- करणीदान सिंह राजपूत -
हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिलों में चल रहे किसान प्रदर्शनों से भारतीय जनता पार्टी के मंत्री और नेता विधायक बुरी तरह से डर गए हैं। भाजपा के जनप्रतिनिधि किसानों से बात करने से भी भय खा रहे हैं। किसानों की सीधी चुनौतियों से लग रहा है कि पानी की मांग कर रहे किसान भाजपा के हाथ से निकल गए हैं।
किसान अपने उजड़ रहे खेतों को देखकर भा ज पा से मेलजोल तक नहीं रखना चाहते। भाजपा के नेता किसानों के बीच जाकर अपनी सरकार की बात रखने तक से घबरा रहे हैं।भाजपा नेताओं को लग रहा है कि उनकी बात और अपील सुनी नहीं जाएगी तथा किसान उनको खरी-खोटी सुनाएंगे। भाजपा के घबराए जनप्रतिनिधियों की ओर से किसानों से अपील नहीं की गई। आश्चर्यजनक तौर पर भाजपा का डर इस स्थिति में सामने आया है कि किसानों से जल संसाधन विभाग के उत्तरीय क्षेत्र के मुख्य अभियंता आर के चौधरी से अपील करवाई गई है। आर के चौधरी ने बांध में जल स्तर कम होने का हवाला देते हुए किसानों को भाई बताते हुए अपील की है। यह अपील सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से समाचार के रूप में दी गई है। आश्चर्यजनक है कि जल संसाधन मंत्री डॉ रामप्रताप खुद हनुमानगढ़ में रहते हैं हनुमानगढ़ से विधायक हैं लेकिन उनकी तरफ से किसानों से अपील नहीं हुई।
हनुमानगढ़ जिले में किसानों का आंदोलन रोष से भरता जा रहा है और यह कोई विकट रुप भी ले सकता है। हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर के विधायक किसानों के बीच में जाने से कतरा रहे हैं। किसानों का आंदोलन किस रूप में आगे जाएगा और इससे कितना नुकसान हो जाएगा का अनुमान भाजपा नेता नहीं लगा रहे।
एक तरफ किसान आँदोलन और नोटबंदी दोनों मुद्दे जुड़ जाएंगे तब क्या होगा?
हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिलों में चल रहे किसान प्रदर्शनों से भारतीय जनता पार्टी के मंत्री और नेता विधायक बुरी तरह से डर गए हैं। भाजपा के जनप्रतिनिधि किसानों से बात करने से भी भय खा रहे हैं। किसानों की सीधी चुनौतियों से लग रहा है कि पानी की मांग कर रहे किसान भाजपा के हाथ से निकल गए हैं।
किसान अपने उजड़ रहे खेतों को देखकर भा ज पा से मेलजोल तक नहीं रखना चाहते। भाजपा के नेता किसानों के बीच जाकर अपनी सरकार की बात रखने तक से घबरा रहे हैं।भाजपा नेताओं को लग रहा है कि उनकी बात और अपील सुनी नहीं जाएगी तथा किसान उनको खरी-खोटी सुनाएंगे। भाजपा के घबराए जनप्रतिनिधियों की ओर से किसानों से अपील नहीं की गई। आश्चर्यजनक तौर पर भाजपा का डर इस स्थिति में सामने आया है कि किसानों से जल संसाधन विभाग के उत्तरीय क्षेत्र के मुख्य अभियंता आर के चौधरी से अपील करवाई गई है। आर के चौधरी ने बांध में जल स्तर कम होने का हवाला देते हुए किसानों को भाई बताते हुए अपील की है। यह अपील सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से समाचार के रूप में दी गई है। आश्चर्यजनक है कि जल संसाधन मंत्री डॉ रामप्रताप खुद हनुमानगढ़ में रहते हैं हनुमानगढ़ से विधायक हैं लेकिन उनकी तरफ से किसानों से अपील नहीं हुई।
हनुमानगढ़ जिले में किसानों का आंदोलन रोष से भरता जा रहा है और यह कोई विकट रुप भी ले सकता है। हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर के विधायक किसानों के बीच में जाने से कतरा रहे हैं। किसानों का आंदोलन किस रूप में आगे जाएगा और इससे कितना नुकसान हो जाएगा का अनुमान भाजपा नेता नहीं लगा रहे।
एक तरफ किसान आँदोलन और नोटबंदी दोनों मुद्दे जुड़ जाएंगे तब क्या होगा?