सोमवार, 11 सितंबर 2017

श्रीगंगानगर में पकड़ा गया सैक्स रैकेट:




श्रीगंगानगर। शहर की पुरानी आबादी स्थित रवि चौक में रविवार को पुलिस ने एक मकान में सेक्स रैकेट चलने की सूचना पर छापा मारकर छह महिलाओं सहित आठ जनों को गिरफ्तार किया है।


पुलिस ने बताया कि पुरानी आबादी के रवि चौक पर एक मकान में सेक्सरैकेट चलाए जाने की सूचना कई दिन से मिल रही थी। पुलिस ने बोगस ग्राहक बनाकर वहां भेजा। जिसकी सूचना के बाद सीओ सिटी तुलसीदास पुरोहित के नेतृत्व में रवि चौक स्थित एक महिला के मकान पर छापे की कार्रवाई की गई।


इस दौरान वहां छह महिलाएं देह व्यापार में लिप्त पाई गई, जिनको पुलिस ने पीटा एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया। वहीं पुलिस ने रवि चौक निवासी मंगू सोनी पुत्र राजेन्द्र कुमार व कबूलशाह कूबन खुईखेड़ा फाजिल्का पंजाब निवासी सुखचैन सिंह पुत्र परमजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।


पुलिस टीम में सीओ सिटी के साथ पुरानी आबादी थाना प्रभारी रमेश सर्वटा, एसआई विक्रम तिवाड़ी, हैडकांस्टेबल राकेश कुमार, सतीश कुमार, सिपाही जसदीप सिंह, रामकरण, बाबूलाल, चंद्रकला व पिंकी आदि शामिल थे।


दो पुरानी आबादी व चार बाहर की महिलाएं

पीटा एक्ट में पकड़ी गई महिलाओं में दो महिलाएं पुरानी आबादी इलाके की रहने वाली हैं तथा एक महिला हनुमानगढ़, रायसिंहनगर, गिरडीह बिहार व एक लालगढ़ जाटान इलाके की रहने वाली है। पकड़े गए पुरुषों में एक पुरानी आबादी का रहने वाला है तथा दूसरा पंजाब का है।


लंबे समय से चल रहा था रैकेट

रवि चौक पर पुलिस को लंबे समय से सेक्स रैकेट चलने की सूचना मिल रही थी। पुलिस ने बताया कि यहां यह लोग लंबे समय से देह व्यापार कर रहे थे। पुलिस ने कई बार इनको पकडऩे के प्रयास किए थे लेकिन पुलिस सफल नहीं हो पाई थी। इस मकान पर पुलिस की चार माह से नजर थी। अब पुलिस ने बोगस ग्राहक भेजकर यह कार्रवाई की।


एक से ढाई हजार रुपए लेते थे

इस मकान में चल रहे सेक्स रैकेट चलाने वाले ग्राहक से एक से लेकर ढाई हजार रुपए तक लेते थे। जैसा ग्राहक होता था, उससे उसी तरह रुपए लिए जाते थे। रविवार को कार्रवाई से पहले पुलिस की ओर से भेजे गए बोगस ग्राहक से यहां एक हजार रुपए लिए गए थे।


टिप्पणी- आज दिनांक 11 सितंबर 2017 के राजस्थान पत्रिका सहित अन्य समाचार पत्रों में यह समाचार प्रकाशित हुआ है। देह कार्य में महिलाएं क्यों आए इसकी सामाजिक स्तर पर खोज की जानी चाहिए। जो संस्थाएं सामाजिक कार्यों में लगी हुई है उनका यह दायित्व है। राजस्थान के महिला आयोग को भी इस समाचार से मालूम कर ना चाहिए कि महिलाओं की क्या मजबूरी रही है? पूर्व में श्री गंगानगर में इस प्रकार की घटनाओं में मैंने यह पाया कि अधिकांश महिलाएं अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग की थी। मेरा यह मानना है कि आज भी गरीब लोग केवल रोटी के लिए इस  कार्य में उतरे हुए हैं। सामाजिक व्यवस्था सुधारने की बहुत जरूरत है। अगर कार्य मिलता हो और पारिश्रमिक भी उचित मिल जाए तो घर चलाने में आसानी रहती है।जब काम धंधा मिल जाए तब कोई भी महिला इस प्रकार के  कार्य से पेट पालन नहीं करेगी। समाज के जागरुक कितने लोग और कितनी संस्थाएं आगे आकर इस पर कार्य करती हैं यह आगे के लिए विचारणीय होगा। देश की आजादी के इतने सालों बाद भी विकास के दावों में रोटी के लिए गरीबों को देह व्यापार करना पड़े।

 करणी दान सिंह राजपूत,

 पत्रकार, सूरतगढ़।

9414381356.

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