मंगलवार, 29 मार्च 2016

संजय धुआ 12 लाख की घूस वाली राशि कहां से लाया-हरचंदसिंह सिद्धु:


पूर्व विधायक सिद्धु ने हनुमानगढ़ के पुलिस अधीक्षक को दिए पत्र में यह मांग की है:
ईओ राकेश मेंहदीरत्ता को मुकद्दमें में बचाने के लिए रकम पीलीबंगा थानाधिकारी विजय मीणा को दिए जाने का आरोप:
आरोप मेंहदीरत्ता की पत्नी शिमला ने लगाया है:
- करणीदानसिंह राजपूत -
ईओ राकेश मेंहदीरत्ता को गिरफ्तार करने के लिए हनुमानगढ़ आवास पर दबिश देने वाले पीलीबंगा के थानाधिकारी विजय मीणा को 12 लाख रूपए दिए जाने का आरोप ईओ की पत्नी शिमला ने लगाया है। आरोप में लिखा गया है कि पति के मित्र संजय धुआ सूरतगढ़ ने यह राशि थानाधिकारी को दी। ईओ की पत्नी ने हनुमानगढ़ के जिला पुलिस अधीक्षक को यह पत्र दिया व रूपए दिलवाए जाने की मांग की है। इस पर पुलिस जाँच शुरू हो गई है लेकिन पुलिस का प्रथम दृष्टि में यह मानना है कि इतनी बड़ी रकम यूं लेना संभव नहीं लगता। पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है।
पूर्व विधायक स.हरचंदसिंह सिद्धु ने इस रकम और आरोप पर कई सवाल उठाते हुए सही जाँच किए जाने की मांग पुलिस अधीक्षक से की है। सिद्धु स्वयं एसपी कार्यालय गए तथा उनको अपना पत्र सौंपा।
सिद्धु ने अपने पत्र में महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं।
1.संजय धुआ जो खुद कई मामलों में फंसा हुआ है इतनी बड़ी रकम

कहां से लाया? यह रकम किसी एकाऊंट से आई है या काली रकम है? सिद्धु ने लिखा है कि संजय धुआ से यह जाँच बहुत जरूरी है तथा वह किसी अन्य का नाम लेता है तो उससे भी जांच जरूरी है।
सिद्धु ने लिखा है कि संजय धुआ खुद एक मुकद्दमें में फंसा हुआ जिसमें ईओ राकेश मेंहदीरत्ता भी फंसा हुआ है।
सिद्धु ने एसपी को कहा कि घूस का यह प्रकरण तेजी से जाँच किए जाने वाला है।
पत्र में लिखा है कि नगरपालिकाओं में घोटाला कर राज्य सरकार को करोडों रूपयों का घाटा पहुंचाने वाले ईओ राकेश मेंहदीरत्ता और इ्रओ पृथ्वीराज जाखड़ के प्रकरण पुलिस के पास विचाराधीन है लेकिन पुलिस महीनों से पत्रावलियां लिए बैठी है। इन दोनों के विरूद्ध सिद्धु ने प्रकरण दर्ज करवाए हुए हैं। पृथ्वीराज जाखड़ के विरूद्ध दस्तावेजी साक्ष्य होते हुए भी पुलिस ने दो बार अंतिम रिपोर्ट लगा दी तथा वह प्रकरण वर्तमान में रावतसर के पुलिय उप अधीक्षक के पास में पड़ा है।
सिद्धु ने कहा कि करोड़ों रूपयों के घोटालों के विरूद्ध लढ़कर सरकार का साथ देने वाले लोगों का साथ पुलिस नहीं दे रही है और मुकद्मों की सही व तेजी से जांच नहीं कर रही है जिस कारण घोटालेबाजों का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि वे पुलिस व संघर्ष करने वालों पर झूठे मुकद्दमें दर्ज करवा रहे हैं। 

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