शुक्रवार, 13 मई 2016

गरीब की बेटी भी शुरू कर सकती है स्वयं का रोजगारशुभ शक्ति योजना

 
 
महिला सशक्तिकरण का माध्यम बनेगी शुभ शक्ति योजना
 
श्रीगंगानगर, 13 मई। राज्य सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई मजदूरों के कल्याण की अतिमहत्वपूर्ण शुभ शक्ति योजना के माध्यम से अब गरीब की बेटी भी अपने पैरों पर खड़े होने के लिये स्वयं का रोजगार प्रारम्भ कर सकती है। मजदूरों के कल्याण के लिये भवन व अन्य सनिर्माण कल्याण मंडल के तहत मजदूरों की बेटियां भी अब स्वयं का रोजगार प्रारम्भ करने के लिये 55 हजार रूपये की राशि सहायता स्वरूप प्राप्त कर सकती है।
प्रदेश की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे एवं श्रम नियोजन राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी की मजदूर व गरीबों के उत्थान के लिये प्रारम्भ की गयी श्रमिक पंजीयन योजना के तहत अब गरीब की बेटिया भी स्वावलम्बी बन सकेगी तथा इसके लिये सरकार आर्थिक मदद देगी। 
श्रम नियोजन राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी की पहल पर भवन व अन्य संनिर्माण कल्याण मंडल की ओर से श्रमिकों की वयस्क बेटियों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गयी शुभ शक्ति योजना के प्रति श्रमिकों में खूब रूझान देखने को मिल रहा है। जिले में अब तक करीब छः सौ 30 श्रमिक इस योजना के लिये श्रम विभाग में आवेदन कर चुके है। इन सभी की बेटियों को योजना का लाभ मिलेगा। योजना की कोई अंतिम तारीख नही होने के कारण इसके लिये कभी भी आवेदन किया जा सकता है। 
शुभ शक्ति योजना के तहत पात्र बेटी को 55 हजार रूपये की सहायता राशि दी जाती है। इस राशि का उपयोग महिला श्रमिक या श्रमिक की बेटी स्वविवेक से आगे की पढाई करने, व्यावसायिक प्रशिक्षण लेने, स्वरोजगार शुरू करने, कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने या कौशल विकास करने में काम ले सकती है। स्वयं का रोजगार प्रारम्भ कर अपने पैरों पर खड़ा हो सकती है। आवेदक पत्र के साथ श्रमिक को तहसीलदार, विकास अधिकारी, सहायक, उच्च अभियंता, सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक या अन्य राजपत्रित अधिकारी से भौतिक सत्यापन प्रमाण पत्र लेकर संलग्न करना आवश्यक होता है। 
जिले में अब तक 53 हजार 400 श्रमिक पंजीकृत है। एक जनवरी 2016 से शुरू हुई शुभ शक्ति योजना के तहत अब तक करीब छः सौ 30 श्रमिक आवेदन कर चुके है। आवेदन करने की कोई अंतिम तिथि नही होने के कारण आवेदन का सिलसिला लगातार चल रहा है। योजना के तहत इन सभी आवेदकों को नियमानुसार राशि मिल जायेगी, क्योंकि श्रम विभाग के अधिकारी पूर्ण रूप से भरे और सभी औपाचारिकताएं पूरी होने पर ही आवेदन स्वीकार कर रहे है। कोई कमी होने पर संबंधित श्रमिक से फार्म पूर्ण करवाया जाता है। ऐसे में किसी श्रमिक को राशि नही मिल पायेगी, इसका अंदेशा ही नही है। सभी पंजीकृत श्रमिकों की बेटियों को 55 हजार रूपये की राशि दी जाती है।
योजना का लाभ किस प्रकार लें
योजना का लाभ लेने के लिये श्रमिक की बेटी का आठवीं पास होना, श्रमिक का स्वयं का मकान होना, बेटी का बैंक में बचत खाता होना, श्रमिक का राजस्थान का मूल निवासी होना, बेटी की उम्र 18 वर्ष पूर्ण होना, मकान में चालू हालत में शौचालय होना, श्रमिक के अधिकतम दो ही पुत्रियां होना अनिवार्य है। बेटी के पिता का आवेदन करने से कम से कम एक वर्ष से पुराना श्रम विभाग में पंजीयन होना जरूरी है। जिन श्रमिकों को पूर्व में बेटियों के विवाह के लिये मंडल से सहायता मिल चुकी है, उन्हें इस योजना का लाभ नही मिलेगा। श्रमिक को आवेदन की तिथि से एक वर्ष पूर्व की अवधि में कम से कम 90 दिन काम करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। बेटी की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने पर छः माह की अवधि में या योजना लागू होने की तिथि से छः माह की अवधि में आवेदन किया जा सकता है। 55 हजार रूपये की राशि का भुगतान सीधे ही ऑनलाईन बेटी के खाते में जमा किये जायेंगे। 
आवेदन कभी भी कर सकेंगे
एक जनवरी 2016 को आरंभ हुई शुभ शक्ति योजना श्रमिकों की बेटियों के सशक्तिकरण के उद्देश्य से शुरू की गई है। जो पात्रा श्रमिक चाहे, वह आवेदन कर सकता है। आवेदन कभी भी किया जा सकता है। आवेदन की कोई अंतिम तिथि नही है। श्रम विभाग में साधारण प्रपत्रा में आवेदन करना होगा। आवेदन प्रपत्र भी सरल बनाया गया है।
 
 

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