शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2016

एक दीवळौ मायड़ भाषा रे नांव रो~



प्राथमिक शिक्षा मातृ भाषा राजस्थानी में दी जानी चाहिए- डा निमिवाल
सूरतगढ़ 27 अक्टूबर- मायड भाषा प्रेमी रामेश्वर दास स्वामी की अध्यक्षता में मायड़ भाषा राजस्थानी छात्र मोर्चा की एक बैठक का आयोजन किया गया। मायड़ भाषा राजस्थानी छात्र मोर्चा के प्रदेश संयोजक डा. गौरीशंकर निमिवाल ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा मातृ भाषा राजस्थानी में दी जानी चाहिए। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 345 का हवाला देते हुए बताया कि राज्य सरकार के पास ये कानूनी अधिकार है कि वह प्रदेश में राजस्थानी भाषा को दूसरी राजभाषा का दरजा देकर प्राथमिक शिक्षा मातृ भाषा में दिए जाने का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
गौरीशंकर निमिवाल ने भाषा आंदोलन के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। भाषा आंदोलन के नेता बलराम कुक्कडवाल ने कहा कि सगळी भासावानें मान्यता राजस्थानी नै टाळो क्यंू म्हारी जबान पर ताळो क्यंू। उन्होंने कहा कि चमकना है तो सूरज की तरह तपना भी होगा। बैठक में अमित कल्याणा ने कहा कि जिसके कलेजे में भाषा की मान्यता की टीस होगी वह लक्ष्य की प्राप्ति बिना नहीं बुझ सकती। यह बैठक रामेश्वरदास स्वामी की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दीपावली के दिन वार्ड नं 4 के करणीमाता मंदिर परिसर में एक दिवळो मायड़ भाषा रै नाम का आयोजन किया जाएगा

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