सोमवार, 23 अक्तूबर 2017

लोकसेवकों पर मुकदमे से पूर्व सरकारी मंजूरी विधेयक पर विधानसभा में हंगामा

 राजस्थान विधानसभा में आपराधिक कानून (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश पेश किया गया। इस कानून के खिलाफ कांग्रेस के नेताओं ने राज्य विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।राजस्थान विधानसभा का संक्षिप्त सत्र आज से शुरू हुआ है।  तीन से चार दिन चलने वाले इस सत्र में सरकारी अधिकारियों,जजों एवं मजिस्ट्रेटों के खिलाफ सरकार की मंजूरी लिए बिना जांच नहीं करने संबंधी विधेयक पारित कराया जाएगा।कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी विधायक सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सरकार की मंजूरी लिए बना जांच नहीं कराए जाने विधेयक पर देशभर के मीडिया की निगाहें  राजस्थान विधानसभा पर लगी हुई हैं। राजस्थान विधानसभा का सत्र प्रारंभ होते रदासत। जिसके बाद ​विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने बिल का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया है।

लोकसेवकों को बचाने के लिए लाए जा रहे बिल के विरोध में भाजपा ​के वरिष्ठ नेता और विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने भी वॉक आउट किया है। हालांकि शोकाभिव्यक्ति के दौरान ये लोग सदन में मौजूद रहे। इससे पूर्व कांग्रेस के विधायक लोकसेवकों को बचाने ​के लिए लाए जा रहे बिल के विरोध में मुंह पर काली पट्टी बांधकर विधानसभा पहुंचे है। कांग्रेस विधायकों का कहना है यह एक काला कानून है जिसे किसी भी हाल में पास नहीं होने दिया जाएगा।

 मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने विधानसभा सत्र प्रारंभ होने से पूर्व भाजपा विधायक दल की बैठक ली है। जिसमें उन्होंने कहा है कि विपक्ष के हमलों का जोरदार जवाब दिया जाए। इससे पहले विधानसभा पहुंचे सरकार के कई मंत्रियों ने पुन: दोहराया कि यह बिल भ्रष्ट लोकसेवकों को बचाने के लिए नहीं अपितु ईमानदार लोकसेवकों को झूठे मुकदमों में फंसने से रोकने के लिए है। वसुंधरा राजे सरकार द्वारा नए बिल लाए जाने के विरोध में आवाज मुखर हो रही है। विपक्षी दलों के साथ-साथ सत्ताधारी दल के विधायक भी बिल का विरोध कर रहे हैं।


बिल का विरोध करते विधायक।

एक दिन पहले जहां घनश्याम तिवाड़ी ने इस बिल का विरोध करते हुए सम्मान लेने से इनकार कर दिया था, तो वहीं आज इस बिल के विरोध में भाजपा के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक नरपत सिंह राजवी ने आवाज उठाई है।

उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों को 6 महीने नहीं, बल्कि 6 दिन भी नहीं मिलनी चाहिए। नरपत सिंह ने बताया कि वो इसका विरोध भाजपा विधायक दल की बैठक में करेंगे। राजवी ने उदहारण देते हुए कहा कि आज ही एक अधिकारी की 100 करोड़ की संपत्ति सामने आई है। अगर ये विधेयक लागू हो जाता है, तो छह महीने तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकेगी। वहीं कांग्रेस के विधायक बिल के विरोध में मुंह में काली पट्टी बांधकर विधानसभा पहुंचे।



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