भाजपा की पापुलर सिरमौर नेता पूजा छाबड़ा चुनाव प्रचार में सबसे आगे
* जयपुर से रामप्रवेश डाबला *
राजनीति में अगर व्यक्ति की पारिवारिक पृष्ठ भूमि राजनैतिक हो,प्रखर वक्ता हो, भाषा शैली सरल, आम बोलचाल की हो, समर्पित भाव से किसी दल का झंडा उठाये,तो पहचान बनाने में देर नहीं लगती,उसे झण्डे डण्डे भी नहीं उठाने पड़ते सीधा मंच मिल जाता है,ऐसी ही शख्सियत की हम आप से चर्चा करते हैं।
सूरतगढ़ के भूतपूर्व विधायक शहीद गुरुशरण छाबड़ा ( निर्वाचित 1977) की पुत्रवधू उनकी शहादत के बाद राजनीति में तो नहीं, लेकिन शराबबंदी आन्दोलन को लेकर, एक कामयाब सोशल वर्कर के रुप में उभर कर सामने आई! छाबड़ा जी ने गत भाजपा महारानी की सरकार में पूर्ण शराब बन्दी की मांग को लेकर किये आन्दोलन में , शहीद स्मारक जयपुर धरना स्थल पर शराब बन्दी की मांग के साथ प्राण त्याग दिये। समाज की एक बहुत बड़ी नशे की समस्या के लिये शहादत को प्राप्त हुये! अपनी ही पार्टी की सरकार से भीड़ गये,जो महारानी सरकार की हठधर्मिता का शिकार हो गये। छाबड़ा जी की शहादत,जो अपनी ही पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता को शहादत के लिये मजबूर किया।
अपने पिता ससुर शहीद छाबड़ा जी के, पूर्ण शराब बन्दी के सपने को साकार करने के संकल्प के साथ,मैदान में आई पूजा भारती छाबड़ा ने अपनी मेहनत, लगन से देश प्रदेश गांव शहर के कोने-कोने में घूम कर नशा मुक्त राजस्थान का नारा बुलंद किया। बड़े बड़े जन आंदोलन कर अपनी पहचान बनाई! पूजा भारती के नशा बन्दी आन्दोलन में बड़ी तादाद में भीड़ उमड़ने लगी,जिसे देख कर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूजा भारती से नजदीकियां बढ़ाई, छाबड़ा जी के संघर्ष का हवाला दिया,कई मंच सांझा किये,लगने लगा था कि पूजा भारती कांग्रेस में जायेगी,चली भी जाती! परन्तु राजस्थान में गहलोत सरकार द्वारा नये जिलों की दो बार घोषणा के बाद भी, सूरतगढ़ को जिला घोषित नहीं करने से नाराज़ पूजा भारती ने गहलोत से दूरी बना ली।
पूजा के साथ कार्यक्रमों में लगातार बढती भीड़ और मेहनत को देख कर हमने पूजा को सलाह दी थी कि अगर आप वास्तव में शराबबंदी चाहती हो!चाहती हो कि शहीद छाबड़ा जी का शराबबंदी का सपना पुरा हो!तो आप को एक विधानसभा क्षेत्र का चयन कर चुनाव जीतना होगा,जो आन्दोलन आप बाहर चला रही हैं,अगर यही बात आप सदन में उठायेंगी,तो काम जल्दी पूरा होगा।
इस के लिये हमने यह भी सलाह दी कि आपके के लिये शहीद छाबड़ा जी की कर्म भूमि सूरतगढ़ से चुनाव लड़ना चाहिये,इस से सुरक्षित क्षेत्र कोई और नहीं!सफलता आपके कदम चूमेगी।
पूजा भारती ने हमारी बात पर गौर किया, जयपुर छोड़ कर, सूरतगढ़ में संघर्ष शुरू किया,नशा मुक्ती के लिये लड़ी,जिले के लिये आमरण अनशन किया, लेकिन किसी दल से विधानसभा की टिकट नहीं मांगी। कार्यकर्ताओं के दबाव के बावजूद निर्दलीय चुनाव भी नहीं लड़ा! अगर चुनाव लड़ती तो जीत जाती,
लोक सभा चुनाव में पूजा भारती ने भाजपा के बड़े नेताओं की मौजूदगी में भाजपा मुख्यालय जयपुर में पार्टी ज्वाइन की सूरतगढ़ पहुंचने पर जबरदस्त स्वागत हुआ।
यह समय श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के लिये बड़ा पीड़ा दायक था, यहां भाजपा प्रत्याशी प्रियंका बलान का साथ दिया।पूजा भारती ने पार्टी में नयी होने के बावजूद,अपनी पूरी ताकत लगा कर, भाजपा प्रत्याशी प्रियंका बलान को मुकाबले में ला खड़ा किया।
इसी चमत्कार की वजह से, भाजपा आलाकमान की नजरों में,पूजा भारती उनकी विश्वास पात्र, चहेती बन गई,जिसका नतीजा, राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूजा भारती को रामगढ़ एवं दौसा दो विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा का कमल खिलाने की बड़ी जिम्मेदारी दी है।
पूजा भारती पार्टी द्वारा घोषित स्टार प्रचारक तो नहीं! लेकिन इन विधानसभा क्षेत्रों की पब्लिक विशेषकर महिलाओं में जबरदस्त पकड़ बन गई है,जिससे पब्लिक स्टार वक्ताओं को छोड़!पुजा भारती की ज्यादा सुन रही है।एक बड़ा कारण पूजा के साथ नशामुक्ति आन्दोलन में जुड़ी महिलाओं की टीम काम आ रही है।
पांच छः माह में ही पूजा भारती ने भाजपा में इतनी बड़ी पैठ बना ली है कि आज रामगढ़, दौसा विधानसभा क्षेत्रों में केन्द्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, कैलाश चौधरी जैसे बड़े नेताओं की प्रोटोकॉल में चुनाव प्रचार कर रही है जो अपने आप में बहुत बड़ी बात है, जहां पूजा प्रचार में लगी है, वहां कमल खिलना निश्चित है।
पार्टी के लिये विचारणीय बिंदु यह कि पूजा भारती के रूप में भाजपा को दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की फोटो प्रति मिली है,जो संगठन को पुरे देश में मजबूत बनाने का काम कर सकती है।इसके लिये मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को शहीद छाबड़ा जी की शहादत और उसके साथ किये पार्टी के अन्याय व पूजा के संघर्ष को ध्यान में रखते हुये, पूजा भारती को किसी बोर्ड आयोग में अध्यक्ष नियुक्त कर इस परिवार को न्याय देना चाहिये,जिसके वह हकदार हैं।
(रामप्रवेश डाबला सूरतगढ़ निवासी इन दिनों जयपुर क्षेत्र में हैं। 10 नवंबर 2024.)
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