शनिवार, 29 दिसंबर 2018

कई बड़े लोगों पर संकट:स्विस पुलिस ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील से जुड़े दस्तावेज सौंपे:


स्विस पुलिस ने ईडी को हेलीकॉप्टर डील से जुड़े कई ऐसे दस्तावेज सौंपे हैं, जिनका राज अब मिशेल खोलेगा।

 स्विस पुलिस द्वारा हेलीकॉप्टर डील के एक अन्य मध्यस्थ गुडडो हश्के की मां के पास से कई अहम दस्तावेज हासिल किए गए हैं। अब मिशेल से पूछताछ में यह पता लगाया जाएगा कि उसने भारत और दूसरे मुल्कों में बैठे कितने लोगों तक रिश्वत का पैसा पहुंचाया है। साथ ही जांच एजेंसी यह भी पता लगाएगी कि वह पैसा मनी लॉंड्रिग के जरिए किस तरह से इधर-उधर किया गया था। मिशेल ने इसके लिए कौन सी विधियांअपनाई थी। ईडी के मुताबिक, मिशेल ने दिल्ली में कहां-कहां और कितने लोगों से मुलाकात की है, यह सच्चाई भी अब जल्द सामने आएगी। स्विस पुलिस ने 2013 में बिचौलिये गुडडो हश्के को गिरफ़्तार किया था। बाद में वह इस केस में गवाह बन गया।उसने अगस्ता वेस्टलैंड से जुड़े कई पदाधिकारियों का नाम बताया था, जिन्हें बाद में वहां की कोर्ट से सजा भी मिल गई है। वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में शामिल रहे पूर्व एयरचीफ मार्शल एसपी त्यागी और उनके भाई को कहां, कैसे और कितनी रिश्वत दी गई थी, यह राज भी गुडडो हश्के ने खोला था। ईडी का कहना है कि स्विस पुलिस ने हश्के की मां के कब्जे से कई अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। इन दस्तावेजों में कई नए लोगों के सामने आ रहे हैं। इनमें कई भारतीय नौकरशाह और नेता भी शामिल हैं। ईडी अब इन्हीं दस्तावेजों की मदद से मिशेल से पूछताछ कर यह पता लगाएगी कि दिल्ली में किन ठिकानों पर वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे की रिश्वत दी गई थी। सरकारी सूचनाओं एवं गोपनीय दस्तावेजों का आदान प्रदान कैसे हुआ, मिशेल से यह पूछा जाएगा कि दिल्ली में स्थित सैनिक फार्म का वो बंगला कौनसा है।

इस बंगले पर क्रिश्चियन मिशेल के परिचित और त्यागी बंधुओं के जानने वाले लोगों की अहम बैठक होती थी। इस सौदे के सिलसिले में खुद मिशेल 50-60 बार भारत आया था। इस केस से जुड़े रमेश कुमार नंदा, जो कि मिशेल के बिज़नेस सहयोगी रहे हैं, वे ईडी के समक्ष पहले ही यह बात कह चुके हैं कि क्रिश्चियन मिशेल और उनके जानकारों को होटल हयात से सैनिक फार्म तक ले जाने वाला शख्स पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी का चचेरा भाई संजीव त्यागी ही था। सूत्रों का कहना है कि इस मीटिंग में यूपीए सरकार के दौरान एक प्रभावशाली नेता जो कि सरकार में नहीं था, लेकिन वह केंद्र के किसी भी मंत्री से बड़ी पहुंच रखता था, मौजूद बताया गया है। 

इसके अलावा एयरफोर्स व रक्षा मंत्रालय से जुड़े कई अधिकारी भी उक्त बंगले में थे। ईडी अब मिशेल से यह जानकारी हासिल करेगी कि सैनिक फार्म स्थित बंगले में हुई मीटिंग में कौन कौन लोग थे। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में किन लोगों ने जानकारी लीक की थी। मिशेल ने बिचौलिये को कितना पैसा दिलवाया और उसे कहां पर निवेश किया गया। रक्षा मंत्रालय की फाइनेंस कमेटी और टेंडर की जानकारी बिचौलिये तक किसने पहुंचाई थी, आदि सवालों का मिशेल से लिया जाएगा। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी होते ही मिशेल व दूसरे बिचौलियों तक यह जानकारी किसने पहुंचाई थी। जांच एजेन्सी के सूत्र बताते हैं कि पूछताछ के दौरान नंदा और मिशेल को आमने-सामने बैठाया जा सकता है।

 

नंदा ने ईडी को दिए बयान में क्या कहा था...


रमेश कुमार नंदा ने ईडी के समक्ष 9 फरवरी 2015 को दिए अपने बयान में कहा था, वह दिल्ली में पहले मिनी पेन 'इंडिया' प्राइवेट लिमिटेड में काम करता था। इसके बाद उसने सुप्रीम एयरवेज के नाम से खुद का कारोबार शुरु किया। कुछ समय बाद उसने मिशेल के सहयोग से और एक अन्य पार्टनर जेबी बाला सुब्रमण्यम के साथ मिलकर मीडिया एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड का गठन कर लिया था। यह कंपनी 2005 में स्थापित की गई थी। इसमें आरके नंदा का हिस्सा 99 प्रतिशत, जबकि सुब्रमण्यम का स्वामित्व केवल एक फीसदी रहा है। इस कंपनी की बोर्ड मीटिंग कभी नहीं हुई, क्योंकि जेबी बाला सुब्रमणयम मंबई में रहते थे और उनके बाद में नंदा ही कंपनी का कामकाज देखते रहे। उन्होंने अपनी स्टेटमेंट में लिखा है कि वह यह सब क्रिश्चियन मिशेल के कहने पर ही करता था। 

साल 2005 से 2007 के बीच क्रिश्चियन मिशेल ने दुबई से छह-सात करोड़ रुपये भेजे थे। यह पैसा मीडिया एग्जिम के सिटी बैंक और एचडीएफसी बैंक के खातों में जमा कराया गया था। प्रारंभ में उसे बताया गया कि वह जेवरात और म्यूजिक सीडी का काम कर रहा था। किसी वजह से यह सामान एक्सपोर्ट नहीं हो पाया और उसने प्रॉपर्टी खरीदने के लिए वह पैसा लगवा दिया। यह सारा पैसा क्रिश्चियन मिशेल ने दुबई स्थित अपनी कंपनी ग्लोबल सर्विस एफजेडई के नाम से ट्रांसफर किया था। मिशेल ने इस पैसे से ही सफदरजंग एंक्लेव में ए2/75 प्रॉपर्टी खरीदी गई थी। इस मकान पर एक ड्राइवर भी रखा गया, जो मिशेल को एयरपोर्ट पर छोड़ने और लेकर आने का काम करता था। नंदा ही उसकी सेलरी देते थे। उसने चार-पांच साल क्रिश्चियन मिशेल के साथ काम किया था और वह उससे आखिरी बार 2012 में एयरपोर्ट पर मिला था। बतौर नंदा, इसके बाद वह कभी भारत नहीं आया। एक दिन दुबई से मिशेल का फोन आया कि मार्क पीटर और क्रिस आदि उसके तीन दोस्त दिल्ली आ रहे हैं। वे हयात में ठहरे हैं और उन्हें सैनिक फार्म तक छोड़ दें। संजीव त्यागी भी लेने आया था। 2008 में भी त्यागी कई बार वह मिशेल से मिला था।


मिशेल पर लगे हैं ये आरोप 


मिशेल ने कई दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची। वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की उड़ान सीमा को 6,000 मीटर से घटाकर 4,500 मीटर करा दिया गया। अन्य आरोपियों में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी, उनके परिवार के सदस्य और कई दूसरे नौकरशाह शामिल थे। बता दें कि उड़ान सीमा घटने की वजह से ही अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी हेलिकॉप्टर का अनुबंध पाने की दौड़ में आगे आ सकी थी। 3600 करोड़ रुपए से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीद का सौदा किया था, लेकिन अनुबंध शर्तो के उल्लंघन और कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए रिश्वत बांटने के आरोप लगने के बाद भारत सरकार ने 2014 में यह सौदा रद्द कर दिया था। 


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