शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016

सरकार ऐटा सिंगरासर माइनर के 53 ग्रामों को पहले कमांड घोषित करे:


पत्रकारवार्ता में पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने दो टूक घोषणा की:
24 अप्रेल को थर्मल का घेराव पूर्व निश्चित-श्योपत मेघवाल:
ऐटा सिंगरासर टिब्बा इलाके को गरीब छोटा भाई समझ कर सभी साथ दें-राकेश बिश्रोई संयोजक:
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़,8 अप्रेल 2016.
ऐटा सिंगरासर माइनर निर्माण के लिए जूझ रहे इलाके के लोग चाहे कुछ भी हो जाए मांग पूरी होने से पहले पीछे हटने को तैयार नहीं है। टिब्बा संघर्ष समिति की प्रेसवार्ता में राजस्थान सरकार व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की नीति को भ्रमित करने वाली बताया गया।
पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने कहा कि जो भी सरकार राजस्थान में आई ,उसने इलाके को सिंचित करने के मामले में गंभीरता से कार्य नहीं किया। इलाके के नेता जनता को मूर्ख बनाते रहे।
बेनीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे वास्तव में ही इलाके को सरसब्ज करना चाहती है तो पहले अपने मंत्री मंडल में ऐटा सिंगरासर माइनर के 53 ग्रामों के रकबे को सिंचित क्षेत्र घोषित करवाए। इसके अलावा इंदिरागंधी नहर के प्रथम चरण की मरम्मत से जो 400 से 450 क्यूसेक पानी सरपल्स मिलेगा,उसके लिए स्पष्ट घोषणा की जाए कि वह पानी प्रथम चरण में प्राथमिकता से ऐटा सिंगरासर माइनर के लिए दिया जाएगा। इनके बाद में माइनर का निर्माण हो। बेनीवाल ने कहा कि प्रथम चरण में पानी की जरूरत को पूरा किए बिना ही वोटों की राजनीति के कारण दूसरे चरण में आगे से और आगे ले जाया जाता रहा।  



बेनीवाल ने कहा कि सरकारें सिंचित इलाका बअढ़ाती चली गई और अभी भी 11 लाख हैकटेअर इलाका सिंचित घोषित है लेकिन पानी नहीं है। जो फालतू पानी मिलने की आशा है वह भी पूर्व घोषित रकबे को देने का निर्णय कर दिया जाएगा तब यह इलाका तो वंचित रह जाएगा। इसलिए यह पूर्व में तय कराना चाहते हैं कि प्रथम चरण में मरम्मत में जो पानी फालतू मिले वह पहले ऐटा सिंगरासर माइनर के लिए तय कर दिया जाए। बेनीवाल ने कहा कि पानी 400 से 450 क्यूसेक फालतू मिलने की संभावना है और हमारी मांग तो उससे कम है। 
बेनीवाल ने कहा कि जब रावी व्यास के पानी का निर्धारण हुआ तब राजस्थान का हिस्सा घग्घर में शून्य कर दिया गया था। घग्घर में पानी नहीं और किसानों को बरगलाया जाता रहा कि घग्घर में से ऐटा सिंगरासर माइनर को पानी दे दिया जाएगा और माइनर का निर्माण तय कर दिया जाने की बात कह किसानों को मूर्ख बनाया जाता रहा।
हेतराम बेनीवाल ने कहा कि अब लोग जाग चुके हैं तथा न मूर्ख बनेंगे और न चुप बैठेंगे।
बेनीवाल ने कहा कि दो मंत्री हैं और वे ईमानदारी से साथ दें तो यह कार्य पूरा होने में कोई बाधा नहीं है। उनका ईशारा जल संसाधन मंत्री डा.रामप्रताप और सुरेन्द्रपालसिंह टीटी की ओर था।
श्योपत मेघवाल ने कहा कि यह आंदोलन पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत चलेगा जिसमें 24 को थर्मल के घेराव की घोषणा है।
टिब्बा क्षेत्र संघर्ष समिति के संयोजक राकेश बिश्रोई ने कहा कि ऐटा सिंगरासर माइनर इलाके के लोग गरीब भाई है मानकर सभी लोग साथ दें। 


प्रेसवार्ता में अमित कड़वासरा,सतपाल,श्योपत मेघवाल,हेतराम बेनीवाल,राकेश बिश्रोई,विनोद चौधरी,ओम राजपुरोहित व डूंगरराम गेदर मौजूद थे।
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धाराएं 307 और 309
हेतराम बेनीवाल ने सरकार की और प्रशासन की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कानौर हैड पर चढऩे वालों राकेश बिश्रोई व सतपाल पर हत्या करने की कोशिश जैसी धाराएं लगा दी गई जबकि उनके पास में न हथियार थे न कोई लाठी पत्थर आदि। उन्होंने सवाल के उत्तर में कहा कि अभी मुकद्दमें वापस लेने आदि की मांगों में उलझना नहीं चाहते। अभी तो पहली मांग केवल पानी की है।
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एक सवाल उठा कि वार्ता में कांग्रेसी नेता कहीं दिखाई नहीं दे रहे। 



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