मंगलवार, 11 जुलाई 2017

भादू परिवार के कटलों कोठियों भूखंडों का राज? विधायक राजेन्द्र भादू निवास सड़क पर होने का आरोप:अपडेट

 पहले यह रिपोर्ट 10-8-2014 को दी गई थी।
 अपडेट 8-12-2015.
अपडेट 15-6-2016.
अपडेट 19-7-2016.
अपडेट 24-11-2016
अपडेट 6-5-2017.
अपडेट 11-7-2017.


विशेष रिपोर्ट- करणीदानसिंह राजपूत


गंगाजल मील,पृथ्वीराज मील व बनवारीलाल मेघवाल तो नहीं बोले और भादू पर जबानी आरोप लगा कर चुप हो गए।


पूर्व विधायक स.हरचंदसिंह सिद्धु ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को शिकायत की और उसके बाद अभी तक सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की। 

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माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र जी मोदी ने काले धन व भ्रष्टाचार पर पर रोक लगाने व कालाबाजायिों भ्रष्टाचारियों को दंडित करने की घोषणा की है। बेनामी और नियम विरूद्ध प्राप्त या कब्जेशुदा जमीनों पर भी कार्यवाही करने की घोषणा है।
भादू परिवार की इन संपत्तियों का जो विवरण उपलब्ध है वह सामने हैं।
सवाल केवल इतना है कि चाहे जो कानून हो,चाहे सशक्त लोकपाल बना दिया जाए जाँच कार्यवाही तो तभी शुरू होगी जब कोई शिकायत करेगा।
भाजपा के विरूद्ध कांग्रेस है। कांग्रेस बसपा माकपा आप जमींदारा सभी खामोश हैं।





 नगरपालिका क्षेत्र में राजस्व तहसीलदार ने पुराना कब्जे का कागज पेश नहीं किए जाने के बावजूद कैसे जारी किया था पट्टा?

आरोप है कि इस स्थान पर महाजन का डेरा था।



वर्तमान में इस स्थल पर स्व.मनफूलसिंह भादू के पोते काबिज हैं।

-  करणीदानसिंह राजपूत  -     



 यह पट्टा नं 44 राजस्व तहसीलदार ने 1958 में जारी किया। इसकी मिसल नं 16 है। पट्टे में पृथ्वीराजसिंह वल्द नरायणसिंह जाट सा.रूपाणा का पुराना कब्जा लिखा है। यह लिखा है कि सबूत मांगे गए लेकिन कोई कागज पेश नहीं किया गया। कब्जा पुराना मान कर मकान की पैमाइस करवाई गई जो 6500 दरगज थी। इसकी कीमत साढे बारह रूपया मानी गई व जमा हुई।
इसमें पृथ्वीराजसिंह वल्द नरायणसिंह जाट और मनफूलसिंह,मनीराम,बीरबल वल्द मोटाराम जाट साकिन बडोपल का हिस्सा बराबर लिखा हुआ है। इसमें यह भी उल्लेख है कि कमीश्रर बीकानेर के आदेश से पट्टा जारी हुआ।
पट्टा सही है या गलत है? इस पुराने मामले को जनता उत्सुकता से जानना चाहती है सो यहां पर उसकी फोटो दी जा रही है। बनवारीलाल ने पहले यह आरोप लगाया था कि इस स्थल पर मल्टीपलैक्स सिनेमा बाबत राजेन्द्र भादू ने कार्य करने को कहा था लेकिन गलत मान कर कार्य नहीं किया तो उन्होंने रंजिश से मुख्यमंत्री को शिकायत की और जांचें करवाई।

 

इसमें पृथ्वीराजसिंह वल्द नरायणसिंह जाट और मनफूलसिंह,मनीराम,बीरबल वल्द मोटाराम जाट साकिन बडोपल का हिस्सा बराबर लिखा हुआ है। इसमें यह भी उल्लेख है कि कमीश्रर बीकानेर के आदेश से पट्टा जारी हुआ।

पट्टा सही है या गलत है? इस पुराने मामले को जनता उत्सुकता से जानना चाहती है सो यहां पर उसकी फोटो दी जा रही है। बनवारीलाल ने पहले यह आरोप लगाया था कि इस स्थल पर मल्टीपलैक्स सिनेमा बाबत राजेन्द्र भादू ने कार्य करने को कहा था लेकिन गलत मान कर कार्य नहीं किया तो उन्होंने रंजिश से मुख्यमंत्री को शिकायत की और जांचें करवाई।

 
इसमें पृथ्वीराजसिंह वल्द नरायणसिंह जाट और मनफूलसिंह,मनीराम,बीरबल वल्द मोटाराम जाट साकिन बडोपल का हिस्सा बराबर लिखा हुआ है। इसमें यह भी उल्लेख है कि कमीश्रर बीकानेर के आदेश से पट्टा जारी हुआ।
पट्टा सही है या गलत है? इस पुराने मामले को जनता उत्सुकता से जानना चाहती है सो यहां पर उसकी फोटो दी जा रही है। बनवारीलाल ने पहले यह आरोप लगाया था कि इस स्थल पर मल्टीपलैक्स सिनेमा बाबत राजेन्द्र भादू ने कार्य करने को कहा था लेकिन गलत मान कर कार्य नहीं किया तो उन्होंने रंजिश से मुख्यमंत्री को शिकायत की और जांचें करवाई।

 

इसमें पृथ्वीराजसिंह वल्द नरायणसिंह जाट और मनफूलसिंह,मनीराम,बीरबल वल्द मोटाराम जाट साकिन बडोपल का हिस्सा बराबर लिखा हुआ है। इसमें यह भी उल्लेख है कि कमीश्रर बीकानेर के आदेश से पट्टा जारी हुआ।

पट्टा सही है या गलत है? इस पुराने मामले को जनता उत्सुकता से जानना चाहती है सो यहां पर उसकी फोटो दी जा रही है। बनवारीलाल ने पहले यह आरोप लगाया था कि इस स्थल पर मल्टीपलैक्स सिनेमा बाबत राजेन्द्र भादू ने कार्य करने को कहा था लेकिन गलत मान कर कार्य नहीं किया तो उन्होंने रंजिश से मुख्यमंत्री को शिकायत की और जांचें करवाई।


 


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विशेष रिपोर्ट 27-|7- 2014
बीरबल भादू की कोठी में कैसे शामिल हुई सड़कें?
विधायक राजेन्द्रसिंह भादू आजकल आरोपों के घेरे में हैं

विशेष रिपोर्ट - करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़। राजस्थान की लोकप्रिय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार के विधायक राजेन्द्रसिंह भादू आजकल आरोपों के घेरे में हैं। ये आरोप इतने गहरे और प्रमाणिक दस्तावेजों में हैं कि उनको बिना जांचे इन्कार नहीं किया जा सकता और न टाला जा सकता है। ये दस्तावेजी सबूत भादू के वर्तमान राजनैतिक दुश्मन नं 1 पूर्व विधायक गंगाजल मील के और उनके नजदीकी लोगों व नगरपालिका के वर्तमान चेयरमेन बनवारीलाल मेघवाल के हाथ लग गए हैं। मील इनका उपयोग भादू की राजनीति को ठिकाने लगाने में करेंगे।

भादू परिवार की जमीनी संपत्ति के पट्टे कैसे बने? इनमें सड़कें कैसे शामिल कर ली गई? पचास साठ साल पहले क्या क्या हुआ? किसी को मालूम नहीं था। अब ये अनेक राज  सामने आने शुरू हो चुके हैं।

विधायक बनने के बाद राजेन्द्रसिंह भादू ने 9 जून 2014 को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मील के विधायक काल में भ्रष्टाचार होने के आरोप लगाते हुए जांच करवाने की मांग की और मुख्यमंत्री को नगरपालिका के कई निमार्ण कार्यों को दिखलाया। मील के राज में पांच साल तक पूर्ण रूप से चुप रहने वाले राजेन्द्र भादू ने विधायक बनने के बाद अचानक शिकायतें कैंसे और क्यों की?
यह रहस्य बनवारीलाल ने ही खोला।
बनवारीलाल ने आरोप लगाया है कि विधायक ताऊ स्व. मनफूलसिंह भादू के परिवार के कटले का काम करने के लिए कहा जो कि गलत होने के कारण संभव नहीं था। इससे विधायक भादू चिढ़ गए। वहां की जमीन पहले महाजन डेेरे के रूप में थी लेकिन इनके परिवार का पट्टा कैसे बना? नगरपालिका के इलाके में होते हुए भी उसका पट्टा सन 1958 में तहसीलदार ने कैसे जारी किया? इसकी जांच के लिए  राज सरकार को शिकायत कर दी है। यह शिकायत बड़ी गंभीर है और उसके चलते वहां पर कटले का निर्माण खटाई में रहेगा। अगर जांच में पट्टों आदि में फर्जीवाड़ा मिला तब सौ करोड़ से अधिक की जमीन सरकारी खाते यानि के नगरपालिका खाते में चली जाएगी।

बनवारीलाल ने तो बीरबल भादू की कोठी जहां पर अब कटला बनाए जाने की चर्चा है पर भी गंभीर आरोप लगा दिए हैं। बनवारीलाल ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि इसमें चारों ओर की सड़कें शामिल कर ली गई। सन 1968 के आसपास यह हुआ। इस स्थान पर भी कटला बनाने की चर्चा है। लेकिन अब बनेगा या जांच में रूकेगा? बनवारीलाल ने एक आरोप यह भी लगा दिया  कि विधायक राजेन्द्रसिंह भादू जिस कोठी में निवास कर रहे हैं वह भी सड़क पर बनी है। बनवारीलाल ने आरोप में कहा कि उस कोठी से अतिक्रमण शुरू होते हैं। 

बीरबल भादू की कोठी के इलाके का  46 साल पुराना नक्सा यहां दिया जा रहा है। जिसमें वे सड़कें दिखलाई गई हैं जो पट्टों में शामिल कर खत्म कर दी गई।
ऐसा लग रहा है कि मील और भादू की राजनैतिक दुश्मनी में कई राज खुलेंगे और संभव है कि कोई राजस्थान उच्च न्यायालय तक भी पहुंच जाए। पूर्व विधायक गंगाजल मील और नगरपालिका चेयरमेन बनवारीलाल मेघवाल के आरोपों के बाद विधायक राजेन्द्र भादू का चुप  है।

 इनमें जो भी नई सूचनाएं  होंगी वे देने की कोशिश होती रहेगी।


राजेन्द्रसिंह भादू

गंगाजल मील

बनवारीलाल मेघवाल

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