सोमवार, 10 अक्तूबर 2011

मरणोपरांत श्रीमती हीरा के नेत्र दान किए गए पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत की माताजी का अंतिम संस्कार

पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत की माताजी का अंतिम संस्कार
कल्याण भूमि सूरतगढ़ में 10 अक्टूबर को अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार में नागरिक, व्यापारी, वकील, राजैतिक नेता, कार्यकर्ता पत्रकार  शिक्षण संस्थाओं के संचालक  शामिल हुए
मरणोपरांत श्रीमती हीरा के नेत्र दान किए गए
सूरतगढ़, 10 अक्टूबर 2011.
वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक करणीदानसिंह राजपूत की माता श्रीमती हीरा पत्नी स्व.रतनसिंह का स्वर्गवास करीब 87 साल की आयु में 9 अक्टूबर शाम को स्वर्गवास हो गया। उनका अंतिम संस्कार सोमवार 10 अक्टूबर 2011 को कल्याण भूमि जजी के पास में किया जाएगा। अंतिम यात्रा
वार्ड नं 19 से सूर्यवंशी स्कूल के पास निवास से सुबह 10 बजे निकली। अंतिम अंतिम संस्कार में परिजन व रिश्तेदार, नागरिक, व्यापारी, वकील, राजैतिक नेता व कार्यकर्ता,अध्यापक व शिक्षण संस्थाओं के संचालक, पत्रकार शामिल हुए। अंतिम संस्कार में पूर्व राज्यमंत्री रामप्रताप कासनिया, पूर्व विधायक अशोक नागपाल, पूर्व विधायक गुरूशरण छाबड़ा, पूर्व विधायक हरचंदसिंह सिद्धु, श्री बिजयनगर नगरपालिका के अध्यक्ष सुशील मिढ़ा, राजस्थान पत्रिका श्रीगंगानगर के प्रबंधक अरविन्द पाण्डेय और प्रसार प्रभारी अशोक शर्मा,राजपूत क्षत्रिय संघ के अध्यक्ष लालसिंह बीका ने भी भाग लिया। श्रीमती हीरा के बड़े पुत्र करणीपालसिंह ने मुखाग्रि दी।
श्रीमती हीरा के मरणोपरांत उनके नेत्रों का दान किया गया। महावीर इंटरनेशनल के संजय बैद,नीरज शंकर मूंधड़ा आदि पहुंचे। डा. नन्दलाल वर्मा ने नेत्र उत्सारित किए जो महावीर इंटरनेशनल ने श्रीगंगानगर श्री जगदम्बा धर्माेर्थ नेत्र चिकित्सालय भिजवाए। जीवन भर दान पुन्य तीर्थ करने वाली श्रीमती हीरा के अंतिम सांस लेने के तुरंत बाद ही एक और दान उनके नेत्रों का हुआ। नेत्र दान के लिए पुत्रों करणीपालसिंह करणीदानसिंह गोपसिंह और प्रेमसिंह ने स्वीकृति दी। प्रेमसिंह लेखक हैं और सूरतगढ़ में ही उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालित करते हैं। बड़े पुत्र करणीपालसिंह सेवानिवृत रेल कर्मी और गोपसिंह पूर्व पार्षद हैं।
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