शनिवार, 18 अगस्त 2012

पालिकाध्यक्ष बनवारीलाल यौनशोषण पीडि़ता की अर्जी पर एसपी का आदेश

-खास खबर- करणीदानसिंह राजपूत-
पीडि़ता ने अनुसंधान अधिकारी सीआई रिछपालसिंह चारण,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यादराम फांसल,पालिका अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल, पार्षदपति ओम साबनिया और सिपाही रोहताश पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की अर्जी दी थी।
पीडि़ता के साथ वकील हरचंदसिंह सिद्धु भी थे।
एसपी के आदेश के बाद पीडि़ता और वकील सूरतगढ़ सिटी थानाधिकारी दिनेश राजोरा से भी मिले की एसपी के आदेशानुसार कार्यवाही करने की मांग की।
सूरतगढ़, 18 अगस्त 2012.पालिकाध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल यौनशोषण के प्रकरण में पुलिस की फाईनल रिपोर्ट के बाद आए मोड़ के बाद कहा जा सकता है कि इस मामले से बनवारीलाल मेघवाल का पीछा नहीं छूट रहा है बल्कि इसमें पुलिस अधिकारी भी उलझते जा रहे हैं। पीडि़ता के वकील हरचंदसिंह सिद्धु ने कहा है कि बनवारीलाल को बचाने के चक्कर में आगे और कितने पुलिस अधिकारी मामले में उलझते जाएंगे।
    इस प्रकरण में पीडि़ता की ओर से थाना सूरतगढ़ सिटी में मुकद्दमा दर्ज नहीं किए जाने पर वकील हरचंदसिंह सिद्धु ने बीकानेर के पुलिस महानिरीक्षक से भेंट की थी। उन्होंने एसपी को फोन पर आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया था।
    पीडि़ता इसके बाद 9 अगस्त को जिला पुलिस अधीक्षक से श्रीगंगानगर में मिली और अर्जी दी। उस समय वकील हरचंदसिंह सिद्धु भी साथ थे। एसपी ने उस अर्जी पर आदेश दिया जो सिटी थाने में पहुंच गया। पीडि़ता ने एसपी को वह फोटो भी दिखाई जो ब्याह के बाद सिपाही रोहिताश के साथ खिंचवाई हुई है। इसके अलावा एक नया तथ्य और बताया गया।
अनुसूचित बाजीगर जाति की महिला ने पुलिस में जो अर्जी दी उसमें यह लिखा हुआ था।
    पालिका अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल,पार्षद पति ओम साबनिया व सिपाही रोहताश पर अनुसूचित बाजीगर महिला से बलात्कार करने, यौन शोषण करने, मारपीट करने,गर्भपात करवाने,शिव मंदिर में सिपाही को कुंवारा बतलाकर ब्याह करवाने के प्रकरण में पुलिस के फाइनल रिपोर्ट दिए जाने के बाद अब बहुत गंभीर मोड़ आया है। पीडि़ता ने आरोप लगाया है कि अनुसंधान अधिकारी थानाधिकारी रिछपालसिंह चारण ने पीडि़ता के मोबाईल और सिम, सिपाही रोहिताश के साथ ब्याह के फोटो आदि अनुसंधान में लिए मगर उन्हें रिकार्ड में नहीं लिया तथा नष्ट कर दिए। पीडि़ता ने इस बाबत 19 जुलाई को एक आवेदन पुलिस थाना सूरतगढ़ सिटी में प्राथमिकि दर्ज करने के लिए दिया। सूचना है कि सीआई दिनेश राजौरा ने पीडि़ता से कहा कि इस बाबत पहले पुलिस अधीक्षक से बात करके उनका जो भी निर्देश होगा उसका पालन करेंगे। अगर वे प्रकरण दर्ज करने का आदेश देंगे तो प्रकरण दर्ज कर दिया जाएगा अन्यथा जो भी सूचना होगी वह बतला दी जाएगी।
इस आवेदन में रिछपालसिंह पर यह आरोप भी लगाया गया है कि उसने पीडि़ता के लडक़े का झूठा बयान लिखा कि उसकी माता बदचलन है। पुत्र ने यह आरोप लगाया है कि उसने रिछपालसिंह को कभी कोई बयान नहीं दिया। इसके अलावा पीडि़ता के पति का भी बयान रिछपाल ने दर्ज करना बताया है जिसमें पत्नी पर बदचलनी का आरोप लगाया हुआ है। इस बारे में आरोप लगाया गया है कि पुलिस एक तरफ तो पीडि़ता के पति को अदालती वारंट पर चार साल से लिखती रही है कि वह मिला नहीं और जिस दिन बयान लिखे तब वह वारंट दिया क्यों नहीं? पति के विरूद्ध दो प्रकरण पीडि़ता ने दर्ज करवा रखे हैं।
पीडि़ता ने यह आरो भी लगाया है कि आरोपियों से जो बात मोबाईल आदि पर हुई उसकी सीडी की आवाज की जांच नहीं हुई। आरोपियों और पीडि़ता की आवाजों के नमूने लेकर जांच विधि विज्ञान प्रयोगशाला से करवाए जाने चाहिए थे लेकिन नहीं करवाए गए। ये सब आरोपियों को बचाने के लिए किया गया।
पीडि़ता ने यह प्रकरण अनुसंधान अधिकारी रिछपालसिंह चारण, अपर पुलिस अधीक्षक यादराम फांसल सहित बनवारीलाल मेघवाल, ओम साबनिया व सिपाही रोहिताश पर दर्ज करने का लिखा है।
इसमें यह आरोप भी लगाया है कि रिछपालसिंह चारण स्थानीय विधायक गंगाजल मील की अनुशंसा पर सूरतगढ़ में पद स्थापित रहा और उनके प्रभाव में काम करता रहा। पालिकाध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल मेघवाल को गंगाजल मील का खास आदमी बताया गया है। वहीं ओम साबनिया के लिए लिखा गया है कि उसकी पत्नी को कांग्रेस की टिकट गंगाजल मील ने दिलवाई थी। -ओम साबनिया की पत्नी सूरतगढ़ में पार्षद है।-यह आरोप लगाया गया है कि अनुसंधान अधिकारी रिछपालसिंह चारण ने इनको बचाने के लिए झूठे साक्ष्य गढ़े और सही तथ्यों को नष्ट किया छिपाया। पीडि़ता ने जब यह आवेदन पुलिस में दिया तब उसके वकील हरचंदसिंह सिद्धु भी साथ थे।
    सिपाही रोहताश ने पीडि़ता से ब्याह किया और बनवारीलाल तथा ओम साबनिया ने यह ब्याह करवाया था।


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