* करणीदानसिंह राजपूत *
योग भी चले और दफ्तरों में भोग भी चले,सिस्टम का कमीशन,कबूतर फंड और रिश्वत भी चले तो फिर मन को स्वस्थ हो जाना कैसे मानें? एक दिन योग करें शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य का गुणगान करें भाषण दें,भाषण सुनाएं और सारे साल कमीशन लेने देने में लगाएं,भ्रष्टाचारियों व्यभिचारियों से सामाजिक कार्यों के आयोजन उद्घाटन करवाएं,मंचों पर बैठाएं,अतिथि मुख्य अतिथि बनाएं और उनके हाथों से पुरस्कार, उपहार, प्रशस्ति पत्र दिलवाएं तो क्या कहेंगे? जब व्यक्ति और संस्था भ्रष्ट नहीं तब भ्रष्टाचारियों से लगाव क्यों? भ्रष्टाचारियों के साथ क्यों खड़े और क्यों फोटो।
1 दिन योग में स्वस्थ और 364 दिन घोटालों में बीमार। इसमें सरकारी अवकाश के दिन घटाने चाहिए थे लेकिन नहीं घटाए क्योंकि अवकाश के दिनों में भी रिश्वत लेने का सिस्टम चलता रहता है। सोचते रहें कि सच्च में क्या हो रहा है?
👌 योग करते हैं और एक टांग पर खड़ा होने का अभ्यास करते हैं तो ईमानदारी की एक टांग पर खड़े होने अभ्यास ही करें और अपने मन को जीतें।०0०
21 जून 2025.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधि स्वीकृत लाईफटाईम)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356
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अच्छा लगे तो प्रकाशन करें। अनुवाद करें।
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