शनिवार, 31 दिसंबर 2016

उड़ने को तैयार चिड़कली - कहानी-...



-  करणीदानसिंह राजपूत  -

चिड़कली उडऩे को तैयार।
वह इठला रही थी।
वह मुस्कुरा रही थी।
चिड़कले और चिड़कली की आंखें मिली हुई।
चिड़कला भी इठला रहा था।
वह भी मुस्कुरा रहा था।
उसकी आंखें चिड़कली की आंखों से घुसी थी।

बुधवार, 28 दिसंबर 2016

श्रीगंगानगर जिले में अब बेटी पैदा होने पर होगा पौधारोपणः

श्रीगंगानगर जिले में अब बेटी पैदा होने पर लगाए जाएंगे 5 पेड़ 
श्रीगंगानगर, 28 दिसंबर। जिले में अब बेटी पैदा होने पर  5 पेड़ लगवाए जाएंगे।  बच्ची के परिजन ये पेड़ लगाएंगे। पेड़ और जगह प्रशासन उपलब्ध करवाएगा। बुधवार को जिला कलक्ट्रेट सभागार में  विभिन्न विभागों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक के दौरान जिला कलक्टर श्री ज्ञानाराम ने ये नवाचार करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने पेड़ लगाने के लिए जगह चिन्हित करने के निर्देश नगर परिषद कमीश्नर सुनीता चौधरी को दिए। 

जिला कलक्टर ने कहा कि स्कूल, पब्लिक पार्क, सड़क किनारे जगहों को भी इसमें चिह्नित किया जा सकता है।

 जिला कलक्टर ने बताया कि जिले भर में जहां भी बेटी पैदा होगी, संबंधित ब्लॉक में भी जगह चिह्नित की जाएगी ताकि बच्ची के परिजन वहां 5 पेड़ लगा सके। वन विभाग पौधा उपलब्ध करवाएगा। साथ ही पैदा हुई बच्ची और पेड़ का पूरा रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। 
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राजस्थान में अपने जिले के प्रभारी मंत्री को जानिए: बदलाव के बाद की सूची:


जयपुर। राजस्थान सरकार ने मंत्रियों को जिले का प्रभारी बनाया है उसमें बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद जानिए किस मंत्री के पास में कौन सा जिला है।
केवल नाम जानने से कुछ नहीं होने वाला। आपकी या इलाके की कोई समस्या है या सुझाव है तो प्रभारी मंत्री को अवगत जरूर कराएं। चाहे लिख कर चाहे व्यक्तिगत मिल कर।

नगरपालिकाध्क्ष का निलंबन:सड़क नाली निर्माण में घोटाले का आरोप:

जहाजपुर 28 दिसंबर 2016.
 स्वायत शासन विभाग निदेशालय ने  नगर पालिका अध्यक्ष विवेककुमार मीणा को निलंबित कर दिया। यह  निलंबन 27 दिसंबर को किया गया। 
 विवेक मीणा पर निर्माण कार्यों का गलत भुगतान कर राजस्व को नुकसान का आरोप है। भाजपा पार्षदों ने विवेक मीणा पर आरोप लगाये थे। इस पर स्वायत्तशासन विभाग ने जांच कराई थी। 
भाजपा पार्षदों ने निर्माण कार्य हुए बगैर 30 लाख रुपए के भुगतान करने सहित अन्य अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए विभाग में शिकायत की थी। जांच में एसडीएम आवास से ईदगाह तक, तकिया मस्जिद से जामा मस्जिद तक मालाजी के रास्ते पर सीसी रोड निर्माण, नालियों पर रैलिंग लगाने अन्य कार्यों में अनियमितताएं मिलीं। इन कार्यों के बदले 29 लाख 85 हजार 433 रुपए का गलत तरीके से भुगतान भी करना सामने आया।
विवेक मीणा को निलंबित करने पर विधायक धीरज गुर्जर ने कहा कि भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए हटाया है। उनकी बहाली के लिए मैं सड़क पर लड़ाई लड़ूंगा। 
विवेक मीणा का कहना है कि सारे आरोप निराधार हैैं।निलंबन संबंधी आदेश नहीं मिल हैं।

सोमवार, 26 दिसंबर 2016

वसुंधरा का अगला चुनाव खुद के नेतर्त्व में लड़े जाने का बयान तानाशाही-

 डुंगरपुर 26 दिसंबर 2016.
सांगानेर से विधायक व दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी सोमवार को डूंगरपुर पहुंचे और पत्रकारों से सवाल जवाब में मुुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के व्यहार को तानाशाही वाला बताने से नहीं चूके।
डूंगरपुर पहुंचने पर सर्किट हाउस में विप्र फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने विधायक तिवाड़ी का स्वागत किया. इस दौरान तिवाड़ी ने विप्र फाउंडेशन के पदाधिकारियों से चर्चा करते हुए दीनदयाल वाहिनी के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी और डूंगरपुर जिले की विभिन्न समस्याओं व विकास के संबंध में चर्चा की।
तिवाड़ी की सर्किट हाउस में मीडिया से भी बातचीत हुई। इस दौरान तिवाड़ी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राज्य सरकार पर तीखे प्रहार किए। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा उनके नेतृत्व में ही अगला चुनाव लड़ने के बयान दिए जाने के मामले में तिवाड़ी ने मुख्यमंत्री को तानाशाह बताया। उन्होंने कहा कि किसके नेतृत्व में चुनाव होगा ये तो भाजपा संसदीय बार्ड तय करेगा, लेकिन मुख्यमंत्री राजे का इस तरह स्वयं घोषणा करना उनके तानाशाही रवैयों को दर्शाता है।
  विधायक तिवाड़ी ने अगले चुनाव में राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन करने की भी बात रखी और कहा यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे तीसरे मोर्चे पर विचार करेंगे।
पत्रकार वार्ता के दौरान तिवाड़ी ने प्रदेश में जातिगत आधार पर मंत्रिमंडल विस्तार होना और अलग बैठकें होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। 
 उन्होंने टीएडी मंत्री नंदलाल मीणा द्वारा आदिवासी राज्य की मांग उठाने के मामले में राज्य सरकार से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की भी मांग की है।

राजस्थान और दिल्ली, दोनों जगह सूट-बूट की सरकार है-राहुल गांधी


बारां (राजस्थान) 26~12~2016.
कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के बारां में एक रैली के दौरान बोलते हुए नोटबंदी का मुद्दा उठाकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला किया है। राहुल ने आरोप लगाया कि पिछले ढाई सालों में नरेंद्र मोदी ने सिर्फ हिंदुस्तान को बांटने का काम किया है। उन्होंने कहा, 'जबसे मोदी सरकार आई है, तब से देश के 1 पर्सेंट अमीर लोगों के हाथों में भारत का 60 प्रतिशत धन केंद्रित हो गया है।'

राहुल ने कहा, 'ये वही लोग हैं, जो मोदी जी के साथ विमान में बैठकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जाते हैं।' राहुल ने केंद्र के 'गरीबों की सरकार' चलाने के दावे पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'केंद्र में मोदी जी जो कर रहे हैं, वही वसुंधरा राजे राजस्थान में कर रही हैं। राजस्थान और दिल्ली, दोनों जगह सूट-बूट की सरकार है।' कैशलेस अर्थव्यवस्था की बात करते हुए राहुल ने पेटीएम का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री पर सीधा हमला करते हुए उन्होंने कहा, 'पेटीएम का मतलब है पे टू मोदी।'

उन्होंने कहा कि ये फैसला हिन्दुस्तान के गरीब, किसान, मजदूर अौर हमारी माताअों-बहनों के खिलाफ हैं।

राहुल ने कहा, देश में हर रोज किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की मांग पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती है। मोदी जी आपके इस नोटबंदी के यज्ञ में हिंदुस्तान और राजस्थान के किसान की बलि चढ़ रहे हैं। आपने उनका कैश जला दिया।

कांग्रेस उपाध्यक्ष विमुद्रीकरण के मुद्दे और भाजपा के सुशासन के खिलाफ देशभर में दौरा कर रहे हैं। जनसभा में राहुल गांधी के अलावा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट सहित पार्टी के अन्य नेता उपस्थित थे।

रविवार, 25 दिसंबर 2016

किसान आँदोलन के साथ खड़ा है हनुमानगढ़ और श्री गंगानगर जिले का मीडिया

- करणीदान सिंह राजपूत  -

श्री गंगानगर हनुमानगढ़ इलाके का मीडिया आंदोलनकारी किसानों के साथ में खड़ा हो गया। यह स्थिति सत्ताधारी पार्टी और इलाके में उसकी डुगडुगी बजाने वाले पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को देख लेनी चाहिए। राजस्थान सरकार के मंत्री और विधायक इस संपूर्ण बदली हुई स्थिति को समझें कि उनकी हालत इन दोनों जिलों में कितनी अधिक पतली हो चुकी है।

शनिवार, 24 दिसंबर 2016

खेत और किसान मरे तो श्मशान बन जाएंगे शहर और शहरी कारोबार

-  करणीदान सिंह राजपूत -

 खेत और किसान मरे तो सब  श्मशान बन जाएंगे। न कोई शहर बचेगा न कोई कारोबार बचेगा ना कोई अट्टालिकाएं बचेगी और न कारों हवाई जहाजों में यात्रा करने वाले बचेंगे। आदमी की रीढ की हड्डी टूट जाती है या उसमें थोड़ा भी नुकसान हो जाता है तो उस आदमी की हालत क्या होती है? क्या रीढ की हड्डी टूटने के बाद आदमी चल फिर सकता है?मौज मस्ती कर सकता है? कोई कारोबार कर सकता है? पीड़ित व्यक्ति एक स्थान पर पड़ा रहता है।

 आज जो परिस्थितियां सत्ताधारियों ने और प्रशासनिक अधिकारियों ने पैदा कर दी है। इससे खेत और किसान दोनों की हालत रीढ टूटे हुए आदमी जैसी हो गई है, अगर अभी भी सब कुछ जानते हुए इलाज नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब किसान मर जाएगा खेत मर जाएंगे। लेकिन इतराने की जरुरत नहीं है कि शहर में रहते हैं, अलग से कारोबार है,बड़ी अट्टालिका हैं, चलने को सड़के हैं,कारें और हवाई जहाज हैं। यह सब या इन में से कोई भी जीवित नहीं बचेगा, और   न उनके अंश बचेंगे।

 हमारे देश में सारी जीवन प्रणाली खेत और किसान से जुड़ी हुई है। जब खेत में कुछ पैदा नहीं होता है तो सारा इलाका अकाल और अभाव  से पीड़ित हो जाता है। संपूर्ण क्षेत्र विकास के दौर में कई साल पीछे पहुंच जाता है।

 मैं संपूर्ण देश के बजाय अभी  राजस्थान और राजस्थान में भी फिलहाल कुछ इलाके की बात कर रहा हूं, जिस इलाके में अनेक सालों के प्रयत्नों के बाद करोड़ों रुपए लगाने के बाद गंग नहर निकली,भाखड़ा और राजस्थान नहर निकली।
 यह इलाका निरंतर मेहनत करने पर सरसब्ज हुआ और आगे और अधिक विकास की संभावनाएं तलाशने वाला शक्तिशाली क्षेत्र बना। इसे आज की ताकतवर हालत में पहुंचाने वाला इलाके का किसान है और उसका परिवार है, जिसने  न दिन देखा, न रात देखी। न सर्दी की बदन चीरती हुई हवाएं देखी। न जून जुलाई गर्मी की तपन देखी।
किसान और उसका परिवार दिन-रात जूटा हुआ रहा, लेकिन आज सरकारी और प्रशासनिक अव्यवस्थाओं ने इलाके के किसान को इलाके के खेतों को मरने के लिए मजबूर कर दिया है। मेरी सोच यह है कि किसान और खेत खुद नहीं मर रहे हमारी राज व्यवस्था हमारी प्रशासनिक व्यवस्था उनकी हत्या कर रहे हैं। उनको तड़पा तड़पा कर मार रहे हैं।

 जब किसी को मारा जाता है तो वह जीव चाहे कितना ही छोटा हो कितना ही कमजोर हो। वह अपने जीवन के लिए मरने और मारने के लिए तैयार हो जाता है और उसमें सैंकड़ों गुना ताकत अपने आप पैदा हो जाती है। वह संघर्ष के लिए अपने बचाव के लिए और ताकतवर समूह बना लेता है। फिर अपनी ताकत का इस्तेमाल करता है। उस जीव द्वारा जीवन के लिए किया जाने वाला संघर्ष कामयाब रहता है।वह जीव ही नहीं पूरा समूह मौत की ओर जाने से बच जाता है।


जब जीव संघर्ष करता है तब उसके सामने ना कोई अपना होता है ना कोई पराया होता है। उसे केवल और केवल अपना जीवन दिखाई पड़ता है। आज इलाके के खेत और किसान को जीवन देने वाली राजस्थान नहर भाखड़ा नहर और गंग नहर इन तीनों को बचाने के लिए अपने खेतों को बचाने के लिए किसान इलाके का मजदूर और इलाके का व्यापारी एक जुट खडे़ हैं। कहने का मतलब है कि सब कुछ खेत और किसान से जुड़ा हुआ है। अभी भी सत्ता और प्रशासन समझ नहीं पा रहे हैं या जानबूझकर सत्ता सुख में समझना नहीं चाहते हैं। वे भूल गए हैं कि  उनका जन्म भी इस इलाके के अंदर हुआ। इस इलाके के मतों ने विजयी बनाकर जयपुर और दिल्ली भेजा। यह इलाका उनके साथ नहीं होता तो वे न दिल्ली पहुंच पाते,न राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुंच पाते। न जिले में और न तहसील में और पंचायत समितियों में ग्राम पंचायतों में प्रतिनिधित्व कर पाते।

 इस इलाके का किसान संघर्ष करें और जनप्रतिनिधि चाहे वह  सरपंच हो, चाहे अन्य पदों पर हो, विधायक सांसद हो या फिर मंत्री हो,नष्ट हो रहे मर रहे खेत और किसान को देखते हुए कैसे समारोह कर रहे हैं?  कैसे मालाएं पहन रहे हैं और कैसे विकास के थोथे भाषण दे रहे हैं। विकास मशीनों से पैदा नहीं होता बल्कि यह जो मशीन है बनी हैं वह सब खेत और किसान के उत्पादन के बाद  आवश्यकता के अनुरूप बनाई गई है किसान और खेत नहीं होते तो फिर मशीनें भी नहीं होती।


 मैं एक बात बहुत कड़वी कहना चाह रहा हूं बल्की कह रहा हूं की अगर खेत और किसान नहीं रहे तो बाकी भी नहीं रहेंगे। इस वाक्य को समझना चाहिए। यह वाक्य और बात केवल हवा में नहीं कह रहा और हवा में उड़ाने के लिए भी नहीं कह रहा हूं। मैं इस इलाके में 50 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहा हूं।मैं यहां के इलाके के किसानो को खेत मजदूरों को और व्यापारियों को अच्छी तरह से,भलीभांति तरीके से जानता हूं कि वे आंदोलन और संघर्ष करके अपने अधिकार प्राप्त कर लेंगे। पानी प्राप्त कर लेंगे लेकिन सत्ताधारियों का और प्रशासन का क्या होगा? जो आज किसान के साथ न होकर समारोहों में व्यस्त हैं।


 किसान और खेत रहेंगे लेकिन ये समारोह एक दिन  एक सप्ताह मनाए जा सकते हैं।  इनको सदा के लिए तो नहीं मनाया जा सकता। सदा तो खेत रहेंगे किसान रहेंगे।


राजस्थान नहर जिसे आज इंदिरा गांधी नहर कहा जा रहा है,भाखड़ा नहर और गंगनहर इलाके की तीनों जीवनदायिनी नहरें पिछले कुछ सालों से लगातार मौत की ओर जा रही है और इनसे जुड़े धरतीपुत्र किसान संघर्ष कर रहे हैं। अब समय कह रहा है कि संभल जाओ।

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24-12-2016.
अपडेट 4-6-2018.

शुक्रवार, 23 दिसंबर 2016

भाजपा के हाथ से किसान निकले- नेता किसानों से अपील करने से भी डर गए है

-  करणीदान सिंह राजपूत -
हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिलों में चल रहे किसान प्रदर्शनों से भारतीय जनता पार्टी के मंत्री और नेता विधायक बुरी तरह से डर गए हैं। भाजपा के जनप्रतिनिधि किसानों से बात करने से भी भय खा रहे हैं। किसानों की सीधी चुनौतियों से लग रहा है कि पानी की मांग कर रहे किसान भाजपा के हाथ से निकल गए हैं।
 किसान अपने उजड़ रहे खेतों को देखकर भा ज पा से मेलजोल तक नहीं रखना चाहते। भाजपा के नेता किसानों के बीच जाकर अपनी सरकार की बात रखने तक से घबरा रहे हैं।भाजपा नेताओं को लग रहा है कि उनकी बात और अपील सुनी नहीं जाएगी तथा किसान उनको खरी-खोटी सुनाएंगे। भाजपा के घबराए जनप्रतिनिधियों की ओर से किसानों से अपील नहीं की गई। आश्चर्यजनक तौर पर भाजपा का डर इस स्थिति में सामने आया है कि किसानों से जल संसाधन विभाग के उत्तरीय क्षेत्र के मुख्य अभियंता आर के चौधरी से अपील करवाई गई है। आर के चौधरी ने बांध में जल स्तर कम होने का हवाला देते हुए किसानों को भाई बताते हुए अपील की है। यह अपील सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से समाचार के रूप में दी गई है। आश्चर्यजनक है कि जल संसाधन मंत्री डॉ रामप्रताप खुद हनुमानगढ़ में रहते हैं हनुमानगढ़ से विधायक हैं लेकिन उनकी तरफ से किसानों से अपील नहीं हुई।
 हनुमानगढ़ जिले में किसानों का आंदोलन रोष से भरता जा रहा है और यह कोई विकट रुप भी ले सकता है। हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर के विधायक किसानों के बीच में जाने से कतरा रहे हैं। किसानों का आंदोलन किस रूप में आगे जाएगा और इससे कितना नुकसान हो जाएगा का अनुमान भाजपा नेता नहीं लगा रहे।

एक तरफ किसान आँदोलन और नोटबंदी दोनों मुद्दे जुड़ जाएंगे तब क्या होगा?

रविवार, 18 दिसंबर 2016

आप किसी को क्यों नहीं पकड़वा रहे? भाजपा नेताओं पदाधिकारियों से सवाल:


- करणीदानसिंह राजपूत -
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काला धन,भ्रष्टाचार व जमीन हथियाने वालों के विरूद्ध अभियान छेड़ा है मगर भाजपा के किसी भी नेता ने पदाधिकारी ने कार्यकर्ता ने अभी किसी को भी नहीं पकड़वाया है।

गुरुवार, 15 दिसंबर 2016

राजस्थान में 5 रूपय में नाश्ता और 8 रूपय में भोजन की अन्नपूर्णा योजना मुख्यमंत्री ने शुरू की

जयपुर 15 दिसंबर।

 मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर में आज अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरूआत की जिसमें 5 रुपए में नाश्ता और ₹8 में भरपेट भोजन लोगों को मिल सकेगा।
 मुख्यमंत्री ने योजना के उद्घाटन पर कहा कि मीनू अच्छा है और  यह अच्छाई भविष्य में कायम रखी जाए। लोगों को भोजन सफाई के साथ स्वाद के साथ समय पर उपलब्ध होना चाहिए
। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पहल पर शुरू होने वाली इस योजना में आमजन खासकर श्रमिक, रिक्शावाला, ऑटोवाला, कर्मचारी, विद्यार्थी, कामकाजी महिलाओं, बुजुर्ग एवं अन्य असहाय व्यक्तियों को मात्र 5 रुपए प्रति प्लेट में नाश्ता तथा मात्र 8 रुपए प्रति प्लेट में दोपहर का और रात्रि का भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा। आधिकारिक जानकारी के अनुसार सबके लिए भोजन, सबके लिए सम्मान मिशन के साथ 'अन्नपूर्णा रसोई योजना' प्रथम चरण में 12 शहरों में शुरू की गई है
। इनमें राजधानी जयपुर सहित सम्भागीय मुख्यालयों जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर एवं भरतपुर और प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, बारां तथा झालावाड़ में 80 वैनों के माध्यम से तीन समय का भोजन स्वायत्त शासन विभाग अथवा संबंधित नगरीय निकाय द्वारा चिन्हित किए गए स्थान पर वितरित किया जाएगा।
इन वैनों के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता का नाश्ता एवं भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा। साथ ही भोजन करने वालों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था भी की जाएगी। योजना के तहत जयपुर में 25, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर एवं भरतपुर में 5-5, झालावाड़, झालरापाटन में 6, प्रतापगढ़ एवं बारां में 3-3 तथा डूंगरपुर व बांसवाड़ा में 4-4 वैन आम नागरिकों को नाश्ता एवं भोजन की व्यवस्था के लिए लगाई जाएंगी। योजना के तहत अन्नपूर्णा रसोई में टोपी, ग्लव्ज, एप्रन और निर्धारित पोशाक पहन कर प्रशिक्षित कार्मिक ही भोजन तैयार करने से लेकर वितरण करने तक का काम करेंगे।
ये कर्मचारी हॉस्पिटेलिटी की ट्रेनिंग में दक्ष होंगे। इस योजना में भोजन उपलब्ध करवाने के साथ ही भोजन बनाने, परोसने और भोजन के उपरांत वेस्ट के प्रभावी मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि लोगों को साफ और स्वास्थ्यवर्धक खाना खाने को मिले। भोजन के मेनू, एक डाइट की मात्रा और दरें भी अन्नपूर्णा रसोई वैन पर उचित ढंग से प्रदर्शित की जाएंगी ताकि भोजन करने वाले निर्धारित राशि में ही भोजन कर सकें। राज्य सरकार का अन्नपूर्णा रसोई को पूरे राज्य में लागू किये जाने की योजना है।

भारत में 20,00,00000 लोग रात को भूखे सोने को मजबूर भयावह और चिंतनीय हालत

 * करणीदान सिंह राजपूत *
भारत में गरीब लोगों के नाम पर अनेक योजनाएं चलती रही है और उन पर करोड़ों रुपए खर्च भी होते रहे हैं मगर हालत भयावह और चिंताजनक बनी हुई है। भारत में 37% लोग गरीबी रेखा से नीचे जीने को मजबूर हैं। देश की यह हालत संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं क्रषि संगठन की रिपोर्ट द स्टेट ऑफ सिक्योरिटी इन दी वर्ल्ड 2015 में दी गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 20 करोड़ लोग रात को भूखे सोने को मजबूर हैं।

यहां रिपोर्ट पर मेरी सोच यह है।
 इन लोगों को एक समय जैसे तैसे भोजन मिल पाता है लेकिन रात को भोजन मिलने की कोई गारंटी नहीं होती। ये लोग जब भोजन नहीं मिलने की स्थिति में है तो उनके ठिकाने भी नहीं है। लोग सड़कों पर रेलवे के खाली स्थानों पर बस स्टैंड के पास के खाली स्थानों पर ओवर ब्रिज के नीचे ठिकाने बनाते हैं। रोजाना कमाई के लिए इधर-उधर या शहरों की आसपास की कच्ची बस्तियों में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोग हैं।

 जब भोजन ही मिलने का संकट हो तब इनके रहन सहन की हालत कितनी चिंताजनक होगी? इसका अनुमान सहज में लगाया नहीं जा सकता। रिपोर्ट में 20 करोड़ लोगों के रात को भूखे सोने का जिक्र है लेकिन यह संख्या इससे कहीं अधिक है। करोड़ों लोग रात्रि समय में कस्बों और शहरों में सामाजिक संस्थाओं धार्मिक संस्थाओं द्वारा लगाए गए लंगरों में भोजन पाते हैं। इसके अलावा विशेषकर गुरुद्वारों में सदा लंगर चलता रहता है वहां भी काफी संख्या में दिन और रात में लोग भोजन पाते हैं।
लंगरों और गुरुद्वारों में भोजन ग्रहण करने वाली जनता करोड़ों में है  यह मान कर चलना चाहिए। पूरे देश में 5-6 करोड़ की संख्या में लोग इस प्रकार के लंगर में भोजन प्राप्त करते हैं। इस प्रकार की भयावह स्थिति पूरी तरह से गौर की जानी चाहिए मगर कोई भी सरकार गंभीरता से इस पर ध्यान नहीं देती। हालांकि रोजगार उपलब्ध कराने के लिए देश में नरेगा जिसका नाम बदलकर अब महात्मा गांधी के नाम पर महानरेगा कर दिया गया है से रोजगार मिलता है मगर उसकी प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन रोजगार मिले यह गारंटी नहीं है। पूरे महीने में कुछ दिन रोजगार मिलता है और बाकी के दिन बेरोजगारी में बिताने पड़ते हैं। सरकार गरीब लोगों के लिए जो कर रही है उन पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकारी महकमों में अर्ध कुशल और कुशल कामगारों को प्रतिदिन जितने रुपए सरकार की ओर से दिए जाते हैं, उससे काफी ज्यादा मेहनताना खुले काम करने में मिलता है। जब सरकार कामगार रखती है तो वह चाहे स्थाई हो चाहे अस्थाई हो उसको दिहाड़ी जिसे दैनिक वेतन कहते हैं वह बाजार में चल रही दरों पर दिया जाना चाहिए।

बुधवार, 14 दिसंबर 2016

सूरतगढ़ में मैत्री ब्लड बैक खुला: 24 घंटे सेवाएं:


रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार के एकदम नजदीक:
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़ 14 दिसंबर 2016.
मैत्री ब्लड बैक का शुभारंभ आज हुआ जो अपनी सेवाएं 24 घंटे देगा। 


शनिवार, 10 दिसंबर 2016

लालगढ जाटान में नशा मुक्ति जन-जागृति कार्यशाला का आयोजनx

 
श्रीगंगानगर, 10 दिसम्बर। जिला पुलिस प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे नशा मुक्ति जन-जागृति कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को रा.उ.मा.विधालय लालगढ जाटान में स्वास्थय एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से किया गया।

बुधवार, 7 दिसंबर 2016

हर्ष कान्वेंट स्कूल में कथकली नृत्य का आयोजन हुआ:

सूरतगढ़,7 दिसंबर 2016. हर्ष कान्वेंट स्कूल में कथकली नृत्य का आयोजन हुआ जिसके चित्र यहां प्रस्तुत हैं।

संगतपुरा में नशा मुक्ति शिविर पुलिस थाना मटिली राठान द्वारा

 
श्रीगंगानगर, 6 दिसम्बर। जिला पुलिस अधीक्षक श्री राहुल कोटकी द्वारा चलाये जा रहे नशा मुक्ति अभियान के अन्तर्गत मंगलवार को गांव संगतपुरा के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में पुलिस थाना मटिली राठान द्वारा निःशुल्क नशा मुक्ति शिविर एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

शनिवार, 3 दिसंबर 2016

सूरतगढ का rss व भाजपा बेईमानों के साथ हैं या मोदी के साथ

सूरतगढ़। ईमानदार rss और भाजपा विधायक व कार्यकर्ता मोदी के साथ हैं या बेईमानों को बचाने में चुप हैं।
 नरेंद्र मोदी ने कालाधन और भ्रष्टाचार को रोकने के आह्वान बार बार के हैं।
प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद उनके बयानों पर rss से संबंधित और भाजपा के कार्यकर्ता facebook पर मोदी के बयानों को देश हित में बताते हैं और काला धन पर भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की बातें करते हैं।  लेकिन आश्चर्य है कि 8 नवंबर से 3 दिसंबर तक की अवधि में किसी भी बेईमान भ्रष्टाचारी काला धन वाले का नाम इन लोगों ने उजागर नहीं किया और न कोई इशारा भी किया।
सूरतगढ़ में अखबारों में तथ्यों के साथ चित्रों के साथ भ्रष्टाचारियों के कालाबाजारियों के नाम समाचार लगातार छपते रहे हैँ।  विभिन्न राजनीतिक दल एवं संस्थाएं भ्रष्टाचारियों के नामों  को शिकायतों में उजागर करते रहे हैं लेकिन उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई।
आश्चर्य है कि सूरतगढ़ rss से संबंधित लोग और भाजपा के लोग थोथी बयान बाजी कर रहे हैं लेकिन किसी का नाम लेने से बचना चाहते हैं या फिर भ्रष्टाचारी को बचाना चाहते है।
अगर rss कार्यकर्ता भाजपा कार्यकर्ता सच में मोदी के साथ हैं तो उनको भ्रष्टाचारियों से भय क्यों लग रहा है।
ये मोदी के साथ हैं या फिर भ्रष्टाचारियों से भाईचारा निभाना चाहते हैं। जनता के बीच उनको भ्रष्टाचारियों के नाम उजागर करने में और भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्यवाही कराने में पीछे नहीं रहना चाहिए।
नरेंद्र मोदी ने आम जनता से सहयोग मांगा है फिर ऐसी स्थिति में rss और भाजपा के लोग अपना मुह बंद क्यों किए हुए हैं। उनका चुप रहना शंकाएं पैदा करता है कि वे स्थानीय भ्रष्टाचारियों को बचाना चाहते हैं और उनसे भाईचारा दोस्ती निभाना चाहते हैं। यह दोहरापन उनकी बात व मजबूती के लिए हानिकारक होगा। 

शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016

अलीपुरा में नशा मुक्ति जन जागृति कार्यशाला

 
श्रीगंगानगर, 2 दिसम्बर 2016। जिला पुलिस अधीक्षक श्री राहुल कोटोकी के निर्देशानुसार पुलिस थाना सादुलशहर द्वारा नशा मुक्ति जन जागृति कार्यशाला एवम् निःशुल्क नशा मुक्ति परामर्श शिविर का आयोजन रा0मा0विद्यालय अलीपुरा में किया गया। इस कार्यशाला में स्थानीय विद्यालय के अलावा मास्टर बलराम मैमोरियल उ0मा0वि0 व गोपाल मैमोरियल मा0 विद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षको  अभिभावको व पंचायत के गणमान्य लोगो ने भाग लिया।

गुरुवार, 1 दिसंबर 2016

नरेन्द्र मोदी और अमित शाह: गजब की जोड़ी का कमाल:






सब मान गए गए और नहीं मानेंगे तो जाऐंगे कहां?
 
व्यंग्य शब्द: करणीदानसिंह राजपूत 


मोदी आपका दीवार आपकी और सर भी आपका
 
अभी आगे आगे देखिए होता है क्या?

सूरतगढ़ सीवरेज निर्माण में गड़बड़ी करोड़ों के घोटाले की आशंका:

माकपा पार्टी ने जाँच वास्ते उपखंड अधिकारी को शिकायत की।सूरतगढ़ 1 दिसम्बर।
सूरतगढ़ में सीवरेज निर्माण में लगातार शिकायतें मिल रही है और माकपा ने गड़बड़ी में करोडों रूपए घोटाले की आशंका प्रगट की है। माकपा ने आरोप लगाया है कि नगरपालिका के इंजीयिर ठेकेदार फर्म से मिले हुए हैं इसलिए निरीक्षण करने नहीं पहुंचते। नगरपालिका अध्यक्ष व पार्षद मौन रूप में कंपनी के साथ हैं। कार्य पूर्ण का प्रमाण पत्र नगरपालिका को ही देना है और इसी चक्कर में शहर में भरी कमीशन दिए जाने की चर्चा है।
शहर के बड़े जन प्रतिनिधी इस मामले में चुप है तथा निर्माण को देखने नहीं पहुंचते। शहर की जो सड़कें तोड़ी जा चुकी है उनकी मरम्म्त भी नहीं की जा रही है।
माकपा ने नगरपालिका व कंपनी दोनों पर बड़ा घोटाला करने की आशंका प्रगट की है तथा उपखंड अधिकारी से आग्रह किया है कि वे मौके पर पहुंच कर निरीक्षण करें।

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