सोमवार, 8 अप्रैल 2013

सिपाही रोहिताश और पीडि़ता की बातों की सीडी और फोटो पक्के सबूत : 180 कागजी पेज

शादीशुदा होते हुवे ब्याह किया और साथ रखने की पुकार पर पीडि़ता को गोली मारने तक की धमकी:जहर की धमकी

पालिका अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल,पार्षद पति ओम साबनिया व सिपाही रोहताश पर अनुसूचित बाजीगर महिला से दुराचार का मामला

वकील हरचंदसिंह सिद्धु

 रोहताश वर्दी में पीडि़ता के साथ

खास खबर- करणीदानसिंह राजपूत

सूरतगढ़,8 अप्रेल 2013.

 पालिका अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल,पार्षद पति ओम साबनिया व सिपाही रोहताश पर अनुसूचित बाजीगर महिला से बलात्कार करने, यौन शोषण करने, मारपीट करने,गर्भपात करवाने,शिव मंदिर में सिपाही को कुंवारा बतलाकर ब्याह करवाने के चर्चित मुकद्दमें की दुबारा जांच की जा रही है। तीनों पर ही आरोप है कि उन्होंने बलात्कार व यौन शोषण किया। आरोप यह भी है कि रोहिताश के साथ मंदिर में ब्याह करवाने में बनवारीलाल व ओम साबनिया का सहयोग था।

सिपाही रोहिताश ने पीडि़ता से ब्याह रचाया और पति के रूप में उसके घर भी जाने लगा। पीडि़ता ने उसे बार बार अपने साथ रखने का कहा तब पहले तो वह कहता रहा कि बदली होने के बाद साथ ले जाएगा। पीडि़ता पत्नी के रूप साथ रखने के लिए दबाव डालने लगी तब वह गुस्सा करने लगा और मामला सुलटाने का कहने लगा। पीडि़ता ने मोबाइल पर बार बार जोर देना शुरू किया तब गोली मार देने तक की धमकी दी। यहां तक की पीडि़ता के साथ जो बातचीत मोबाइल पर जितनी बार भी हुई हर बार वह पीडि़ता को गुस्से में हडक़ाता हुआ सा ही बात किया करता था।

 पीडि़ता के जोर देने पर मामला सुलटाने के लिए आंटी के घर पर पहुंचने और वहां पर बात करने को बुलावे भी देता रहा। यह आंटी कौन है और उसका इस मामले में क्या संबंध रहा है यह समाचार अलग से देने की कोशिश रहेगी।

सीडी का सबूत भी पक्का माना जाता है। इसकी आवाजों की जांच भी पुलिस जल्दी ही करवाएगी।

सीडी में बातचीत राजस्थानी में है। सीडी के कागजी टाईप पृष्ठ 180 हैं जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण अंश हिन्दी में यहां दे रहे हैं। 

 

मामला सुलटाने को पुरूष आंटी के घर का कहता है। इसी सीडी में ही पुरूष का नाम रोहिताश आ जाता है।

औरत कहती है...आंटी तो होगी? ..मेरे घर में तो घुसने नहीं दूं। आंटी के घर की याद कैसे आने लगी है। पहले तो तुमने कहा था कि आंटी को बताना नहीं है।

पुरूष...तूं बता दे।

महिला...पहले बात की हुई है,बात पर कायम रहो। पुरूष होटल का कहता है। महिला मना करती है कि वहां आंटी नहीं है। पुरूष वहीं आंटी के घर का कहता है। महिला कहती है आंटी को बैठावो तो आऊं लेकिन आने का साधन नहीं है। पुरूष पैदल का कहता है। महिला कहती है कि इत्ती दूर पैदल नहीं आया जाता। वो कहता है बहुत साधन है। महिला कहती है कि आंटी नहीं है। पुरूष कहता है-है। आंटी वहां है। पुरूष घुडक़ता है...तुझे कह दिया आना है तो  आजा।

महिला- उसके सामने बात करो। अकेले करलो। पुरूष कहता है..सारी हो जायेगी। अकेले भी हो जायेगी।

महिला...उस दिन सामने की थी,लेकिन सुलटा तो नहीं।

पुरूष कहता है कि साधन का बहाना मत कर...मेरी अभी बात हुई है। आंटी है। कै मेरे घर आ जावो। घर बैठ कर बात करलो। क्या दिक्कत है। महिला...आंटी से मेरी अभी बात हुई है। थै कहो मैं अभी बाहर हूं। शाम 5-6 बजे का तय होता है।..... महिला पुरूष की कसम खा कर कहती है कि उसने बात का किसी से भी जिक्र नहीं किया है।....आप गंदी गंदी गालियां ....। पुरूष धमकाता है कि मैंनें की दिया था कि में फोन करूंगा तो क्या मतलब है फोन करने का? महिला...फोन करने पर पाबंदी थोड़ी है।...तुमने मुझे कहा कि 12 बजे तो मैं शराब पीता हूं।..तुम मुझे अकेली को बुलावो... ओम को पास में क्यों बिठा रखा था। कल परसों तुम मुझे होटल में बुला रहे थे। विवाद होता है। पुरूष... भांडा में बडग़ी। ओ तरीको चालै कोनी।

महिला...मंदिर में मंगलसूत्र पहनाया उस समय कहा,लेकिनल तुमने लिखा पढ़ी की नहीं। पुरूष...भाषण मत दे..में कह रहा हूं भाषण ना दे। माथा चाटण लग रही है।

महिला...तुम यह सोचो कि भगवान है। पुरूष...तूं भगवान को साथ रख।

महिला...आपने मुझे मंगलसूत्र भगवान के सामने पहनाया था। अब कहते हो भगवान क्या होता है।

पुरूष..भगवान को गवाही खातर राख।

बात आगे चलती है.. वो कहता है कि मैं रायसिंह नगर कोर्ट में खड़ा हूं। महिला कहती है कि कोर्ट से बाहर करले।

पुरूष गुस्से में कहता है... ये बात है कि हकीकत में गोली मार दूं। महिला भी गुस्से में.. ऐसे कैसे मार दोगे।

पुरूष...ऐसे मारदूं। देख...महिला...क्यों मार दोगे गोली? पुरूष..मारते नहीं क्या...आदमी मरते नहीं क्या..

महिला...मेरे हाथ लगाने से पहले दस बार अपने दिल में झांक लेना। बाद में मेरे हाथ लगाने की सोचना..मैंने तुमसे पूछा..मेरे साथ धोखा क्यों किया? पुरूष...क्या धोखा किया? महिला...यह धोखा ही चल रहा है। महिला शिवरात्रि  की 12 तारीख का और होली का वादा याद दिलाती है। पुरूष कहता.. तूं तो लकीर खींच कर बैठगी। बातचीत में बिजयनगर का हवाला भी आता है। पुरूष घुडक़ता हे कि तेरी बार बार की बातों से मेरे टेंशन हो जाती है। साथ में कहता है कि तूं बिगाड़ ले.. जब तक बिगाड़ती रह जब तक तेरे ठंड नहीं पड़ जावे।

बातचीत में पैसे का हवाला आता है.. महिला कहती है कि आपने मुझे कहा कि अभी मेरे से पेसे मांग रही है। पुरूष.. पैसे तो सारे तेरे है। महिला कहती है.. चालबाजी क्यों कर रहे हो? मैंने आप पर भरोसा किया...भगवान के सामने मंदिर के सामने आने कहा कि मैंने तुम्हारे से शादी करली..वादा किया कि दुख सुख में साथ दिया करूंगा..मैं तो घर की रही ना घाट की..

पुरूष बातचीत में खुद के गंगानगर जैतसर में रहने की अवधि का  हवाला देता हुआ कहता है... मैं गलती मान लूंगा। यार..मेरी गलती हो गई...

महिला...आपने मेरे से झूठ क्यों बोला? मुझे कई बार अपने घर ले गए और कहा कि देखले मैं अकेला ही हूं। मेरी शादी ही नहीं हुई हे। इस पर मैंने आपकी बात मान ली।

पुरूष गुस्से में कहता है.. तूं मुझे रोहताश रोहताश कहती है। महिला. तुमने मुझे बरबाद कर दिया और में जिकारा लगा कर बोलूं? पुरूष.. मैंने तुझे सौ बार कह दिया कि तूं मुझे ऐसे ना बोला कर। सारे सूरतगढ़ में मुझे लोग जी लगाए बिना नहीं बोलते। महिला गुस्से में गाली निकालते हुए...तेरे को रोहताश जी कहते हैं। तेरे मां बाप भी जी लगाते हैं क्या?.

महिला.. आपने मुझे गोली मार देने का कहा। मार दो।

पुरूष...तूं मुझे मार दे...मुझे। महिला...मेरे पास गोली है कोई?

पुरूष..ला तो मैं दूंगा। गोली री बात कोई नहीं...जहर ला दूं।

महिला..जहर के लिए घूमी मिला नहीं।

महिला- आपने कहा था कि ट्रांसफर हो जावे तो तेरे पास आ के रेस्ट करूंगा।

बातचीत आगे चलती है। पुरूष..एक अपराध में एक ही सजा मिलती है। जब गिरफ्तार हो गया, तो तेरी गलतफहमी दूर कर लेना।

पुरूष- ऐसे कर तेरे लडक़े को भगा दे।

....पुरूष गुससे में कहता है.हां..हां..अभी तो कोई बात नहीं...पांच सात जनों को ही मालूम पड़ा है। और लोगों को मालूम करा दे।

महिला...हां,मेरे साथ शादी की है इसी का मालूम पड़ा है। इसका मालूम पड़ा है तो पडऩे दे। तूंने मेरे साथ वादा किया था। शादी की है।

पुरूष.. मैंने इतना सोचा नहीं था। तूं मेरे साथ इतनी घटिया हरकत करे है। हर कदम पर धोखो। मोबाइल में रिकार्डिंग करै और मुझे मालूम है कि तेरे पास टेप कहां से आता है। और कहां कहां रिकार्डिंग होती है। तूं करले। मुझे सब मालूम है।

महिला... मैं बताऊं... अपने आप मान जाई:

पुरूष... मैं बताऊं क्या अपने आप मान जाई... एडीशनल एसपी के पास लेकर पटक दी। तूं वहां गई। तूं कहीं भी जा। मैं गलती मान लूंगा। जो सजा हो। मैंने देवेन्द्र जी से भी यही कहा।

पुरूष...भाषण मत दे। लम्बे लम्बे। रिकार्डिंग हो रही है।

महिला.. मंगलसूत्र पहना कर मेरी छुट्टी कर दी।

पुरूष... तुझे कहा कि आकर बात करले..पर तूं है इतनी घटिया औरत..एक एक रिकार्डिंग करने लग रही है।

महिला... आपने पहले यह बात मुझे नहीं कही। कहा डिप्टी साहब के पास चली जा। वो बुलाऐंगे तब वहां आ जाऊंगा। अपनी बात वहीं पर होगी। उसके बाद मैं वहां पर गई। पहले आने कह दिया अब बातें बनाते हो...आप कहते हो मुझे माफ करदे...ऐसे कैसे माफ कर दूं? मैं कहां जाऊं?

  बनवारीलाल मेघवाल, ओम साबनिया व सिपाही रोहताश


यह सीडी और फोटो आदि सबूत पहले पुलिस को सौंपे गए थे लेकिन पुलिस ने इनको शामिल ही नहीं किया। इस पर पीडि़ता के वकील हरचंदसिंह सिद्धु की ओर से अदालत में पीडि़ता के पुलिस एफआर को चुनौती दी गई। इसमें सूरतगढ़ के तत्कालीन थानाधिकारी इंसपेक्टर रिछपालसिंह चारण और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यादराम फासल पर भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने सबूतों को नष्ट किया।

    पीडि़ता के वकील पूर्व विधायक हरचंदसिंह सिद्धु ने बताया कि आरोपियों की आवाज के नमूने लेने के आदेश हो चुके हैं। यह कार्यवाही अब सूरतगढ़ सिटी थाने को करनी है,जहां अदालत के आदेश से 7 अक्टूबर 2010 को इसकी प्राथमिकी दर्ज हुई थी। पुलिस ने इस प्रकरण में अंतिम रिपोर्ट अदालत में पेश की थी लेकिन अदालत ने 19 दिसम्बर 2012 को अस्वीकार कर दिया और कुछ बिंदुओं पर दुबारा अनुसंधान का आदेश दिया था।  पीडि़ता ने अपनी जान की सुरक्षा की मांग भी की थी जो प्राथमिकी में है। लेकिन पुलिस ने उसकी सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की,सीडी में भी गोली मार देने की धमकी है। सिपाही  रोहताश का वर्दी में पीडि़ता के साथ का फोटो सबूत है,लेकिन वो पुलिस अधिकारियों की मेहरबानी से ड्यूटी पर है।


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