिसमें रूसी गणतंत्र के उप कृषिमंत्री श्री सरगेई बेलेस्की, भारत सरकार के कृषि राज्यमंत्री श्री गजेन्द्र सिह शेखावत, संयुक्त सचिव भारत सरकार श्री अश्वनी कुमार, रूसी व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख श्री यारोस्लाव तारास्युक, प्रथम सचिव रूसी दूतावास भारत सरकार श्री कैटरिना सेमिनोवा एवं राष्ट्रीय बीज निगम के अधिकारीगण एवं उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों एंव राष्ट्रीय बीज निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री विनोद कुमार गौड़ के साथ इस अवसर पर संबोधन किया। 

फार्म के वेस वर्कशाप में रशियन मशीनों के संग्रहालय का उद्घाटन बुधवार को 11.30 बजे रूस के उपमंत्री श्री सरगेई बेलेस्की, भारत सरकार के कृषि राज्यमंत्री श्री गजेन्द्र सिह शेखावत द्वारा किया गया।

अतिथियों ने फार्म परिक्षेत्र का भ्रमण किया, साथ में मतस्य बीज पालन केन्द्र का भी अवलोकन किया। 

इस फार्म की स्थापना 15 अगस्त 1956 में हुई थी। इसके लिये सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ से 70 लाख रूपये की मशीनों एवं उपकरण भेंट के रूप में प्राप्त हुए थे। बेस वर्कशाप में रूस द्वारा उपलब्ध करवायी गई  पुरानी मशीनों को मौजूद देखकर प्रसन्न भी हुए। 

इसके बाद फार्म में कृषि से जुडे़ अन्य क्षेत्रों में नवसृजन की तरफ कदम बढ़ाते हुए निगम द्वारा मतस्य बीज उत्पादन, अपारम्परिक क्षेत्रों में हाईब्रिड बीजों का उत्पादन, कस्टम हाईरिंग केन्द्र, आधुनिक भंडार गृहों के निर्माण जैसे कई कार्यक्रमों के क्रियान्वयन किये गये को देखा गया। इस अवसर पर फार्म के निदेशक श्री यशपाल सिंह एवं अन्य सभी कर्मचारी उपस्थित होकर विशिष्ट अतिथि का स्वागत भी किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय बीज निगम के उच्च अधिकारी निदेशक वित श्री वी.मोहन, वरिष्ठ महाप्रबंधक श्री कुलदीप सिंह, उपमहाप्रबंधक श्री नीरज वर्मा, अतिरिक्त महाप्रबंधक श्री दीपक रस्तोगी, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से श्री ए.के.झा, निदेशक श्री एचके सुयानथांग, सूरतगढ़ विधायक श्री राजेन्द्र सिंह भादू मौजूद थे।




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