रविवार, 2 जुलाई 2017

आपातकाल लगाया तब कांग्रेस के सिद्धांत कहां चले गए थे- नायडू

गांधीनगर:2-7-2017. 

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति चुनाव को सैद्धांतिक लड़ाई बताने वाली कांग्रेस से आज सवाल किए कि जब इंदिरा सरकार ने देश में आपातकाल लगाया था, उस वक्त उसके सिद्धांत कहां चले गए थे?


नायडू ने टेक्सटाइल इंडिया 2017 के समापन समारोह के बाद मीडिया कर्मियों के एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव को सामाजिक न्याय की सैद्धांतिक लड़ाई करार दिया है, जो महज राजनीतिक दुष्प्रचार है।


उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह  बताए कि जब उसकी सरकार ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी, विपक्षी नेताओं को जेल के सींखचों में डाल दिया , मीडिया पर सेंसरशिप लगाया , खिलाफ में फैसला देने वाले  न्यायालय के एक न्यायाधीश की वरीयता की अनदेखी की थी और देश के लाखों लोगों को परिवार नियोजन के लिए मजबूर कर दिया था, उस वक्त उसके सिद्धांत कहां चले गये थे?


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में छह दशक तक राज करने वाली कांग्रेस आज सामाजिक न्याय के नाम पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ रही है, लेकिन उसने सामाजिक न्याय के लिए यदि कुछ किया होता तो देश के निचले वर्गों की स्थिति कब की बदल चुकी होती।


उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जीत का दावा करते हुए कहा कि कोविंद को उनकी कार्यदक्षता और पृष्ठभूमि तथा संविधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के आधार पर उम्मीदवार बनाया गया है और यही वजह है कि उन्हें चौतरफा समर्थन मिल रहा है।


नायडू ने कहा कि कोविंद को राजग का उम्मीदवार जाति के आधार पर नहीं, बल्कि क्षमता और संविधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के आधार पर चुना गया है और यही कारण है कि राजग के घटक दलों के अलावा जनता दल यू, बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति, वाईएसआर कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल का भी समर्थन मिल रहा है। 

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