शनिवार, 22 जुलाई 2017

सूरतगढ़ में राष्ट्रीय उच्च मार्ग के पास पट्टे शुदा भवनों पर खतरा


करणीदानसिंह राजपूत

राष्ट्रीय उच्च मार्ग की चौड़ाई 150 फुट तय की गई थी। मार्ग के मध्य से 75 की दूरी के हिसाब से लोगों ने अपने व्यावसायिक एवं आवासीय निर्माण करवा लिए थे। अब राष्ट्रीय उच्च मार्ग की  चौड़ाई  200 फुट की जाने से पूर्व में बने भवनों पर खतरा मंडरा रहा है।

 अब मध्य से 100 फुट की दूरी के बाद ही कोई निर्माण होने  चाहिए।  पूर्व में बने भवन 25 फुट की चौड़ाई में तोड़े जाते हैं तो उनका स्वरूप बिगड़ कर मिट्टी के मोल पर जा सकता है। यानि कि 25 फुट तोड़े जाने के बाद पीछे उपयुक्त जगह ही न बचे। भवन के आगे का भाग बहुत अच्छा लुक देने वाला बनाया जाता है। पूर्व में बने करोड़ों रुपए के पट्टे शुदा भवनों​ पर खतरा मंडरा रहा है।

राष्ट्रीय उच्च मार्ग जहां शहर के बीच में से निकल रहे हैं वहां पर यह खतरा पैदा हुआ है।

‌ सूरतगढ़ में भी यह खतरा मंडरा रहा है। पूर्व में बने भवनों को बचाने के वास्ते और संपदा का करोड़ों रुपए मुआवजा चुकाने से बचने के लिए सरकार चाहे तो शहर के बीच में मार्ग पूर्व निर्धारित चौड़ाई रख सकती है।सूरतगढ में बाई पास की मांग है व बाई पास वास्ते जमीन भी है। पूर्व में बने भवनों और जमीन का मुआवजा देने के बजाय तो बाई पास का बनाना बुद्धिमानी  हो सकता है। लेकिन आजकल बिना दबाव के कुछ भी संभव नहीं हो सकता।

‌ भवन मालिकों​ के पास फिलहाल उच्च न्यायालय में पेश होने का ही  एक रास्ता बचा है।





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