मंगलवार, 26 अप्रैल 2016

सूरतगढ़ टिब्बा क्षेत्र में प्यास बुझाने में मददगार बनेंगे निजी टांके


श्रीगंगानगर, 26 अप्रेल। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत श्रीगंगानगर जिले की सूरतगढ़ पंचायत समिति के टिब्बा क्षेत्र में कई गांव बसे है, जिनका जीवन वर्षा पर आधारित है। वर्षा होने से ही फसल होती है तथा पीने का पानी भी वर्षा से ही संग्रहित किया जाता है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत सूरतगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र में 105 कार्य स्वीकृत किये गये, जिनमें 93 कार्य व्य€ितगत लाभ टांका(कुण्ड) निर्माण के लिये गये। इस क्षेत्र में टांकों का निर्माण होने से वर्षा का जल संग्रहित किया जा सकेगा। इन टांकों में एकत्रित किया गया जल टिŽबा क्षेत्र के नागरिकों की प्यास बुझाने में मद्दगार साबित होंगे। पक्के टांकों का निर्माण होने से जल को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।
जिन परिवारों द्वारा टांकों का निर्माण किया जा रहा है। उनकी आर्थिक स्थिति ज्यादा ठीक नही होने के कारण वे लोग टांका निर्माण में असमर्थ थे। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ने टिब्बा क्षेत्र में ऐसी चेतना जाग्रत की है कि अब तो प्रत्येक परिवार टांका निर्माण करने के लिये तैयार हो चुका है। अब वो दिन दूर नही है कि आने वाले समय में टिब्बा क्षेत्र वर्षा के पानी से प्यास बुझाने में आत्मनिर्भर बन सकेगा।
इसी प्रकार टिब्बा क्षेत्र के गांव बछरारा में भी जोहड़ का निर्माण किया गया है। ग्रामीणों की जन सहभागिता एवं महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत निर्मित जोहड़ में अब वर्षा का पानी एकत्रित होगा तथा गांव में हुई वर्षा का एक बूंद पानी भी व्यर्थ नही बहेगा। टिŽबा क्षेत्र में जोहड़ों का निर्माण एक सामुदायिक परिसंपति होने के साथ-साथ जल बचाने में अपनी अहम भूमिका निभाऐंगे।



 

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