क्या गुजरात में सूरतगढ़ जैसी कांग्रेस है? तो रिजल्ट सामने है इंतजार क्यों?

- करणीदानसिंह राजपूत -
गुजरात और हिमाचल दो राज्यों के विधानसभा चुनावों का परिणाम 18 दिसंबर को आएगा लेकिन चर्चा में गुजरात ही देश-विदेश में छाया हुआ है। गुजरात की ही चर्चा गुजरात से बाहर खूब हो रही है।
राजस्थान गुजरात से सटा हुआ है इसलिए यहां चर्चा का आलम कुछ ज्यादा ही है।
समाचारों में चैनलों पर सुबह से शाम तक और रात में भी निगाहें टिकी रहती है और कान सतर्क!
भारतीय जनता पार्टी अपने पक्की जीत का कह रही है। वहीं कांग्रेस सत्ता में आने की बात कह रही है।
एग्जिट पोल भारतीय जनता पार्टी की जीत दिखा रहे हैं।
मतदान के बाद में जो एग्जिट पोल आए उनमें भी भाजपा की जीत बताई गई। इसके अलावा 30 पत्रकारों द्वारा अलग से सर्वे किया गया उसमें भी भाजपा की जीत ही बताई गई ।
सच में क्या होगा?
भारतीय जनता पार्टी जीतेगी या कांग्रेस पार्टी जीतेगी?
यह 18 दिसंबर को मालूम पड़ ही जाएगा लेकिन एक स्पष्ट बात भी है जिससे रिजल्ट तो सामने ही है।
सूरतगढ़ जैसे कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं की टीम होगी तो जीत के नजदीक भी नहीं हो सकते।
यहां भारतीय जनता पार्टी का तो झूठ-मूठ में भी विरोध नहीं किया जाता। यहां तो दोस्ती जैसी चाल है। चाहे जितने उदाहरण हैं।
अगर सच में सूरतगढ़ कांग्रेस जैसी कांग्रेस गुजरात में है तो कांग्रेस की जीत असंभव है।
अगर गुजरात का परिणाम आश्चर्यजनक निकल जाए और कांग्रेस जीत जाए तो फिर यह मानना पड़ेगा कि गुजरात में सच में दूसरे प्रकार की कांग्रेस है।

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