मंगलवार, 17 सितंबर 2013

सफाई कर्मचारी नियुक्ति अवैध का ओरोप:हाईकोर्ट में रिट दायर:अपडेट:


कोर्ट ने 16 सितम्बर को प्रतिपक्ष ईओ,अध्यक्ष व अन्य को नोटिस जारी कर 26 सितम्बर को हाजिर होने का आदेश जारी किया।

खास खबर- करणीदानसिंह राजपूत

सूरतगढ़, 17 सितम्बर। नगरपालिका में नियुक्त 148 सफाई कर्मियों की नियुक्ति को नियम विरूद्ध बतलाते हुए सूची को निरस्त करने,ताजा नई नियुक्तियां करने की यायिका राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर की गई है। याचिका में चयन समिति को भी नियम विरूद्ध अवैध बताया गया है। वाल्मिकि समाज के वरिष्ठ पार्षद को चयन समिति में लेने के बजाय मनोनीत जूनियर पार्षद को लिया गया,तीन से अधिक संतानों वाले अपात्रों को चुना गया व पात्र लोगों को नियुक्त नहीं किया गया।

    उच्च न्यायालय जोधपुर में यह रिट पांच लोगों विनोद पुत्र चरणदास,सुनीतादेवी पुत्री कालूराम,राकेश पुत्र दुलाराम,दीपक कुमार पुत्र मोहनलाल,प्रेमकुमार पुत्र बंशीलाल की ओर से पेश की गई।

रिट में राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग के सचिव,नगरपालिका ईओ,नगरपालिका अध्यक्ष व हाल ही में नियुक्त सफाई कर्मचारियों संजय पुत्र भंवरलाल,अशोक पुत्र कालूराम, बुधराम पुत्र भागुराम,दर्शनादेवी पत्नी भरतकुमार,राजकुमार पुत्र चम्पालाल,और रेखा पत्नी राजकुमार,मंजु पत्नी छोटू राम,किशोर कुमार पुत्र फूसाराम,सीता राम पुत्र नत्थूराम,श्रवण कुमार पुत्र लाल मणि,कमल कुमार पुत्र राजेन्द्र कुमार को प्रतिपक्षी बनाया गया है।

    रिट में लिखा गया है कि नगरपालिका ने मई 2012 में 90 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति का विज्ञापन प्रकाशित करवाया। इसके बाद संशोधन होते रहे व 148 कर्मचारी नियुक्त किए गए। राजस्थान सरकार की ओर से 3 मई 2013 को नियुक्तियों के लिए समस्त पालिकाओं के लिए गाईड लाइन जारी की। जिसमें 5 सदस्यीय चयन समिति बनाने के लिए निर्देश था। उसमें चयन समिति का अध्यक्ष नगरपालिका का अध्यक्ष,वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी,वरिष्ठ सफाई निरीक्षक,एक सदस्य वाल्मिकि समुदाय का जो चुना हुआ वरिष्ठ पार्षद या मनोनीत पार्षद हो व अधिशाषी अधिकारी।

    रिट में लिखा गया है कि नत्थूराम भाटिया नवम्बर 2009 में निर्वाचित हो पार्षद बना व रामनिवास को 8 जून 2010 को राज्य सरकार ने मनोनीत किया। इसमें नत्थूराम भाटिया के होते हुए रामनिवास को अवैधानिक तरीके से चयन समिति का सदस्य लिया गया। इस तरह से यह चयन समिति अवैधानिक है और इसका चयन भी अवैधानिक है।

यह लिखा गया है कि 1-6-2002 के बाद तीन से अधिक संतानों होने वालों का चयन असंवैधानिक बताया गया। जिसमें उनके राशनकार्डों का हवाला दिया गया है जिनमें परिवार के समस्त सदस्यों के फोटो हैं। इसके अलावा कमल कुमार की आयु 18 वर्ष से कम होना बताया गया है। यह लिखा गया है कि याचिकाकर्ता पात्र होते हुए भी चुने नहीं गए।

 याचिका में लिखा गया है कि चयन समिति ही असंवैधानिक है तब उसका चयन भी अपने आप में अवैध हो जाता है सो उस चयन सूची को निरस्त का आदेश देते हुए नियमानुसार ताजा नई नियुक्तियां किए जाने का आदेश प्रदान किया जाए।

इस याचिका के नोटिस जारी होने के समाचार ने यहां खलबली मचा दी है। इन नियुक्तियों को लेकर कुछ दिन पालिका प्रांगण में धरना प्रदर्शन हुए। अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल का पुतला फूंका गया। उसके बाद विधायक के पुत्र महेन्द्र मील ने धरना देने वालों के बीच में जाकर कहा कि पालिकाध्यक्ष ने उनको बताए बगैर यह नियुक्ति सूची जारी कर दी है। यह आश्वासन दिया कि इस सूची को निरस्त कराया जाएगा। विधायक पुत्र महेन्द्र मील प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी हैं। इसके बाद विधायक गंगाजल मील ने आश्वासन देकर धरना व जूस पिला कर अनशन खत्म करवाया। लेकिन इसके बाद कुछ भी नहीं हुआ।

अब पात्र लोगों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में यायिका दायर की है।

राजस्थान उच्च न्यायालय में  सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति को नियम विरूद्ध बतलाते हुए एक और रिट पेश की गई है।
यह रिट पार्षद नत्थूराम भाटिया व 7 अन्य की ओर से पेश की गई है जिसमें पालिका अध्यक्ष,तत्कालीन ईओ,राजस्थान सरकार सहित कुल 15 जनों को प्रतिपक्षी बनाया गया है। इस रिट की तारीख भी 26 सितम्बर दी गई है।

 

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