शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

*स्वामी आनंद प्रेम (हनुमान मल सेठिया)का ईश्वर में लीन होना*

 



* करणीदानसिंह राजपूत*


 मेरे मित्र मेरे भ्राता ओशो भक्त स्वामी आनंद प्रेम  करीब 70 वर्ष की उम्र में 30 अक्टूबर 2020 को संसार से चले गए।  पिछले छह सात दिनों से रुग्ण हुए और बीकानेर की फोर्टिस ब्रांच में देह त्यागी।  अंतिम संस्कार 31 अक्टूबर 2020 गंगाशहर बीकानेर में। कोरोना महामारी में एकदम सीमित परिजन।


सरकारी नौकरी में बहुत ईमानदारी कर्तव्यनिष्ठा से कार्य किया। श्रम और रोजगार विभाग में अधिकारी पद से बीकानेर से सेवानिवृत्ति हुई। श्रीगंगानगर बीकानेर अजमेर बाड़मेर आदि विभिन्न स्थानों पर भी रहे और हर जगह है अपनी कर्तव्यनिष्ठा की छाप छोड़ी। 

श्रम और रोजगार विभाग में पंजीकृत होते नौकरी की आयु में 2 या 3 दिन बाकी होते  उन बेरोजगारों को प्राथमिकता से तुरंत नौकरी लगाने के लिए कोई न कोई व्यवस्था करने में आगे रहते थे।  ऐसे अनेक लोगों को सरकारी नौकरी में लगाया था।

 छात्र रूप में जब थे तब गंगा शहर के निवास पर मैं अनेक बार रुका। बडे़ भाई स्व.इन्द्र चंद सेठिया,स्व.छगनमल सेठिया सहित यह संयुक्त रूप से रहते थे। सबसे बड़े भाई स्व.भंवरलाल सेठिया थे जो ठेकेदारी करते थे।

हम आधी आधी रात तक हम विभिन्न विषयों पर बहस किया करते थे चर्चा किया करते थे। यह वक्त था 1967 सेे 70 के आसपास का। उनके बड़े भाई इंद्र चंद सेठिया भारतीय जीवन बीमा निगम के अधिकारी रहे। एक बड़े भाई छगन मल सेठिया सूरतगढ़ में व्यवसाय और सूझबूझ वाले भाजपा नेता रहे।

 हम चारों यानि इन्द्रचंद,छगन,हनुमान और मै गंगाशहर के घर में किसी किसी विषय पर चर्चा शुरू करते और अनेक विषयों को समेटने के बाद में आधी रात बीतने के बाद ही को सोया करते थे। 

अनेक बार मिलना हुआ लेकिन अभी पिछले काफी समय से मैं मिल नहीं पाया।

सूरतगढ़ में मिलना विभिन्न कार्यक्रमों में होता रहा।

*स्वामी आनंद प्रेम का पूर्व नाम हनुमान मल सेठिया था।ओशो प्रेम में रंगने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया और सरकारी सेवा में भी नया नाम स्वामी आनंद प्रेम हो गया।

उन्होंने अपने आप को ज्यादा ध्यान मग्न अवस्था में डाल दिया था।

ओशो के बारे में भी चर्चाएं होती थी कैसेट भी सुनते थे।ओशो के मीरा महावीर कृष्ण के अलावा विदेशी महापुरुषों पर भी जो वक्तव्य हुए उनकी भी बहुत सी किताबें ग्रंथ रूप में मैंने भी पढी। बहुत चर्चाएं होती थी। अनेक ओशो सेमिनारों में  ध्यान ज्ञान केंद्र समारोह आदि में वे भाग लेते थे। उनके अनेक मित्र इस विचारधारा के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर कार्यरत हैं।

करीब 10-12 साल पहले जब वे सेवानिवृत्त हो गए उसके बाद में अधिक से अधिक ध्यान लगाने में ही रहे । 70 वर्ष की आयु में ईश्वर में विलीन होना प्रकृति का नियम। जब मिलते संसार मृत्यु जीवन इन विषयों पर भी चर्चा होती थी। मृत्यु से क्या डरना है वह तो स्वाभाविक

 रूप से आएगी और कभी भी आ सकती है।

* स्वामी आनंद प्रेम के दो पुत्र हैं। पत्नी सरकारी अध्यापिका और अब सेवा निवृत्त हैं। एक पुत्र चार्टेड एकाउंटेंट और एक लेक्चरार है।

गंगाशहर बीकानेर में इनका निवास है।

 *सूरतगढ़ में उनके भतीजे मनोज कुमार सेठिया एलआईसी में है माणक सेठिया सुशील सेठिया व्यवसायिक क्षेत्र में है*

* स्वामी आनंद प्रेम आयु में मेरे से करीब छह साल छोटे थे। नमन!*

शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

सूरतगढ़ की 'सीताराम गौशाला'-में असहाय गौवंश की सेवा आप भी करें?

** करणीदानसिंह राजपूत **





सूरतगढ़ की सूर्योदयनगरी के प्राचीन शिवबाड़ी के पास संत आश्रम की सीताराम गौशाला में गोवंश की सार संभाल हो रही है। काफी सालों से गौ माता की सेवा में श्रद्धालु जूटे हुए हैं। इस गौशाला का कार्य मामूली से चंदे और दान से प्राप्त तुड़ी घास खल गुड़ आदि से चल रहा। किसी प्रकार का सरकारी अनुदान सहायता आदि नहीं है।
गौशाला के सचिव नेमीचंद कामड़ जो हर समय संचालन में और सहयोग से सामग्री जुटाने में अपने साथियों के साथ लगे रहते हैं। नेमीचंद कामड़ ने बताया कि वर्तमान में गौशाला में 70 गाय और 20 बछड़े एक बैल मौजूद है। गाय सभी बाखड़ी दूध नहीं देने वाली असहाय हैं।
सीताराम गौशाला की वर्तमान कमेटी श्रद्धालु लोगों को शामिल कर बनाई गई है ताकि और अधिक ध्यान से असहाय गौवंशका संरक्षण किया जाए।

इस संचालन समिति में अध्यक्ष रामदयाल सारण, सचिव नेमीचंद कामड़, कोषाध्यक्ष अजय धींगड़ा, उपाध्यक्ष जसराम टाक हैं।
इनके अलावा सदस्यों में अशोक दहिया, भागीरथ,मोटाराम, संत नरसिंह दास, जुगल किशोर,रामकुमार गंवारिया,कृष्ण लाल भांभू,हरिकृष्ण गांधी,युवराज उप्पल,देवेंद्र कुमार, चानणअग्रवाल व अंंजिल अग्रवाल हैं। 

इस गौशाला में गायों के रखरखाव के लिए अभी बहुत कुछ आर्थिक सहायता की आवश्यकता है। गौशाला में जो लोग गोवंश के लिए तुड़ी,गुड़,खल आदि देने के इच्छुक हैं वे सचिव नेमीचंद कामड़ से मोबाइल नं 9587555351 पर संपर्क कर सकते हैं। अन्य लोगों से भी संपर्क कर सकते हैं। 

गौशाला पर स्वयं पहुंच कर भी सहायता सामग्री भेंट कर सकते हैं। यह गौशाला धार्मिक स्थल शिवबाड़ी के समीप है। इसी के पास राधा कृष्ण का मंदिर भी बना हुआ है। लोगों से आग्रह है कि वे गो सरंक्षण के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाएं और सीताराम गौशाला में सहयोग प्रदान करें।




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गुरुवार, 29 अक्तूबर 2020

*म्युजिक की दुनियां में भारतीय संगीत पर काम करते सोनीबंधु दीपेश संमल और शिवम ऊंचाई छूते*

 



* करणीदानसिंह राजपूत *


संगीत की दुनिया में बढ़ते पाश्चात्य संगीत के बीच भारतीयता की सोच को लेकर सूरतगढ़ के युवा सोनी बंधु दीपेश संमल और शिवम भारतीय संगीत पर ऊंची सोच को लेकर काम कर रहे हैं।

दीपेश से मेरी म्युजिक वर्ल्ड और इंडियन म्यूजिक पर बातचीत होती है। दीपेश का मानना है कि म्युजिक में युवा क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं। म्युजिक में पिछले 30 -40 सालों में पाश्चात्य संगीत का प्रवेश और बढ़ावा होता रहा और इंडियन म्युजिक पीछे धकेला जाता रहा। युवा इस पर महत्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं और इंडियन म्युजिक इंडियन क्लासिकल और इंडियन फोक म्युजिक को प्रमोट करके बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं। स्वयं दीपेश इसी पर काम कर रहे हैं।
दीपेश प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छा से पढ़ाई कर रहा था। मगर रुचि नहीं बन पाई। उसकी रुचि संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ते गई। उसने बताया की पिता कमल किशोर सोनी आकाशवाणी के सूरतगढ केंद्र पर में सुगम गीत गाते थे और उनकी रुचि से प्रभावित होते हुए फाइनल इतिहास के बाद संगीत की दुनिया में काम करने को कदम बढ़ाए।
पहले मुंबई में कुछ महीने रहकर सीखा और अब चेन्नई में ए आर रहमान फाउंडेशन से शिक्षा ले रहे हैं इसके लिए चेन्नई में ही अपना निवास बना रखा है। 






दीपेश का सग्गा छोटा भाई शिवम प्रशासनिक सेवा में ही जाने का इच्छुक है लेकिन संगीत में भी रुचि होने के कारण अपने भाई के कार्य में सहयोगी है। मिक्सिंग एंड मास्टरिंग साउंड इंजीनियरिंग का कार्य में सहयोग है। मेरी बात शिवम के साथ भी होती है।
दीपेश संमल केवल 25 वर्ष की आयु है और शिवम की आयु 21 वर्ष है लेकिन म्युजिक की दुनिया में ऊंची उड़ान के इच्छुक हैं।

दीपेश संमल ने बताया कि उनके एक सौ के करीब म्युजिक मिक्सिंग कार्य हो चुके हैं और निरंतर जोश बढ़ रहा है।
वर्तमान में दीपेश की स्थिति पियोनिस्ट फोर्थ ग्रेड, म्युजिक कंपोजर प्रोड्यूसर डायरेक्टर की है।
दीपेश ने बताया कि उनके संगीत को विभिन्न रूपों में यूट्यूब चैनल के musikpur लेबल पर सुना और देखा जा सकता है। 



दीपेश संमल ने बताया कि अभी 19 महीने हुए हैं जिसमें प्रगति से संतुष्ट हैं। 7 फरवरी 2019 को कार्य प्रारंभ किया जो यूट्यूब चैनल के musikpur लेबल पर लोग देख सुन रहे हैं और प्रभावित हो रहे हैं। श्रोताओं की बढती संख्या पर संतुष्टि है।
मैंने सूरतगढ़ आवास पर बातचीत के मध्य पियानो लैपटॉप आदि के साथ में कुछ उदाहरण देखें और सुनें।


हिंदुस्तान के हर क्षेत्र में धर्म धार्मिक कार्यक्रमों अनुष्ठानों मंत्र आदि को बहुत प्राथमिकता है।  हर कार्य हम शक्ति स्वरूप परमात्मा को ईश्वर को मानते हुए करते हैं।
इसी सोच के अनुरूप musikpur में मैंने महामृत्युंजय मंत्र गायत्री मंत्र शांति मंत्र आदि सुने जिनमें दीपेश और शिवम का कार्य है।
ओम का जाप मंत्र भी एक है जिसमें 1000 जाप हैं। 
अनेक लोग आज डिप्रेशन में है उनके लिए भी एक रीमिक्स तैयार किया है जिसमें खुद के गाने हैं यह म्युजिक बहुत प्रभावित करता है।
एक शार्ट फिल्म माहिया का बैकग्राउंड म्युजिक एक फिल्म सरप्राइस ट्रेलर का म्युजिक भी दिया हुआ है एक भारतनाट्यम नृत्य है जिसमें  भारतीय संगीत रेप सॉन्ग का मिश्रण करते हुए कार्य है।
दीपेश ने बताया कि संगीत सम्राज्ञी लता जी के 91 वर्ष में प्रवेश पर लता 91 में कार्यक्रम विभिन्न फिल्मों के संगीत से जोड़ते हुए रेप सॉन्ग तैयार किया। यह लता जी को भेंट किया गया।

दीपेश का यह भी कहना है कि सूरतगढ़ मैं एक  म्युजिक स्टुडियो बनाना चाहते हैं ताकि इस क्षेत्र की युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका मिल सके। इसके अलावा जो लोग संगीत में रुचि रखते हैं वे लोग भी लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए उम्र की कोई बाध्यता नहीं बस रूचि रखने वाले लाभ उठा सकेंगे।००
करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार,
सूरतगढ़( राजस्थान) भारत.
94143 81356.
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www.karnipressindia.com
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बुधवार, 28 अक्तूबर 2020

आशुतोष गंगल उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक बने

 


* करणीदानसिंह राजपूत*

 श्री आशुतोष गंगल ने उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक का कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इससे पहले श्री गंगल अतिरिक्त सदस्य (योजना) रेलवे बोर्ड के पद पर कार्यरत थे ।

    श्री आशुतोष गंगल वर्ष 1985 में इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ मैकेनिकल एंड इलैक्ट्रीकल इंजीनियर्स, जमालपुर (आईआरआईएमईई) से स्नातक हैं तथा इन्हें इंस्टीट्यूशन आॅफ इंजीनियर, इंडिया से सेक्शन ए तथा बी में गोल्ड मैडल भी मिला है। इन्हें भारतीय रेल पर 35 वर्ष से अधिक समय तक विभिन्न पदों पर कार्य करने का अनुभव प्राप्त है। श्री गंगल पूर्व में उत्तर मध्य रेलवे, जबलपुर में प्रमुख यांत्रिक इंजीनियर, मध्य रेलवे मुम्बई में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक तथा मंडल रेल प्रबंधक, बडौदा के पदों को भी सुशोभित कर चुके हैं।

    श्री आशुतोष गंगल ने कंटेनर कार्पोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड में लगभग 4 वर्ष तक प्रतिनियुक्ति पर भी कार्य किया है तथा इन्होंने इंटीग्रल कोच फैक्टरी, चैन्नई की फर्निशिंग डिविजन के मुख्य कारखाना इंजीनियर इंचार्ज का पद भी संभाला है। श्री गंगल ने आरडीएसओ लखनऊ में व्हीकल डायनेमिक्स ग्रुप एंड रिसर्च डायरेक्टेरेट में भी कार्य किया है ।

    श्री गंगल ने विदेशों में विख्यात ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट इंटरनेशनल एंटी करप्शन एजेंसी (आईएसीए) आस्ट्रियाय कारनेग मेलोन यूनिवर्सिटी, पीटसवर्ग, यूएसएय एसडीए-बोकोनी बिजनेस स्कूल मिलान, इटली तथा लिक्योन येन स्कूल-यूनिवर्सिटी आॅफ सिंगापुर में विभिन्न मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए ट्रेनिंग भी ली है। उपरोक्त में ट्रेनिंग के अलावा श्री गंगल आॅफिसियल एसाइनमेंट पर जर्मनी, ईजराइल तथा स्वीडन भी गए हैं।

        इन्होंने रेलवे बोर्ड में रेलवे के लिए नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाईपलाइन प्रोजेक्ट हेतु  समन्वयक के रूप में भी कार्य किया है। श्री गंगल ने आईसीएफ, मध्य रेलवे तथा पश्चिम मध्य रेलवे में स्पोर्टस प्रमोशन एक्टिविटिज के लिए प्रेजिडेंट के रूप में भी अपनी बहुमूल्य सेवाओं का योगदान दिया है।

(श्रीगंगानगर, 28 अक्टूबर 2020 पीआरओ)

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सावधान-रेल यात्रा में कोरोना संक्रमण फैलाने पर होगी 5 साल की कैद



* करणीदानसिंह राजपूत *

रेलवे ने कोविड-19 जागरूकता अभियान की शुरुआत की है जिसके कारण रेल यात्रा में बहुत सावधानी रखनी होगी और नियमों का पालन करना होगा। नियमों का पालन नहीं करने वाले यात्री कानूनी रूप से परेशान हो सकते हैं।

रेलवे द्वारा आम नागरिकों तथा रेल यात्रियों को कोविड-19 के संबंध में जागरूक करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान की शुरूआत की गई है।

                उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुनील बेनीवाल ने बताया कि रेलवे स्टेशन तथा ट्रेनों में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए रेल प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान के तहत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। यदि कोई व्यक्ति रेलवे स्टेशनों तथा ट्रेनों में इन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता है तथा कोरोना संक्रमण या गन्दगी फैलाने में सहायक होता है, तो रेल प्रशासन द्वारा उसके विरूद्ध कठोर विधिक कार्यवाही की जायेगी। 

 उन्होने बताया कि यात्री द्वारा स्टेशन या ट्रेन में उचित तरीके से मास्क ना पहनने पर, सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन नहीं करने पर, कोविड संक्रमित होने या सैम्पल देने के बाद रिपोर्ट आने से पूर्व ही यात्रा करने, सार्वजनिक क्षेत्र में थूकने, अस्वास्थ्यकारक स्थिति उत्पन्न करने, गन्दगी फैलाने या कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जारी अनुदशों की पालना नहीं करने पर ऐसे कृत्यों को रेल प्रशासन द्वारा गम्भीरता से लिया जा रहा है। किसी व्यक्ति द्वारा यात्री सुविधाओं में अवरोध पैदा करने, जानबूझकर कोविड प्रोटोकाॅल तोड़ने, कोविड-19 के खतरे को नजर अन्दाज करने, किसी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरा पहुॅचाने पर उस व्यक्ति को ऐसे कृत्यों के लिए रेलवे अधिनियम 1989 के तहत जुर्माने व कारावास से दण्डित किया जायेगा, जिसमें अधिकतम 5 वर्ष के कारावास का प्रावधान है। रेल प्रशासन सभी यात्रियों से कोविड-19 के मद्देनजर यात्रा के दौरान सरकार द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रोटोकाॅल का पालन करने का आग्रह किया है, जिससे यात्रियों के बीच कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके।

( पीआरओ 26-10-2020.)

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सूरतगढ़ में वेयर हाउस पलेदार यूनियन(इंटक) का गठन

 


* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ में वेयर हाउस पलेदार यूनियन(इंटक) का गठन हुआ है। इसका नाम वेयर हाउस पल्लेदार यूनियन (इंटक) रखा गया। इसमें अध्यक्ष जसवंत व महामंत्री शंकर नायक को बनाया गया।

सूरतगढ़ के वेयरहाउस स्थित हनुमान मंदिर में वेयर हाउस में कार्यरत मजदूरों की बैठक इंटक जिलाध्यक्ष श्याम सुंदर शर्मा के नेतृत्व में 26 अक्टूबर 2020 हुई। इस बैठक में यूनियन का गठन किया गया।


 बैठक में मजदूर नेता जसवंत ने बताया कि ठेकेदार मजदूरों को काफी समय से वेतन का भुगतान, पीएफ में गड़बड़ी, मूलभूत सुविधाओं से सभी मजदूरों को वंचित रखा गया जिसमे मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध नहीं  है सभी मजदूरों ने मिलकर इसका विरोध किया तथा इंटक यूनियन का गठन किया।

अति शीघ्र एक प्रतिनिधिमंडल एसडीएम साहब से मिलकर पूरे कागज एसडीएम साहब के सामने रखेगा तथा ठेकेदार द्वारा किये गए शोषण से अवगत करायेगा।

 बैठक में राजू गवारिया, मोहन नाथ, राकेश नाथ, राजू, छोटू,डूंगरराम, गिरधारी, गुलाम, विशाल, सुभाष, सुखराम, बंसी राम,हनुमान,भोला रावत, प्रकाश व अन्य उपस्थित थे।००

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16 लाख रिश्वत लेली.10 लाख और लेते सिपाही नरेश मीणा गिरफ्तार-थाना प्रभारी राजेश सिहाग फरार- बड़ी रिपोर्ट

 




* करणीदानसिंह राजपूत *

राजस्थान पुलिस में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा नतीजा यह है कि भ्रष्टाचार निरोधक विभाग आए दिन गिरफ्तारियां कर रहा है।
26 अक्टूबर 2020 को एसीबी ने जयपुर के होटल में कानपुर के कारोबारी से 10 लाख की रिश्वत लेते श्री गंगानगर के पुलिस कांस्टेबल को गिरफ्तार किया है और थाना प्रभारी फरार हो गया।

श्री गंगानगर जिला मुख्यालय के जवाहर नगर थाने के एनडीपीएस के एक मुकदमे 224/20 में फंसाने का डर पैदा कर उसमें राहत देने के लिए मांगी गई थी। रिश्वत में 16 लाख पहले ले चुके थे। जोधपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने जयपुर में होटल रेडिसन ब्लू में की कार्रवाई। रिश्वत लेने वाले सिपाही ने हवाई यात्राएं भी की। इतनी बड़ी रकम लेने का यह मामला गंभीर है और अनुसंधान में और भी फंस सकते हैं। अधिकारियों की यह कैसी मोनिटरिंग है। मामले रिश्वत के लिए विचाराधीन रखे जाएं और अधिकारियों को मालूम नहीं हों। एसपी की क्राइम मीटिंग में भी हर मामले की समीक्षा होती है और यह क्राइम मीटिंग एक महीने में एक तो होती ही है।
👌 रिश्वत का यह घटना क्रम *

जयपुर के एक होटल में 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते कांस्टेबल को एंट्री करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया कांस्टेबल श्रीगंगानगर के जवाहर नगर थाने में तैनात है। रिश्वत की यह रकम एनडीपीएस एक्ट के एक मुकदमे में यूपी के एक दवा कारोबारी के भतीजे को आरोपी नहीं बनाने के एवज में मांगी गई थी।





इससे पहले कांस्टेबल कारोबारी से 16 लाख रुपए की रिश्वत ले चुका था। रिश्वत के इस खेल में जवाहर नगर थाना प्रभारी राजेश कुमार सियाग भी शामिल था।

यह कार्रवाई एसीबी जोधपुर टीम के प्रभारी एडिशनल एसपी नरेंद्र सिंह चौधरी व पुलिस इंस्पेक्टर मनीष वैष्णव की अगुवाई में टीम ने की।
कानपुर के दवा व्यापारी को मुकदमे में गिरफ्तारी का डर दिखाकर मांगी रिश्वत

उत्तरप्रदेश में कानपुर के गोविंद नगर में रहने वाले कारोबारी हरदीप सिंह ने 26 अक्टूबर को एसीबी जोधपुर में शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि उसकी और उनके भतीजे पवन कुमार अरोड़ा की कानपुर में श्री गुरु तेगबहादुर फार्मा के नाम से दुकान है।
श्रीगंगानगर जिले के सदर थाने में नशीली गोलियां  के एनडीपीएस एक्ट के तहत एक मुकदमे 224/ 20 की जांच जवाहर नगर थानाप्रभारी राजेश कुमार सियाग के पास थी।

हरदीप सिंह का कहना था कि नशीली गोलियों के कारोबार में उनकी फर्म श्री गुरु तेगबहादुर फार्मा की कोई भूमिका सामने नहीं आने के बावजूद थानाप्रभारी सियाग ने उनके भतीजे पवन कुमार अरोड़ा को नोटिस दे दिया।
* 18 सितंबर 2020 को जवाहर नगर थाने के कांस्टेबल नरेशचंद मीणा व एएसआई सोहनलाल कानपुर में उनकी दुकान पर पहुंचे। वे दोनों पवन कुमार को दवाइयों के संबंध में पूछताछ के लिए  होटल गगन प्लाजा में ले गए। वहां पवन कुमार अरोड़ा को मुकदमे में गिरफ्तारी का डर दिखाया। उसे श्रीगंगानगर ले जाने की बात कहते हुए सिपाही नरेश मीणा ने15 लाख रुपए वसूल कर लिए।
सिपाही नरेशचंद ने रिश्वत लेते समय कहा  कि ढाई लाख मेरे ढाई लाख रुपए एएसआई सोहनलाल के और 10 लाख रुपए मुकदमे में जांच अधिकारी राजेश कुमार सियाग के हिस्से के हैं। इसके बाद वे दोनों 15 लाख रुपए लेकर गंगानगर लौट आए।
हरदीप सिंह ने बताया कि 25 सितंबर को दोबारा कांस्टेबल नरेशचंद यूपी में पवन अरोड़ा के घर पहुंच गया। उसे बताया कि थानाप्रभारी राजेश सियाग उनके दवाओं की जानकारी से संतुष्ट नहीं है। वे 25 लाख रुपए रिश्वत की मांग कर रहे हैं। यदि रुपयों का इंतजाम हो जाएगा तो वे उसे छोड़ देंगे।

* इसके बाद 15 अक्टूबर 2020 को सिपाही फिर कानपुर पहुंचा। रकम का प्रबंध नहीं हुआ। वह 1 लाख रूपये ले आया।
* 22 अक्टूबर को कांस्टेबल नरेशचंद मीणा वापस यूपी पहुंच गया। वहां व्हाट्सएप कॉल से पवन अरोड़ा से बातचीत की। उससे 25 लाख रुपयों की मांग की। तब पवन ने खुद के दिल्ली में होने की बात कही। ऐसे में कांस्टेबल ने पवन को धमकाकर उसका दिल्ली का फ्लाइट टिकट बुक करवाने का दबाव डाला।
तब पवन ने कांस्टेबल नरेशचंद के लिए ऑनलाइन टिकट बुक करवाया। नरेशचंद रिश्वत की रकम लेने फ्लाइट से दिल्ली पहुंच गया। पवन अरोड़ा ने बताया कि वह कोरोना संक्रमित है। अभी रिश्वत की रकम नहीं दे सकेगा। तब कांस्टेबल ने पवन अरोड़ा से 10 लाख रुपए में सौदा तय किया। उस समय 2 हजार रूपये लिए।
* एसीबी जोधपुर के प्रभारी एएसपी नरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि कांस्टेबल नरेशचंद मीणा ने पवन के चाचा हरदीप सिंह से बातचीत कर 26 अक्टूबर को रिश्वत की रकम लेकर जयपुर बुलाया।
* कल यानी 25 अक्टूबर को हरदीप सिंह जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे। कांस्टेबल नरेशचंद खुद एक पिकअप लेकर रिश्वत लेकर आए हरदीप सिंह को लेने जयपुर एयरपोर्ट पहुंच गया।
*इसके बाद वे दोनों होटल रेडिसन ब्लू पहुंचे। वहां कांस्टेबल नरेशचंद को हरदीप सिंह ने 10 लाख रुपयों की रिश्वत सौंपी। तभी इशारा मिलते ही एसीबी टीम ने कांस्टेबल नरेशचंद को धरदबोचा। उसकी व्हाट्सएप चैट्स व अन्य तथ्यों के आधार पर एसीबी ने पुलिस इंस्पेक्टर राजेश सियाग को भी आरोपी माना है। लेकिन वह फरार हो गया।
** ट्रेप टीम में अधिकारी- नरेश चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जोधपुर शहर। निरीक्षक मनीष वैष्णव, हैडकांस्टेबल प्रभुराम, जेठाराम,कांस्टेबल भूरसिंह, दलेशकुमार,भागीरथराम,छैलाराम,ओमप्रकाश,दिलीप कुमार, रूपसिंह, चालक लालाराम थे।

जयपुर में कार्रवाई के बाद श्री गंगानगर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की गंगानगर और हनुमान गढ टीमों की कार्रवाई हुई। थानाधिकारी राजेश कुमार सिहाग के आवास और सिपाही नरेश मीणा के पुलिस लाइन आवास में खोज हुई। थानाधिकारी राजेश कुमार सिहाग को मुकदमें में आरोपी होने की भनक लगी और वह फरार हो गया जिसका उल्लेख ब्यूरो ने अपनी कार्रवाई में किया है। फरार थानाधिकारी राजेश की तलाश की जा रही है।

*एनडीपीएस एक्ट में इतनी बड़ी रकम में इनके अलावा भी लिप्त हो सकते हैं। ००

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मंगलवार, 27 अक्तूबर 2020

कोरोना से मौत मंडरा रही थी मगर सरकारी डॉक्टरों और स्टाफ ने बचाया - मोटर मार्केट व्यवसायी पंकज शर्मा 8 दिन मौत के खतरे में रहे।

 


 * स्पेशल रिपोर्ट- करणीदानसिंह राजपूत *


कोरोना विषाणु के संक्रमण से हर समय मंडराती मौत से जूझते हुए बचने के बाद 43 वर्षीय पंकज शर्मा ने चैलेंज देते हुए कहा कि सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर नर्स और वर्कर्स 24 घंटे मौत के बीच में काम करते हुए जनता की सेवा में लगे हुए हैं। 

पंकज शर्मा ने कहा कि सरकारी हॉस्पिटल शानदार हॉस्पिटल, शानदार डॉक्टर,शानदार स्टाफ और वर्कर्स जो हर वक्त कोरोना पॉजिटिव रोगियों के बीच में मौत के साथ में काम करने में हर वक्त तैयार रहे।

शानदार अच्छा खाना नाश्ता व अन्य सामग्री तय समय पर दवाइयां ऑक्सीजन आदि की जांच कहीं कोई कमी नहीं।

पंकज शर्मा ने बताया कि श्रीगंगानगर कोरोना सेंटर में करीब 40-50 पीड़ितों का इलाज होते देखा और अब मौत के मुंह से बचने के बाद चैलेंज से कहता हूं कि जनता की और हमारी प्रचलित सोच सरकारी डॉक्टरों के प्रति स्टाफ के प्रति गलत है। वे देवदूत के रूप में कार्य करते हैं। उनको अपनी जिंदगी की परवाह नहीं है वे अपनी अपने परिवारों की परवाह नहीं करते हुए दूसरों को जिंदगी देने में लगे हैं।


पंकज ने बताया कि कोरोना बहुत खतरनाक बीमारी है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। पंकज ने अपनी स्थिति बताई कि मैं दुकानदार आदमी हूं लोग दुकान में आते रहे हम नोट गिनते रहे मास्क तो लगा हुआ था मगर फिर भी लापरवाही हुई। इसलिए कहता हूं कि इस बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए।


पंकज शर्मा सूरतगढ़ को श्री गंगानगर के जिला चिकित्सालय के कोरोना सेंटर में 18 अक्टूबर को भर्ती कराया गया था। वे 26 अक्टूबर की शाम को अपने घर सूरतगढ़ बसंत बिहार कॉलोनी में आये हैं और घर पर क्वांर्टिन व्यवस्था में चिकित्सालय से मिली बचाव व प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाली दवाओं का सेवन करते हुए स्वस्थ होने तक रहेंगे। पंकज शर्मा की घर वापसी पर सभी परिजन प्रसन्न हैं।


पंकज शर्मा ने यह भी बताया कि कोरोना पॉजिटिव के पीड़ित होने पर घर परिवार वाले बहुत सेवा करते हैं मगर पीड़ित की मानसिकता ऐसी हो जाती है कि उसे लगता है कि उसकी सेवा नहीं हो रही।

पंकज ने बताया कि अत्यंत वृद्ध 80- 85 साल के लोगों को तो बचाया जाना बहुत मुश्किल है इसलिए बच के ही रहना चाहिए।

पंकज ने बताया कि श्री गंगानगर चिकित्सालय आईसीयू वार्ड के बाहर हर समय सामग्री आदि पहुंचाने के लिए उसके बड़े भाई मनीष दिन रात व्यस्त रहे। 



पंकज शर्मा ने कहा कि इन दिनों में जिंदगी के सभी रोमांच खत्म हो गए। अब मौत से बच कर आए हैं। कुछ दिनों में वापस कमजोरी आदि दूर होने के बाद में फिर जनता के बीच में होंगे। 

 लेकिन इन सारी बातों को साझा करते हुए उन्होंने एक बार फिर कहा कि सरकारी हॉस्पिटल में जो व्यवस्था है,वह कोरोना को चैलेंज है। पंकज ने आम लोगों को कहा कि कोरोनावायरस और उसकी सभी प्रकार की गाइडलाइन का पालन करें,जब तक दवा नहीं है तब तक मास्क और 2 गज की दूरी में रहें। ००

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सोमवार, 26 अक्तूबर 2020

गंगानगर स्थापना दिवस 2020. शिवपुर हैड पर हवन,सर्वधर्म प्रार्थना* महाराजा गंगासिंह को याद किया गया




 * करणीदानसिंह राजपूत *

श्रीगंगानगर के स्थापना दिलस पर आज 26 अक्टूबर 2020 को महाराजा गंगासिंह को याद किया गया। गंगनहर के शिवपुर हैड पर हवन पूजन अर्चन कार्यक्रम हुए। सर्वधर्म प्रार्थनाएं हुई। जनप्रतिनिधियों प्रशासनिक अधिकारियों व जनता ने भाग लिया।


जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा ने कहा कि महाराजा गंगासिंह की दूर दृष्टि तथा विकास की सोच के कारण जिले में नहरी तंत्र विकसित हुआ, जिसकी बदौलत खेत खलीहान तथा जिला हराभरा बना है। 

श्री वर्मा ने सोमवार को गंगानगर स्थापना दिवस के अवसर पर शिवपुर हैड पर पूजा अर्चना, हवन के पश्चात यह बात कही। उन्होने कहा कि गंगनहर के कारण ही हमारा पूरा जीवन सुखमय व सम्पन्नता से भरा है। उन्होने कहा कि इस क्षेत्र में सभी की तरक्की हो तथा जिला आगे बढे। भाईचारा व आदर्श का एक उदाहरण बने, ऐसी मैं इच्छा रखता हूॅ। उन्होने गंगानगर स्थापना दिवस के अवसर पर इस क्षेत्र के समस्त नागरिकों को शुभकामनाएं दी। 

शिवपुर हैड पर हवन व पूजा अर्चना करने के पश्चात श्रीफल व पुष्प नहर में विसर्जित किये गये। शिवपुर हैड पर सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया, जिसमें पंडित कृष्णकान्त तिवाडी, हाजी लाल मोहम्मद, गुरूद्वारा सिंहसभा से हरनेक सिंह तथा पादरी श्री जोभी तथा स्वामी सुखानन्द ने भाग लिया। शिवपुर हैड पर पौधारोपण किया गया। 









 इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री राजन दुष्यन्त, एडीएम प्रशसन डाॅ0 गुंजन सोनी, एडीएम सतर्कता श्री अरविन्द जाखड़, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती टीना डाबी, आबकारी अधिकारी प्रतिष्ठा पिलानियां, एसीईओ श्री मुकेश बारेठ, न्यास सचिव डाॅ0 हरितिमा, एसडीएम श्री उम्मेद सिंह रत्नू, अधीक्षण अभियन्ता श्री प्रदीप रूस्तगी, जिला रसद अधिकारी श्री राकेश सोनी, जिला परिवहन अधिकारी सुमन डेलू, अधीक्षण अभियन्ता पेयजल श्री बलराम शर्मा, डाॅ0 बृजमोहन सहारण, श्री भीम शर्मा, लीला ट्रस्ट की ओर से श्री प्रेम चैधरी सहित ग्रामीण जन व किसान उपस्थित थे। 


* गंगासिंह चैक पर किया माल्यार्पण *


गंगानगर स्थापना दिवस के अवसर पर शिवपुर हैड के पश्चात शहर में महाराजा गंगासिंह चैक पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित करने का कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री राजन दुष्यन्त व गंगानगर विधायक श्री राजकुमार गौड, नगर परिषद की अध्यक्ष श्रीमती करूणा चांडक, आयुक्त प्रियंका बुढानिया,  पूर्व सभापति श्री जगदीश जांदू, पूर्व जिला प्रमुख श्री सीताराम मौर्य, सहित शहर के गणमान्य नागरिकों ने माल्यार्पण किया। कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मीनारायण शर्मा ने किया। 


गगानगर विधायक श्री राजकुमार गौड़ ने कहा कि महाराजा गंगासिंह की सोच के कारण गगानगर जिला आज अनाज का कटोरा है। गंगनहर निर्माण से पहले यहां रेत के टीले थे तथा वर्षा पर ही खेती निर्भर थी। महाराजा गंगासिंह ने इस क्षेत्र की जनता को खुशहाल बनाने के लिए  पुनित कार्य किया, जिसके कारण यहां के नागरिक महाराजा गंगासिंह को सदैव नमन करते हैं। ००


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कोयला घोटाला: पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री दिलीप रे को 3 साल की कैद,बाजपेयी मंत्री मंडल में थे. अभी जमानत दी गई।


* 21 साल पुराना केस*

* करणीदानसिंह राजपूत *

सीबीआइ अदालत ने आज 26 अक्टुबर 2020 को कोयला खान आवंटन में हुए भ्रष्टाचार में फैसला सुनाया है जिससे बाजपेयी मंत्री मंडल के मंत्री रहे दिलीप रे संकट में हैं। दिलीप रे को अपील के लिए समय दिया गया है। इससे एक बार राजनीति में गर्मी आएगी।


केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री दिलीप रे को 3 साल की जेल की सजा सुनाई। 

*1999 में हुआ था कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला*

दिलीप रे समेत तीन दोषियों को तीन साल की सजा सुनाई गई है साथ में तीनों दोषियों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। 

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री दिलीप रे को 3 साल की जेल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही घोटाले से जुड़े अन्य दो दोषियों को भी तीन साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही तीनों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सीबीआई कोर्ट ने दिलीप रे समेत सभी तीनों दोषियों को एक-एक लाख रुपये के बांड पर जमानत दे दी. इसके साथ ही फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील के लिए 25 नवंबर तक की मोहलत दी गई है. 

सीबीआई की विशेष अदालत ने दिलीप रे के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो वरिष्ठ अधिकारी, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल), इसके निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) को भी दोषी ठहराया था. कोर्ट ने सीटीएल पर 60 लाख तो सीएमएल पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.


गौरतलब है कि बीते दिनों ही विशेष अदालत ने कोयला घोटाले से जुड़े एक मामले में दिलीप रे को दोषी करार दिया था. उनका ये मामला 1999 में झारखंड कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितता से जुड़ा है. विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने दिलीप रे को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दोषी पाया, जबकि अन्य को धोखाधड़ी और साजिश रचने का दोषी पाया गया.


कौन हैं दिलीप रे बीजू जनता दल (बीजेडी) के संस्थापक सदस्य रहे दिलीप रे, बीजू पटनायक के काफी करीबी थे. हालांकि बाद में रे ने पार्टी बदल ली और भाजपा में शामिल हो गए. 2014 में वह बीजेपी के टिकट पर राउरकेला से विधायक चुने गए. रे ने 2019 के चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ दी और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास पर अपना वादा नहीं निभाया है. 


दिलीप रे के भाजपा छोड़ने के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह अपनी पूर्व पार्टी बीजेडी में शामिल हो सकते हैं और बीजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, दिलीप रे राजनीति से दूर रहे. अब उनको कोयला घोटाले में तीन साल की सजा मिली है.००


रविवार, 25 अक्तूबर 2020

श्रीगंगानगर जिले में पराली व अन्य फसलों के अवशेष को जलाने पर प्रतिबंध


* करणीदानसिंह राजपूत *

श्रीगंगानगर, 25 अक्टूबर 2020.

प्रदूषण को रोकने और वातावरण को शुद्ध रखने के लिए जिला कलेक्टर ने फसल कटाई के इन दिनों में फसलों के अवशेष जलाने पर रोक लगा दी है।

जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री महावीर प्रसाद वर्मा ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण जिला क्षेत्र में पराली व अन्य फसलों के अवशेष को, जलाने को लेकर प्रतिबन्धात्मक आदेश जारी किए है। 

 आदेशानुसार जिले के काश्तकार धान (चावल) व अन्य फसलों के अवशेष/कचरे को नही जलाएंगे। 

उन्होने संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, व विकास अधिकारियों को इन आदेशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। इन आदेशों की अवहेलना किए जाने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं अन्य सुसंगत धाराओं के तहत दण्डित किया जाएगा। यह आदेश 24 नवम्बर 2020 की मध्य रात्रि तक प्रभावशील रहेंगे। 

 उन्होने बताया कि फसल खरीफ 2020 में धान (चावल) की कटाई चल रही है। धान (चावल) की फसल के अवशेषों/कचरे को काश्तकारों द्वारा आग लगाए जाने के कारण व केवल धुंए से वायु प्रदुषण फैलता, बल्कि हरे पेड भी जल जाते है तथा अग्नि से सम्पति, जान माल की हानि होने की संभावना भी रहती है। वायु प्रदुषण से आमजन प्रभावित होता है, जिसमें माननीय ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली द्वारा समय-समय पर आदेश किए गए है। कृषि अवशेषों को जलाया न जाकर उन्हे वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाए। ००


मास्क बांटने में सोशल डिस्टेंस नहीं रखने से यदि कोरोना संक्रमण फैला तब जिम्मेदार कौन होगा?

 



* करणीदानसिंह राजपूत *

सरकार ने और उसके नुमाइंदे कलेक्टर आदि ने संदेश दिया और दे रहे हैं  कि जब तक दवा नहीं तब तक ढिलाई नहीं मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंस 2 गज की दूरी रखें।
मास्क बांटने का अभियान जनता को प्रेरित करने का अभियान अब चलाया जा रहा है। अब इस प्रेरणा अभियान में सबसे बड़ी गलती जानबूझ से की जा रही है की दो गज दूरी नहीं रखी जा रही है।
नेताओं की जनप्रतिनिधियों की प्रशासनिक अधिकारियों की स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों की मास्टर बांटने के फोटोग्राफ्स अखबारों में चैनलों में और सोशल साइट्स पर आ रहे हैं उनमें तो सभी एक दूसरे से सटे हुए चिपे हुए खड़े हैं। फोटो खिंचवाना और उन्हें प्रकाशित प्रदर्शित करना इसी चक्कर में एक दूसरे से चिपक कर के खड़े होते हैं।एक ही फोटो में अधिक से अधिक लोग आ जाएं इस कारण से अभियान का मूल मंत्र अभियान चलाने वाले ही तोड़ रहे हैं।

जब आप समझदार लोग ही नियम भंग कर रहे हैं तो आपकी बात को कोई मानेगा भी क्यों? सोशल डिस्टेंस का पालन आप नहीं करते यदि आपके इस मास्क बांटने वाले कार्यक्रम से सोशल डिस्टेंस नहीं रखने पर कोरोना संक्रमण होता है फैलता है तो इसकी जिम्मेदारी भी आप पर ही होनी चाहिए?
सोशल डिस्टेंस नहीं रखने उसके फोटोग्राफ्स अखबारों चैनलों सोशल साइट्स पर आने से इस अभियान को  ठेस ही पहुंच रही है। इस गलती से अभियान की खिल्ली उड़ रही है।

सब कुछ जानते हुए भी इस नियम को तोड़ा जा रहा है तो इसकी जवाब देही आप पर ही आती है। आपके जवाब की प्रतीक्षा है।

आप इसका सार्वजनिक रूप से क्या जवाब देना चाहेंगे ? ००

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