बुधवार, 15 जून 2016

राजकुमार छाबड़ा रिश्वत पर विधायक राजेन्द्र भादू सवालों के घेरे में:


नगरपालिका अध्यक्ष काजल छाबड़ा को भादू ने अध्यक्ष बनवाया और आजकल ग्रामीण उदघाटनों में भादू के साथ होती है:
भादू के पुत्र अमित भादू पालिका के निर्माण कार्यों पर काजल के पति सुनील के साथ मौजूद होते हैं,क्यों?
- करणीदानसिंंह राजपूत -

सूरतगढ़ 15 जून 2016.
नगरपालिका के लिपिक पालिकाध्यक्ष के जेठ राजकुमार छाबड़ा के 80 हजार श्रपए की रिश्वत लेने में गिरफ्तार होने के बाद से भाजपा के विधायक राजेन्द्रसिंह भादू सवालों के घेरे में है कि वे तीसरे दिन बीत जाने के बावजूद चुप क्यों है? भाजपा का एक वोट बोर्ड के गठन में कम था जो जुगाड़ करके भादू ने ही काजल को अध्यक्ष बनवाया था। नगरपालिका में भ्रष्टाचार के समाचार लगभग छपते रहे लेकिन भादू ने कभी भी भ्रष्टाचार को रूकवाने की कोशिश नहीं की।
आरोपों के घेरे में फंसी पालिकाध्यक्ष काजल छाबड़ा को भादू अपने ग्रामीण उदघाटनों तक में साथ ले जाते रहे हैं। इसलिए वे सवालों के घेरे में हैं और तब तक रहेंगे जब तक अपनी स्थिति का खुलासा नहीं करेंगे। विधायक भादू ने अपने 2 साल के कार्यकाल का ब्यौरा पत्रकारों को दिया उसमें काजल छाबड़ा को भी साथ रखा था।
भादू पर सवाल का घेरा इसलिए भी बना है कि उनका पुत्र अमित भादू नगरपालिका की अध्यक्ष के पति सुनील छाबड़ा के साथ पालिका के कार्यों पर लगभग देखे जाते रहे हैं।
नगरपालिका में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे और पालिका की बेठक में 25 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगा लेकिन भादू ने अपना मुंह नहीं खोला।
विधायक के नाते उनकी ड्यूटी बनती है कि वे अपनी पार्टी को व सरकार को तुरंत ही सारी हालात से वाकिफ करवाते।
पार्टी को उन्होंने क्यों नहीं बतलाया? विधायक बनने के बाद उन्होंने पालिका में कांग्रेस बोर्ड के तीन माह बाकी थे तब मुख्यमंत्री को लिखित में शिकायत करके अध्यक्ष बनवारीलाल को सस्पैंड करवाया था। इस शिकायत में 2 आरोप थे। उक आरोप मनीषा को अतिक्रमण का पट्टा देने का लगाया गया था। आश्चर्य यह है कि जिस प्लॉट को गलत बताया गया व जाँच की मांग की गई। काजल छाबड़ा के कार्यकाल में उसको निरस्त नहीं किया गया बल्कि वहां पर चिकित्सालय बनवा दिया गया।
इसके भी समाचार छपे लेकिन भादू आजतक चुप रहे हैं? आखिर डाक्टर की पत्नी मनीषा के साथ पालिका की क्या ऐसी डील हो गई कि वहां पर चिकित्सालय बनवा दिया गया। निश्चित है कि वह डील ईमानदारी की तो नहीं रही होगी?
अब देखते हैं कि भादू जी आनी जुबान कब खोलते हैं और कब काजल छाबड़ा से त्यागपत्र दिलवाते हैं?
सूरतगढ़ में राजकुमार के पकड़े जाने के बाद से तूफान मचा हुआ है।
अतिक्रमण तोडऩे की मांग कर रही समिति ने 14 जून शाम को विधायक राजेन्द्रसिंह भादू का पुतला जलाया। 15 जून को माकपा ने अध्यक्ष को हटाने की मांग राज्य सरकार से की और ज्ञापन उपखंड अधिकारी के माध्यम से भेजा।
16 जून को कांग्रेस पार्टी की तरफ से पालिका कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन होगा और भादू की भी जम कर आलोचना होगी। भादू को जवाब तो देना ही पड़ेगा क्योंकि वे काजल छाबड़ा को अध्यक्ष बनाने के कारण चपेट में है।



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