शनिवार, 15 फ़रवरी 2014

सूरतगढ़ में रेलवे ओवर ब्रिज फाटक एलसी-95 का नक्शा व कमेंट्स

रेलवे ओवर ब्रिज से मंडराएगा हर समय मौत का खतरा-
अब चल रहे निर्माण की एकदम ताजा रिपोर्ट 
15 फरवरी 2014.



 समाजवादी चिंतक दिलात्मप्रकाश जैन ने छह सितम्बर 2012 को आरोप लगाया था
भू माफिया और अवैध कॉलोनी के भूखंड आदि को बचाने के लिए बदलाव किया गया
सही स्थान पर बनाने के लिए नए सिरे से प्रयास करने का आह्वान किया था
दिलात्मप्रकाश जैन ने सूचना के अधिकार के तहत इरकॉन से इसका नक्शा प्राप्त किया
खबर: करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़,4 अक्टूबर 2012. समाजवादी चिंतक दिलात्म प्रकाश जैन ने रेलवे फाटक एलसी-95 पर प्रस्तावित ओवर ब्रिज के स्थान को बदलने पर छह सितम्बर को गंभीर आरोप लगाए थे। जैन ने नए नक्शे को सूचना के अधिकार कानून के तहत मांगा जो इरकॉन ने 26 सितम्बर को प्रेषित किया था। इस नक्शे की फोटो प्रति यहां दी जा रही है ताकि आम लोगों को पुल का स्थान मालूम हो सके। पुल बडोपल रोड पर से उतरेगा चढ़ेगा और बाईपास पर इंडेन गैस एजेंसी कार्यालय के आगे चढ़ेगा उतरेगा। इससे सेठ राम दयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का खेल मैदान प्रभावित होगा, मतलब खत्म सा हो जाएगा। असल में मास्टरप्लान में ओवरब्रिज का स्थान राजकीय पशु चिकित्सालय के पास में बनाया जाना निर्धारित किया गया था। लेकिन मास्टर प्लान से हट कर पुल पहले बाजार में महाराजा होटल के पास से चढऩा उतरना प्रस्तावित किया गया और बाद में उसमें भी बदलाव कर दिया गया। अब जो स्थान निर्धारित किया गया है उसका नक्शा यहां दिया गया है।





दिलात्मप्रकाश जैन
दिलात्मप्रकाश जैन ने सात सितम्बर को जो समाचार विचार दिया था उसको यहां दुबारा दिया जा रहा है।
 सूरतगढ़, 6 सितबर.2012.सूरतगढ़ उपखंड विकास समिति के संयोजक दिलात्मप्रकाश जैन ने प्रशासन की ओर से ओवर ब्रिज-रेलवे फाटक सी- 95-के बार बार बदलाव और कानूनी प्रक्रियाओं की पूर्ति के बिना बनाय जा रहे पुल बाबत एकदम साफ आरोप लगाया है कि इरकोन कम्पनी की ओर से बनाया जा रहा ओवरब्रिज गलत है। इससे कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था अदालत में जा सकते हैं जिससे रोक लग जाने पर बीच में अटक जाएगा।
    दिलात्मप्रकाश जैन ने 6 सितम्बर को जिला कलक्टर श्रीगंगानगर और नगरपालिका अध्यक्ष सूरतगढ़ व इरकोन के प्रबंधक को एक पत्र लिखा है जिसमें पुल के गलत बनाने का उल्लेख किया गया है। पत्र में लिखा गया है।
    सूचना के अधिकार के तहत नगरपालिका ने साइट प्लान,नक्शा,तखमीना बाबत कोई जानकारी नहीं दी है। इरकोन कं. ने नक्शा तखमीना साइट प्लान नहीं दिया है। सिर्फ सोइल भूमि रिपोर्ट की नकल ही दी है। मंडल रेल प्रबंधक बीकानेर ने साइट प्लान व नक्शा दिया है तथा अन्य जानकारियां इरकोन से लेने का कहा है।
रेलवे से उपलब्ध नक्शे के अनुसार मौके पर इरकोन ने अलाइन्मेंट नहीं दिया है। स्थान में तबदीली की गई है। नक्शे के अनुसार पुल बडोपल रोड से रेलवे डिग्गी गंदे पानी के गड्ढे के ऊपर से होकर, खेल मैदान के पास से होता हुआ ,गंदे पानी के नाले के पास से होटल आशियाना की तरफ जाना था। गंदे पानी का नाला नक्शे में दिखलाया नहीं गया है।
अब फिर इस अलाइन्मेंट को बदलकर अवैध कॉलोनी को बचाने वास्ते भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। अब इस पुल को इंडेन गैस एजेंसी कार्यालय के पीछे पुल को मोड़ देकर बनाया जाएगा। सरकार इसके लिए 10 फुट की सडक़ कॉलोनी में बनाकर देगी। इस स्थान पर पार्क की दीवार व अन्य स्थानों को हटाना पड़ेगा। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही नगरपालिका को नए सिरे से करनी पड़ेगी।
    सोइल टेस्ट इाकोन ने पहले कराना दिखा दिया है तो दुबारा क्यों कराया जा रहा है। समिति ने आशंका प्रगट की है कि ऐसा लगता है कि पहले वाली रिपोर्ट सही नहीं है। पुल के स्थान परिवर्तन के कारण दुबारा सोइल जांच की कार्यवाही की जा रही है।
    भू माफिया, बिल्डर्स, बेनामी संपति के मालिकों के कारण पहले ही स्थान बदला गया था तथा अब अवैध कॉलोनी को बचाने वास्ते प्रशासन पर तीसरी बार पुल का स्थान बदलाने को दबाव बनाया जा रहा है। स्थानीय विधायक, पालिका अध्यक्ष जिला कलक्टर आदि इंजीनियर बनकर बिना तकनीकी ज्ञान के भूमाफिया की ईच्छानुसार कार्य कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि शहर का बेड़ा गर्क करने की सोची हुई है।
    इस समय ओवरब्रिज गैरकानूनी, गैर न्यायिक,बगैर नक्शा, साईट प्लान व बिना तखमीना मंजूरी के कार्य करवाया जा रहा है। इस पर न्यायिक प्रक्रिया की गाज कभी भी गिर सकती है।
    ऐसा क्यों किया जा रहा है? प्रशासनिक अधिकारी, मुख्यमंत्री कार्यालय, राजनैतिक दलों व सामाजिक संगठन सभी आँखें मूंदे बैठे हैं। चुप हैं जैसे जुबान ही नहीं है। नए परिवर्तन से लाईन पार के 10 वार्डों के लोगों को करीब 1 किलोमीटर और अधिक रास्ता पार कर शहर में आना पड़ेगा। सेठ रामदयाल राठी स्कूल के खेल मैदान को खत्म किया जा रहा है।
    दिलात्म प्रकाश जैन ने लोगों को चेताया है कि अभी समय रहते जागो और ओवरब्रिज सही स्थान पर बनाने के प्रयास नए सिरे से शुरू करें।

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अब चल रहे निर्माण की एकदम ताजा रिपोर्ट करणीदानसिंह राजपूत
अभी देखलो::अभी देखलो:पुन:कह रहे हैं कि मौके पर देखलो-

रेलवे ओवर ब्रिज से मंडराएगा हर समय मौत का खतरा-
पुल पर जबरदस्त मोड़ है-पुल पर दुर्घटनाओं का खतरा रहेगा-
पुल अब कॉलोनी में उतरेगा-बसंत बिहार में रहेगा खतरा-
खास रपट- करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़, 15 फरवरी 2014. रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण मौके पर देखते हैं तो मालूम पड़ता है कि इसकी चौड़ाई कम है। इतनी कम चौड़ाई क्यों रखी गई? शायद आसपास की दुकानों को टूटने से बचाने के चक्कर में पुल की चौड़ाई कम कर दी गई। जो अब हमेशा के लिए दुर्घटनाओं का खतरा पैदा कर दिया गया है।
पुल को पहले इंडेन गैस कार्यालय के आगे से बनाना था। लेकिन अब पीछे से बनाया जाने के कारण पुल के ऊपर जबरदस्त मोड़ दिया गया है तथा बसंत बिहार के बीच में उतारा चढ़ाया गया है। बड़ोपल रोड से आने वाला तेज वाहन जबरदस्त मोड़ पर आएगा तब दुर्घटना का खतरा रहेगा। इसके बाद तेज गति से बसंत बिहार में उतरेगा तब खतरा रहेगा।
आज तो इस हालात को समझा नहीं जा रहा है और न देखा जा रहा है। लेकिन बाद में बसंत बिहार और आनन्द बिहार दोनों ही कॉलोनियों के लिए खतरा रहेगा। दोनों कॉलोनियों का बेड़ा गर्क हो रहा है मगर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा।
असल में यहां खूब पैसे वाले,खूब पढ़े लिखे,ऊंचे ओहदों वाले अधिकारी तथा राजनेता आदि रहते हैं और उनको एक मिनट की फुर्सत नहीं है।




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