शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

श्रीगंगानगर जिले में 67 स्थानों पर आधार कार्ड बनाने के केन्द्र संचालित

श्रीगंगानगर, 31 जनवरी 2020.

सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग की उपनिदेशक श्रीमती रूचि गोयल ने बताया कि गांव 2एमएलडी-ए में, गांव 4केपीडी, नगरपालिका केसरीसिंहपुर, ग्राम पंचायत रायांवाली में, पंचायत समिति अनूपगढ, सिंडीकेट बैंक शिव चैक श्रीगंगानगर, बैंक आॅफ इंडिया ब्लाॅक एरिया श्रीगंगानगर, आरएमजीबी नरसिंहपुरा 49एलएलडब्ल्यू में, एसबीआई बैंक 8 एलएलजी में, पीडब्ल्यूडी आॅफिस तहसील रोड़ सूरतगढ, 41 सी ब्लाॅक स्वामी दयानन्द मार्ग श्रीगंगानगर, रेलवे स्टेशन के पास डाकघर, डाकघर मुखर्जी नगर श्रीगंगानगर, जैतसर डाकघर ग्राम पंचायत जैतसर 1 जीबी-ए में, डाकघर करनपुर में, मिर्जेवाला डाकघर 11 क्यू में, डाकघर सूरतगढ, 8 पीएसडी बी रावला मंडी में, केसरीसिंहपुर डाकघर गुरूद्वारे के पास, मुख्य डाकघर श्रीगंगानगर, चीफ ब्लाॅक एजुकेशन आॅफिस आईसीआईसी बैंक के सामने 27 ए चैक अनूपगढ, एसबीआई बैंक न्यू धानमंडी घडसाना, पंजाब एण्ड सिंध बैंक 22 पब्लिक पार्क गंगानगर, राजस्थान मरूधरा ग्रामीण बैंक केरी 5 डी बडी दुल्लापुर केरी, एसबीआई बैंक पब्लिक पार्क श्रीगंगागनर, पुराना धान मंडी डाकघर श्रीविजयनगर, एसबीआई बैंक श्रीकरणपुर, सादुलशहर डाकघर, एसबीआई बैंक सूरतगढ, डाकघर पदमपुर, 1 डी श्रीगंगानगर, 41 सी ब्लाॅक श्रीगंगानगर, नगरपालिका के पास अनूपगढ, 1जीबी-ए जैतसर, 6 जीएमडी घडसाना, 7टीके डब्ल्यू ताखरावाली, 60 एलएनपी, पंचायत भवन रायसिंहनगर, ब्लाॅक एरिया श्रीगंगानगर, ग्राम पंचायत रोहिडावाली, विजया बैंक 25 बी ब्लाॅक श्रीगंगानगर, एसबीआई बैंक मुख्य शाखा रायसिंहनगर, पंचायत समिति सूरतगढ, ग्राम पंचायत रंगमहल, नगरपालिका वार्ड नम्बर 21 सूरतगढ में, महिला बाल विकास विभाग नजदीक एलआईसी आॅफिस सूरतगढ, ग्राम पंचायत ख्यालीवाला, ओबीसी बैंक नई मंडी घडसाना, ग्र्राम पंचायत 9बीबी रत्तेवाला, पंचायत समिति परिसर अनूपगढ, नगरपालिका श्री विजयनगर, पंजाब नेशनल बैंक गंगूवाला, एसबीआई बैंक सादुलशहर, केनरा बैंक शिव चैक श्रीगंगानगर, 45 सी ब्लाॅक गंगानगर, गगनपथ जवाहर नगर गंगानगर, डाकघर गजसिंहपुर 1 एफएफबी, गुरूद्वारा के पास केसरीसिंहपुर, डाकघर सादुलशहर, पंजाब एण्ड सिंध बैंक 22 पब्लिक पार्क श्रीगंगानगर, ओबीसी बैंक 4 जी, ग्राम पंचायत 11 पी, एक्सिस बैंक मीरा चैंक के पास श्रीगंगानगर में आधार मशीन संचालित है। इसी प्रकार डाक घर एसडीएम कार्यालय के पास घडसाना, पंजाब नेशनल बैंक गौशाला रोड श्रीगंगानगर, 5 एम 5 जवाहरनगर श्रीगंगानगर तथा नगरपालिका अनूपगढ में आधार मशीन संचालित है। आधार केन्द्रों पर कोई भी नागरिक अपना आधार कार्ड बनवा सकता है, जो निशुल्क है तथा आधार कार्ड का अपडेशन करवाने का शुल्क 50 रूपये निर्धारित है। 

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बुधवार, 29 जनवरी 2020

बसंत पंचमी और मां सरस्वती




बसंत पंचमी का त्योहार हिंदू कैलेंडर के हिसाब से माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती पृथ्वी पर प्रगट हुई थीं। माता सरस्वती ने पृथ्वी पर उदासी को खत्म कर सभी जीव-जंतुओं को वाणी दी थी। इसलिए माता सरस्वती को ज्ञान-विज्ञान, संगीत, कला और बुद्धि की देवी भी माना जाता है। माता के जन्म के उत्सव पर वसंत पचंमी का त्योहार मनाया जाता है और सरस्वती देवी की पूजा की जाती है।


बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि सृष्टि की रचना के बाद सरस्वती देवी ने सभी को वाणी दी थी। माना जाता है कि सृष्टि रचियता ब्रह्मा ने जीवों और मनुष्यों की रचना की थी, लेकिन इसके बाद भी वह ब्रह्मा जी संतुष्ट नहीं थे। क्योंकि पृथ्वी पर हर तरफ उदासी छाई हुई थी। तब ब्रह्मा जी ने विष्णु भगवान की अनुमति लेकर अपने कमंडल से जल की कुछ बूंदे पृथ्वी पर छिड़की। ब्रह्मा जी के कमंडल से धरती पर गिरने वाली बूंदों से एक प्राकट्य हुआ। यह प्राकट्य चार भुजाओं वाली देवी सरस्वती का था। माता सरस्वती के एक हाथ में वीणा थी, दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। इसके अलावा बाकी अन्य हाथों में पुस्तक और माला थी। इसके बाद माता की कृपा से मनुष्य और जीव-जंतुओं को वाणी का वरदान प्राप्त हुआ था।

ब्रह्मा ने चार भुजा वाली देवी सरस्वती से वीणा बजाने का अनुरोध किया। देवी के वीणा बजाने के साथ-साथ संसार के सभी जीव-जन्तुओं को वाणी प्राप्त हुई थी। सरस्वती देवी ने जीवों को वाणी के साथ-साथ विद्या और बुद्धि भी दी। इसलिए बसंत पंचमी के दिन हर घर में सरस्वती की पूजा भी की जाती है। दूसरे शब्दों में बसंत पंचमी का दूसरा नाम सरस्वती पूजा भी है। मां सरस्वती को विद्या और बुद्धि की देवी माना गया है।

विद्यार्थी, लेखक और कलाकार सरस्वती देवी की मूर्ती के सामने पुस्तकें, कलम और वाद्ययंत्र रखकर पूजा करते हैं। 

लोग प्राकृतिक जल स्रोतों, बाबलियों और झरनों में स्नान कर पीले वस्त्र धारण करते हैं और मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं। पूजा के लिए पीले रंग के चावल, पीले लड्डू और केसर वाले दूध का इस्तेमाल किया जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार पूजा के लिए सफेद फूल, चन्दन, श्वेत वस्त्र से देवी सरस्वती जी की पूजा करना अच्छा होता है। माता सरस्वती के पूजन के लिए अष्टाक्षर मूल मंत्र “श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा” का जाप करना उपयोगी होता है। वहीं रात में दोबार धुप और दीपक जलाकर 108 बार मां सरस्वती के नाम का जाप करना और पूजा के बाद देवी को दण्डवत प्रणाम करना चाहिए।

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इनको ओले कहते हैं जी.कविता-करणीदानसिंह राजपूत.



इनको ओले कहते हैं जी,

ये खेतों में गांवों में गिरते हैं जी,

ये कोठी बंगलों में नही गिरते

मंत्री जी सरकार जी।

इनकी मार आपके वेतन भत्तों

पर नहीं पड़ती।

आपको फुरसत होतो

फोटो देख लेना।

अपने बीबी बच्चों को

दिखलाना और बताना

कि इनको ओले कहते हैं

ये खेतों और गांवों में गिरते हैं।

बच्चे मचल पड़ें देखने को तो

पिकनिक मनाने पहुंच जाना।


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करणीदानसिंह राजपूत,

सूरतगढ़।

29 जनवरी 2020.

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मंगलवार, 28 जनवरी 2020

राजस्थान के सूरतगढ में बिना मंजूरी मदरसा निर्माण भवन को सीज किया गया

सूरतगढ़ 28 जनवरी 2020.

नगरपालिका ने वार्ड नं. 1 में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की और

निर्माणाधीन भवन को किया सीज कर दिया। उक्त भवन मदरसे के नाम से निर्माण किया जा रहा था। नगरपालिका की ओर से उक्त भवन

निर्माण करने वालों को नोटिस जारी किया गया है। उक्त भवन पर नोटिस लगाया गया है। भवन को छह माह की अवधि के लिए सीज किया गया है।

नगरपालिका में कांग्रेस बोर्ड बनने के बाद अवैध निर्माण के आरोप में यह दूसरी कार्रवाई है।

ओमप्रकाश कालवा के अध्यक्ष बनने के बाद पहली सीज कार्रवाई भादू कटले पर हुई। भादू कटले निर्माण को 13 दिसंबर को सीज किया गया था जो आजतक सीज स्थिति में है। ईओ लालचंद सांखला की ओर से कार्रवाई की गई। सांखला 31 मार्च 2020 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

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सोमवार, 27 जनवरी 2020

ठूंस ठूंस कर खाओ, मस्त मस्त हो जाओ।व्यंग्य काव्य - करणीदानसिंह राजपूत,




ठूंस ठूंस कर खाओ,

मस्त मस्त हो जाओ।


अपने को फलता फूलता देख

जिनको नहीं सुहाता,

वे बहाने से बोलते हैं,

मोटापा आ रहा है

खराब करेगा आगे।


ऐसे डाक्टर घर घर में बैठे हैं।

ये तो दुश्मन हैं,बस टोकते रहते हैं।


मन की मानो ,अपनी करो,

ठू़ंस ठूंस कर खाओ,

मस्त मस्त रहो।


तली तलाई तेज मिर्ची खटाई

कचोरी समोसे आलू टिकिया,

और मजेदार दही बड़े,

पानीपूरी का पानी,

चाऊमिन के चटखारे।

जै बोलो इन सबकी।


सुंदरता खूबसूरती को

बचाने वचाने के चक्कर में

परेशान मत होवो।


ठूंस ठूंस कर खाओ,

मस्त मस्त हो जाओ।


आदमी हो या औरत

युवा हो या ब्याहता

रोकने टोकने पर 

रूकें नहीं, न उनकी मानें


अपना मुंह अपनी जीभ

अपना ही तो पेट है,

फिर क्यों उनकी मानें।


अपनी ईच्छा है 

और तन मन अपना

इसलिए सभी के सामने खाएं,

उनके सामने खाएं।

ये रोकने टोकने वाले,

अपने आप चुप रह जाएंगे।


ये घर वाले खुद रोकते टोकते हैं,

सुंदरता खूबसूरती 

स्वास्थ्य का नाम लेकर,

वैद्य से भी कहलवा देते हैं।

मिर्च तेल खटाई का परहेज,

नहीं तो बन जाओगी हथिनी।


वैद्य के कहने पर भी रूकना नहीं,

अपनी ईच्छा को मारना 

बड़ा अपराध ही तो है।

परिवार वाले रोकें 

चाहे रिश्तेदार टोकें

अपना जीवन अपनी मस्ती है,

अब रोका टोकी का जमाना नहीं।


ठूंस ठूंस कर खाओ,

मस्त मस्त हो जाओ।

खुद खाओ, 

अपने साथी सहेली को खिलाओ।

कोई दिन न चूकें

चटपटा एक दिन न भूलें।


दुनिया चार दिनों की

फिर क्या सुंदरता और क्या

खूबसूरती का पचड़ा।

अरे,जिएं तो मस्ती से जीएं।


इसलिए युवा लोगों

घर दफ्तर यात्रा हो,

जन्मदिन या ब्याह का

प्रीति भोज हो।

ठूंस ठूंस कर खाओ,

मस्त मस्त हो जाओ।


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व्यंग्य काव्य - करणीदानसिंह राजपूत,

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शनिवार, 25 जनवरी 2020

पगथली में रेत कण न चुभे* कविता- करणीदानसिंह राजपूत


माई डीयर मोंटी,

सारी पेड़ियां 

साफ ।

मेरी मोंटी को

चढना और उतरना।

कहीं थोड़ी सी

धूल भी न लगे

पगथली में 

कोई रेत कण भी

न चुभे।

पगथली तो 

नाजुक है।

चूमने वाली है।

आपका दिन

हंसते मुस्कुराते

बीते।

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मेरी हथेली में उठाऊं तुम्हारी पगथली।


मेरी हथेली में उठाऊं

तुम्हारी पगथली।


ऐसा प्यार हमारे

तुम्हारे बीच में हो।


तुम्हारी पगथली को

चूम कर इठलाऊं।


बाहों में लेकर  तुम्हें

मस्त मस्त करदूं।


ऐसा प्यार तो

सभी चाहते हैं।


मगर प्रेमिका की

पगथली को चूमना

नहीं चाहते।


मैं तो पगथली को

चूम रहा हूं सालों से।


इसीलिए तो वह

चिपटी है मेरे तन से।


बहुत आनंद मस्ती

मिलती है पगथली में।


आओ, मेरी सुंदरता

कुछ पांव उठाओ।


तुम्हारी पगथली को

भी चूमू सहलादूं।


हम दोनों में से 

कोई बोल पड़ेगा।


कह देगा जल्दी से

लव माई डीयर।


सुदरता तुम सुंदर

पगथली अति सुंदर।


मैं सच्च में चूम लूंगा

पगथली तुम्हारी।


मोरपंख धारी ने

चूमी राधा की ऐड़ी।


जूही की कली सी

राधा सी मोंटी।


तुम्हारी गोरी ऐड़ी

का रसपान करूं।


सच्च में यह

अवसर आएगा।


तुम सो नहीं पाई 

रात भर।


मै भी यादों में

तुम्हारी जागता रहा।


यह कैसा प्रेम है

दोनों के बीच चुपचाप।


तुम हंसती रहो सदा

मुस्कुराती रहो हर पल।


आजकल तो खुश हो

ऐसे ही खुश रहो।


तुम्हारी खुशी ही

मेरी खुशी है।


चाहे मोंटी कहूं

चाहे खूबसूरती कहूं।


आसपास नहीं है

तुम्हारे जैसी खूबसूरत।


इसलिए हंसाता रहता

तुमको हर पल।


बस देखता रहूं

तुम सामने रहो।


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कविता - श्रंगार प्रीत रस*

करणीदानसिंह 

मंगलवार, 21 जनवरी 2020

राजस्थान में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण व कल्याण अधिनियम- जरूर पढें

श्रीगंगानगर, 21 जनवरी 2020.

 राज्य में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण व कल्याण अधिनियम 2007 को प्रभावी रूप से अगस्त 2008 से लागू किया गया। अधिनियम के क्रियान्वयन के लिये 19 सितम्बर 2008 को प्रत्येक उपखण्ड स्तर पर अधिकरण तथा प्रत्येक जिले को अपीलीय अधिकरण का गठन किया गया तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी को अनुरक्षण अधिकारी के रूप में अधिसूचित किया गया। पदाधिकारी द्वारा अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों का निस्तारण किया जाता है। अधिनियम की धारा 31 (1) की पालना में राजस्थान सरकार माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरणपोषण नियम-2010 जारी किये गये। 

अधिनियम की धारा 23 (1) के अनुसार कतिपय परिस्थितियों में सम्पति के अन्तरण को शुन्य घोषित करने के संबंध में समस्त जिला कलक्टर एवं उपखण्ड अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश के लिये परिपत्र जारी किया। राज्य में राज्य, केन्द्र सरकार द्वारा अनुदानित राजकीय एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से कुल 45 वृद्धाश्रम संचालित है, जिनमें गरीब वृद्ध निसहाय, निराश्रित, सन्तानहीन, परिवार से प्रताड़ित तथा वृद्ध व्यक्ति आजीविका चलाने में असमर्थ वृद्ध महिला, पुरूष जिनकी आयु 60 वर्ष अथवा इससे  अधिक है, उन्हें आवास, भोजन-वस्त्र, मनोरंजन, चिकित्सा, पत्र-पत्रिका आदि की निशुल्क सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। 

राज्य में कुल 22 भक्त श्रवण कुमार कल्याण सेवा आश्रम (डे-केयर सेन्टर) संचालित किये जा रहे है। जिनमें उनकी आवश्यकताओं जैसे चिकित्सा सेवा, प्रौढ शिक्षा, धार्मिक प्रवचन, धार्मिक स्थलों का भ्रमण एंव निशुल्क चाय, अल्पाहार, पत्र-पत्रिकाएं व मंनोरजन आदि की सुविधाये उपलबध कराई जाती है। वर्तमान में वरिष्ठ नागरिकों के पुनर्वास एवं सरंक्षण की दिशा में समुचित कार्य करने के लिये विभाग द्वारा राजस्थान राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड का गठन किया गया। 

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सोमवार, 20 जनवरी 2020

श्रीगंगानगर-प्रभारी सचिव ने टिड्डी प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा

श्रीगंगानगर, 20 जनवरी 2020.

भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एवं जिले के प्रभारी सचिव श्री वैभव गलरिया ने सोमवार को श्रीगंगानगर जिले के टिड्डी प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने टिड्डी से प्रभावित किसानों से बातचीत की तथा जिन खेतों में टिड्डी का अधिक प्रभाव था, वो फसलें भी देखी। उन्होंने टिड्डी मंडल, कृषि विभाग तथा किसानों के सहयोग से टिड्डियों की रोकथाम पर चल रहे छिड़काव कार्यों पर संतोष व्यक्त किया। श्री गलरिया ने कहा कि जिन फसलों का नुकसान हुआ है, उसकी गिरदावरी तथा बीमा कम्पनी द्वारा सर्वें का कार्य जल्द पूरा कर लिया जाये तथा जिन किसानों की फसल का नुकसान हुआ है, उन्हें बीमा कम्पनी तथा आपदा राहत कोष से नियमानुसार राहत प्रदान की जायेगी। प्रभारी सचिव ने चक 4 केएएम, 5 केएएमए, 1केबीएम, 2केबीएम, 1बीएनडब्ल्यू सहित अन्य गांवों का दौरा कर प्रभावित फसलों को देखा तथा उपस्थित किसानों से बातचीत की। इस अवसर पर तहसीलदार तथा कृषि विभाग के उपनिदेशक श्री जी.आर.मटोरिया व स्थानीय अधिकारी मौजूद थे। 

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शनिवार, 18 जनवरी 2020

गोरखपुर-हिसार सुपर फास्ट को वाया कैनाल लूप सूरतगढ़ तक विस्तार का प्रस्ताव

** करणीदान सिंह राजपूत **

गोरखपुर हिसार के बीच चलने वाली सुपर फास्ट गोरखधाम सुपरफास्ट 12555 -12556 को सूरतगढ़ तक विस्तार का एक प्रस्ताव तैयार करके पूर्व राज्य मंत्री वर्तमान सांसद निहालचंद मेघवाल को दिया गया है। जेड आर यू सी के पूर्व सदस्य भीम शर्मा के अनुसार गाड़ी संख्या 12555 प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे  हिसार पहुंचती है और वापस शाम को 4:15 बजे रवाना होकर गोरखपुर पहुंचती है।

इस ट्रेन को हिसार के बाद वाया सिरसा से बठिंडा कैनाल लूप स्टेशनों को जोड़ते हुए सूरतगढ़ तक बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।


भीम शर्मा के अनुसार हिसार के बाद सिरसा,बठिंडा,गिद्दड़बाहा, मलोट, अबोहर,श्रीगंगानगर,केसरीसिंहपुर, श्रीकरणपुर, गजसिंहपुर, रायसिंहनगर,जैतसर होते हुए सूरतगढ़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

 इससे आम जनता को कानपुर सेंट्रल उन्नाव जंक्शन लखनऊ बाराबंकी जंक्शन गोंडा जंक्शन बस्ती खलीलाबाद की सीधी यात्रा सुविधा मिल सकेगी।

 इसके लिए अतिरिक्त रैक की आवश्यकता होगी।

सैनिकों को भी  बहुत अच्छी सुविधा मिल सकेगी।

इसके अलावा सूरतगढ़ से श्रीगंगानगर कैनाल लूप लाइन के स्टेशनों पर भी इस सुविधा का लाभ मिल सकेगा।


बुधवार, 15 जनवरी 2020

सांसद निहाल चंद ने जम्मूतवीं-बठिंडा एक्सप्रेस के जोधपुर तक विस्तार को झंडी दिखाई

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 15 जनवरी 2020.

रेलवे स्टेशन पर समारोह में सांसद ने जम्मू तवी बठिंडा एक्सप्रेस के जोधपुर तक के विस्तार का शुभारंभ उद्घाटन स्पेशल ट्रेन को झंडी दिखा कर रवाना किया।

इस समारोह में विधायक रामप्रताप कासनिया,रेल अधिकारी, शहर के विभिन्न संस्थाओं के लोग मौजूद थे।


सूर्योदय नगरी संघर्ष समिति के संयोजक प्रेम सिंह सूर्यवंशी व पार्षद ओमप्रकाश अठवाल ने फुट ओवरब्रिज ( स्लोप) वाले का पुनर्निर्माण शीघ्र कराने की मांग की।

पूर्व केन्द्रीय राज्यमन्त्री एंव सांसद निहालचन्द के प्रयासों से इलाके की जनता को अमृतसर व डेरा व्यास जैसे धार्मिक स्थानों  की यात्रा करने के लिए एक सीधी दैनिक रेल सेवा की सौगात मिली है।

जेडआरयूसीसी के पूर्व सदस्य भीम शर्मा ने बताया कि गाडी संख्या 19225 /19226 जम्मूतवी-बठिंडा-जम्मूतवीं एक्सप्रेस गाड़ी को वाया मण्डी डबवाली, हनुमानगढ, सूरतगढ,बीकानेर,जोधपुर तक विस्तार किया गया है। 

16 जनवरी से गाड़ी संख्या 19225/19226 का नियमित संचालन जोधपुर, बीकानेर सहित सूरतगढ, हनुमानगढ आदि क्षेत्रों से लोग पहली बार अमृतसर के लिए सीधी रेल सेवा से यात्रा कर सकेगें। इन क्षेत्रो के लोग कोटकपूरा, फरीदकोट, फिरोजपुर कैंट, लोहिया खास, कपूरथला, जालधंर सीटी, व्यास, अमृतसर जक्शंन, बटाला, गुरदासपुर, पठानकोट सीधे रेल सेवा से जुड जायेगें। 

उतर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री अभय शर्मा के अनुसार यह गाड़ी जम्मूतवी से प्रतिदिन रात्रि 9.25 बजे रवाना होकर साम्भा, हीरानगर, कठुआ, पठानकोट, गुरदासपुर, धारीवाल, बटाला जंक्शन, वेरका जंक्शन, अमृतसर जंक्शन, ब्यास, जालंधर सिटी, कपूरथला, रेलकोच फैक्ट्री, सुलतानपुर लोदी, लोहियाखास, मक्खू, मल्लावाला खास, फिरोजपुर केन्ट, फरीदकोट, कोट कपूरा, जैतो आदि स्टेशनों पर ठहराव करते हुए अगले दिन प्रातः 9.40 बजे बठिंडा पहुंचने के बाद वहां से 9.50 बजे रवाना होकर 11.20 बजे हनुमानगढ, दोपहर 12.20 सूरतगढ, दोपहर 3.20 बजे बीकानेर, सायं 4.27 बजे नोखा, सायं 6.03 बजे मेडता रोड़ होते हुए रात्रि 8.35 बजे जोधपुर पहुचेगी।

जोधपुर से अगले दिन प्रातः 6.45 बजे रवाना होकर प्रातः 8.32 बजे मेडतारोड़, 10.51 नोखा, दोपहर 12.40 बजे बीकानेर सायं 3.25 बजे सूरतगढ,4.20 बजे हनुमानगढ, सांय  6.30 बजे बठिण्डा पहुंचने के बाद अगले दिन प्रातः 6.35 बजे जम्मूतवी  पहुचां करेगी। 

भीम शर्मा ने बताया कि इस गाड़ी के लिए सांसद की ओर से मण्डी डबवाली, लूणकरणसर आदि स्टेशनों के लिए भी ठहराव मांगे गये है** 


***  समय सारिणी  ***









मक्कर संक्रांति 2020 का सूर्यास्त. *करणीदानसिंह राजपूत*




नयनाभिराम दृश्य में बहुत कुछ समाया हुआ है।

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मंगलवार, 14 जनवरी 2020

जम्मूतवीं-बठिंडा एक्सप्रेस का जोधपुर तक विस्तार- सूरतगढ़ में 15 जनवरी को सांसद निहालचंद दिखाएगें झंडी

** करणीदानसिंह राजपूत **

सूरतगढ़,जनवरी 2020.

पूर्व केन्द्रीय राज्यमन्त्री एंव सांसद निहालचन्द के प्रयासों से इलाके की जनता को अमृतसर व डेरा व्यास जैसे धार्मिक स्थानों  की यात्रा करने के लिए एक सीधी दैनिक रेल सेवा की सौगात बुधवार 15 जनवरी से मिल रही है। 

जेडआरयूसीसी के पूर्व सदस्य भीम शर्मा ने बताया कि गाडी संख्या 19225 /19226 जम्मूतवी-बठिंडा-जम्मूतवीं एक्सप्रेस गाड़ी को वाया मण्डी डबवाली, हनुमानगढ, सूरतगढ,बीकानेर,जोधपुर तक विस्तार किया गया है। 

सांसद निहालचन्द ने इस गाड़ी को शुरू करवाने के लिए अपने अथक प्रयास किये। अब 15 जनवरी को सूरतगढ रेलवे स्टेशन से सांसद श्री निहालचन्द उद्घाटन स्पेशल गाडी संख्या 04726 को झण्डी दिखाकर रवाना करेंगे।

गुरूवार 16 जनवरी से गाड़ी संख्या 19225/19226 का नियमित संचालन जोधपुर, बीकानेर सहित सूरतगढ, हनुमानगढ आदि क्षेत्रों से लोग पहली बार अमृतसर के लिए सीधी रेल सेवा से यात्रा कर सकेगें। इन क्षेत्रो के लोग कोटकपूरा, फरीदकोट, फिरोजपुर कैंट, लोहिया खास, कपूरथला, जालधंर सीटी, व्यास, अमृतसर जक्शंन, बटाला, गुरदासपुर, पठानकोट सीधे रेल सेवा से जुड जायेगें। 

उतर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री अभय शर्मा के अनुसार यह गाड़ी जम्मूतवी से प्रतिदिन रात्रि 9.25 बजे रवाना होकर साम्भा, हीरानगर, कठुआ, पठानकोट, गुरदासपुर, धारीवाल, बटाला जंक्शन, वेरका जंक्शन, अमृतसर जंक्शन, ब्यास, जालंधर सिटी, कपूरथला, रेलकोच फैक्ट्री, सुलतानपुर लोदी, लोहियाखास, मक्खू, मल्लावाला खास, फिरोजपुर केन्ट, फरीदकोट, कोट कपूरा, जैतो आदि स्टेशनों पर ठहराव करते हुए अगले दिन प्रातः 9.40 बजे बठिंडा पहुंचने के बाद वहां से 9.50 बजे रवाना होकर 11.20 बजे हनुमानगढ, दोपहर 12.20 सूरतगढ, दोपहर 3.20 बजे बीकानेर, सायं 4.27 बजे नोखा, सायं 6.03 बजे मेडता रोड़ होते हुए रात्रि 8.35 बजे जोधपुर पहुचेगी।

जोधपुर से अगले दिन प्रातः 6.45 बजे रवाना होकर प्रातः 8.32 बजे मेडतारोड़, 10.51 नोखा, दोपहर 12.40 बजे बीकानेर सायं 3.25 बजे सूरतगढ,4.20 बजे हनुमानगढ, सांय  6.30 बजे बठिण्डा पहुंचने के बाद अगले दिन प्रातः 6.35 बजे जम्मूतवी  पहुचां करेगी। 

भीम शर्मा ने बताया कि इस गाड़ी के लिए सांसद की ओर से मण्डी डबवाली, संगरिया, पीलीबंगा, लूणकरणसर आदि स्टेशनों के लिए भी ठहराव मांगे गये है।

बुधवार 15 जनवरी को सूरतगढ रेलवे स्टेशन पर आयोजित समारोह में सांसद श्री निहालचंद दोपहर 12 बजे उद्घाटन स्पेशल गाड़ी संख्या 04726 को जोधपुर के लिये रवाना करेगें। 

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मंगलवार, 7 जनवरी 2020

सुंदरता कराती रहे तिल के दर्शन- कहानी- करणीदानसिंह राजपूत.




सुंदरता गहरी नींद में चित्त सो रही थी।
समय देख रहा था।
खुले गले के ब्लाउज से गले के नीचे हंसुली के पास नीचे काला बड़ा सा तिल सुंदरता को और अधिक बढा रहा था।
सिर पर से ओढनी खिसक जाने से मुखड़ा और पैरों तक का आकर्षक लुभाने वाला था।
गले के नीचे का तिल वह ढक कर रखती लेकिन कभी कभार समय को दिख ही जाता। ढीले गले के ब्लाउज में तो दिख ही जाता।
बहुत बार वह ढक नहीं पाती। काम में व्यस्त होने के कारण ध्यान नहीं होता तब अनेक बार समय को बहुत पलों तक यह आकर्षण दिखता रहता।
समय की नजरें इस आकर्षण से हटती नहीं। समय को इस तिल के दर्शन शुभ होते और पूरा दिन आनंद से गुजरता।
समय चाहता रहता कि बस,दर्शन होते रहें चाहे थोड़े ही हो जाएं। ज्यादा हो जाएं तो मन मयूर सारे दिन नाचता रहता।
यह विश्वास ऐसा था कि तिल के दर्शन के लिए समय को सुंदरता के आसपास भी रहना होता। बार बार देखना भी होता कि न जाने कब ओढनी हटे और दिख जाए।
सुंदरता गहरी नींद में और ओढनी हटी हुई। तिल के दर्शन। बड़ा अच्छा मौका। अच्छी तरह से देखने का। समय की नजरें एकटक तिल पर ही टिकी थी। तिल को दिल में उतारने का सुंदर अवसर था और यही काम हो भी रहा था।
समय की यह सोच भी चल रही थी कि रोजाना ही दर्शन करादे तो शुभ दर्शन से रोजाना ही आनंद से दिन बीते और कोई न कोई लाभ भी होता रहे।
यह सोच गलत भी नहीं।
किसी चीज के दिखने से दिन आनंद में रहे लाभ हो तो उसके दर्शन करने के लिए हरेक कोशिश भी करता है।
समय भी यही कोशिश करता रहता। यह कोशिश रोजाना होती।
कभी कभी सुंदरता भी नहीं ढकती। मालूम हो जाता फिर भी नहीं ढकती।

अभी तो सुंदरता नींद में थी।
समय तिल के शुभ दर्शन को ऐसे में क्यों छोड़े और फिर यह विश्वास भी।
आज तो बहुत बड़ा लाभ होगा तो जी भी नहीं होता दूर हटने का।
समय को यह मौका भगवान ने ही दिया है तभी तो सुंदरता यों मस्त नींद में और ओढनी हटी हुई।
समय उसका संपूर्ण मुखड़ा देख देख और तिल के शुभ दर्शन कर ईश्वर को धन्यवाद भी लगातार दे रहा।
समय की यह प्रार्थना भी हो रही थी कि सुंदरता इस तिल के दर्शन रोजाना करवादे।
रूप की रानी का मुखड़ा,सेब सरीखे कपोल,सुंदर गले से नीचे तक। गोरे पांव ऐसे की अंगूठे अंगुलियों को चूमने का दिल चाहे। अभी ऐसा ही मौका क्योंकि सुंदरता तो गहरी नींद में थी।
समय की नजरें हाथों पर और तराशे हुए नाखूनों पर भी घूमी। मन में धीमे से हाथ उठा कर चूम लेने का आया। समय झुका और एक हथेली को चूम लिया।
समय तो सभी ओर घूमता।
उसने भी सुन रखा था कि किसी रूपसुंदरी अफ्सरा,परी के गले और छाती के बीच काला तिल हो और उसके दर्शन हो जाए तो शुभ ही शुभ।

समय को धरा पर एक सुंदरता दिख ही गई जिसके दोनों अंगों के बीच  ठीक उसी जगह काला तिल था जिसके दर्शन से आनंद मिलने का सुन रखा था।
समय उसी के आसपास ही अधिक रहता।
उसे यदा कदा थोड़े थोड़े दर्शन होते भी रहते, मगर अभी तो सुंदरता नींद में दर्शन चाहे जितने।
समय निहारता रहा।
समय जो हर वक्त हर जगह बेरोकटोक विचरण करता रहता है।उसे कोई नहीं देख पाता वही ईश्वर से प्रार्थना करने लगा कि सुंदरता जागते हुए भी दर्शन कराती रहे।
बस।
उसे और कुछ नहीं चाहिए।
केवल दर्शन।
उसके तिल के दर्शन।
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करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार,
सूरतगढ़.
94143 81356.

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रविवार, 5 जनवरी 2020

वह नहीं आई मैं इंतजार करता रहा- कविता-करणीदानसिंह राजपूत.


मैं निहारता रहा

धरती से आकाश

शाम हो गई,

वह नहीं निकली

कल का भी कोई

वचन वादा नहीं है।


इंतजार और इंतजार

मै करूं चाहे तुम करो

कल भी नहीं आई 

तब भी कुछ नहीं होगा।


वह जब आएगी तब 

हम सभी खुशामद करेंगे

किसी की हिम्मत ही नहीं

शिकायत करने की।


बादलवाही शीतलहर में

खूबसूरती ने फोन मिलाया

और पूछा धूप बोल रही हो

तुम आई नहीं आज

परेशान हो गए 

इंतजार करते करते।


स्पीकर आन में 

सुनाई पड़ा

मेरा तो कल का भी,

भरोसा नहीं है।


हां,मेरे से पहले 

वर्षा आ सकने की

पकायत है,

वह अपने साथ 

ओले भी ला सकती है।


खूबसूरती प्यार से बोली

वर्षा की बात छोड़

तूं तो मेरी सहेली है 

आ कल गले मिलेंगे।


धूप ने उत्तर दिया

तेरी बात तो ठीक है

मगर वर्षा भी मेरी सहेली है

उससे भी तो नाता है।


खूबसूरती बोली

मानी तेरी बात

पर वह ओले क्यों 

लाएगी अपने साथ।


धूप का उत्तर था

वह उसका भाई है

नाराज न हो जाए इसलिए

कभी कभी उसे भी

रखना पड़ता है साथ।

कुछ भी हो

मै कल भी उसके निकलने का

इंतजार करूंगा

और मैं,

कुछ कर भी नहीं सकता।

***

करणीदानसिंह राजपूत,

सूरतगढ़.

94143 81356.

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कटे प्याज में रोगाणुओं का जमाव: तुरंत काट खाएं



*मानो या ना मानो यह पूर्णतया सत्य है।

देर से कटी प्याज का कभी उपयोग ना करें।प्याज हमेशा तुरंत काट कर खाएं।कटी रखी प्याज दस मिनिट में अपने आस पास के सारे कीटाणु अवसोशित कर लेती है।यह वेज्ञानिक तौर पर सिद्ध हो चुका है।जब भी किसी मौसमी बीमारी का प्रकोप फैले घर में सुबह शाम हर कमरें में प्याज काट कर रख दें।बाद में उसे फैंक दें।सुरक्षित बने रहेंगें।*

*जब कभी भी फ़ूड पॉइसनिंग के केस अस्पताल में आते हैं तो सबस पहले इस बात की जानकारी ली जाती कि मरीज़ ने अंतिम बार प्याज कब खाई थी. और वे प्याज कहाँ से आई थीं ,(खासकर सलाद में ) तब इस बीमारी के लिए या तो प्याज दोषी हैं या काफी देर पहले कटे हुए "आलू "*

*प्याज बैक्टेरिया के लिए "चुंबक "की तरह काम करती  हैं खासकर कच्ची प्याज।*

*आप कभी भी थोड़ी सी भी  कटी हुई प्याज को देर तक रखने की गलती न करे ये बेहद खतरनाक हैं*

*यहाँ तक कि किसी बंद थैली में इसे रेफ्रिजरेटर में रखना भी  सुरक्षित नहीं है।*

*प्याज ज़रा सी काट देने पर ये बैक्टेरिया से ग्रसित हो सकती है औए आपके लिए खतरनाक हो सकती है। यदि आप कटी हुई प्याज को सब्ज़ी बनाने के लिए उपयोग कर रहें हो तब तो ये ठीक है मगर यदि आप कटी हुई प्याज अपनी ब्रेड पर रख कर खा रहें है तो ये बेहद खतरनाक है ऐसी स्थिति में आप मुसीबत को न्योता दे रहें हैं। याद रखे कटी हुई प्याज और कटे हुए आलू की नमी बैक्टेरिया को तेज़ी से  पनपने में बेहद सहायक होता है।*

*कृपया ध्यान रखे कि "प्याज को काट कर अगले दिन सब्ज़ी बनाने के लिए नहीं रखना चाहिए क्योंकि ये बहुत खतरनाक है यहाँ तक कि कटी हुई प्याज एक रात में बहुत विषाक्त हो जाती है क्योंकि ये टॉक्सिक बैक्टेरिया बनाती है जो पेट खराब करने के लिए पर्याप्त रहता है "*

5 मार्च 2018.
अपडेट 5 जनवरी 2020.








गुरुवार, 2 जनवरी 2020

सुंदरता को जी भर चूमा धूप ने-काव्य शब्द- करणीदानसिंह राजपूत


धूप खिली और सुंदरता मुस्कुराई,
धूप में छत पर घूमी आनंदित हुई
धूप को भी मौका मिला छूने का,
और धूप ने सारे तन को चूम लिया।
सुंदरता के कपोल लाल सुर्ख हुए
धूप के स्पर्श से मन खिला
होंठ प्रेम गीत गुनगुनाने लगे
गौरे गौरे पैर नाचने लगे।
सुंदरता के मन में कुछ कुछ
होने लगा कि उनके नयन भी
निहारलें सिर से पांव तक,
रसपान रूप का करलें
जितना चाहे जी भर कर।
धूप ने जी भर चूमा,
वे भी आलिंगन करलें जी भर कर।
मैं नहीं झिझकूंगी नहीं शर्माउंगी,
वे झिझके रुक गए तो
आगे बढ मैं कर लूंगी आलिंगन
ऐसी धूप फिर न जाने कब खिले।
***
काव्य शब्द- करणीदानसिंह राजपूत,
सूरतगढ़.
94143 81356.
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बुधवार, 1 जनवरी 2020

सुंदरता, सजी संवरी रहना- काव्य शब्द-करणीदानसिंह राजपूत


सुंदर होना अच्छा है,

सुंदरता गहना है,

सुंदरता शिंगार है,

सुंदरता से मुखड़ा निखरता

सुंदरता को सजा कर रखना

संवार कर रखना।

सुंदरता से प्यार पनपता

जीवन में खुशियां आती

सभी निगाहें दर्शन को तरसती

कुछ पल को आ जाती।


जिनके आसपास है सुंदरता

वे देखते हर पल सुंदरता

वे हैं बड़े भाग्यशाली।


तुम्हारी सुंदरता जैसी नहीं

आसपास कोई दूजी सुंदरता

देखलो घूमघाम मोहल्ला

न अड़ोस पड़ोस में।

सुंदरता को संभाल कर रखना

हर पल हर दिन

इससे रहता जोश

मन तन में

जीवन रंग बिरंगा रहता

यौवन की बहार में

मौसम का आनंद रहता।

सुंदरता की सुगंध और

तन मन की महक

संवारे संभाले रखना।


हे सुंदरता,

बस इतना कहना मानना

आशा और विश्वास है

तुम अपने को सदा

निखारती रहोगी।

***

काव्य शब्द - 

करणीदानसिंह राजपूत,

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