शनिवार, 21 जुलाई 2012

पालिकाध्यक्ष बनवारीलाल यौनशोषण मामला:पीडि़ता के वकील पूर्व विधायक हरचंदसिंह सिद्धु महानिरीक्षक से मिले-खास खबर- करणीदानसिंह राजपूत-


महानिरीक्षक गोविंद गुप्ता को लिखित में शिकायत की गई-
सूरतगढ़, 21 जुलाई  2012.पालिका अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल,पार्षद पति ओम साबनिया व सिपाही रोहताश द्वारा अनुसूचित बाजीगर महिला से बलात्कार यौन शोषण आरोप के प्रकरण में अनुसंधान अधिकारी सीआईरिछपालसिंह चारण द्वारा पीडि़ता से साक्ष्य लेकर उनको गायब करने के गंभीर आरोप में पीडि़ता के वकील पूर्व विधायक हरचंदसिंह सिद्धु ने 20 जुलाई को पुलिस महानिरीक्षक गोविंद गुप्ता से बीकानेर में भेंट कर लिखित में शिकायत की। उस शिकायत में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यादराम फांसल के विरूद्ध भी आरोप लगाए हुए हैं। सिद्धु ने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक ने उसी समय जिला पुलिस अधीक्षक श्रीगंगानगर को टेलिफोन कर आवश्यक निर्देश दिया। सिद्धु ने बताया कि वे स्वयं शीघ्र ही जिला पुलिस अधीक्षक श्रीगंगानगर से मिलेंगे।
इस प्रकरण में पीडि़ता ने 19 जुलाई को सूरतगढ़ के थानाधिकारी को अनुसंधान कर्ता रिछपालसिंह चारण के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने का आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने यह प्रकरण दर्ज नहीं किया। इसी शिकायत पर वकील हरचंदसिंह सिद्धु पुलिस महानिरीक्षक से मिले थे।
इस प्रकरण की संपूर्ण रपटें इसी लेबल अपराध और चर्चित प्रकरण में पढ़ें।
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गुरुवार, 19 जुलाई 2012

पालिकाध्यक्ष बनवारीलाल यौनशोषण मामला:सिपाही रोहिताश के साथ पीडि़ता के ब्याह फोटो नष्ट करने का आरोप-खास खबर- करणीदानसिंह राजपूत-


सूरतगढ़, 19 जुलाई  2012.पालिका अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल,पार्षद पति ओम साबनिया व सिपाही रोहताश पर अनुसूचित बाजीगर महिला से बलात्कार करने, यौन शोषण करने, मारपीट करने,गर्भपात करवाने,शिव मंदिर में सिपाही को कुंवारा बतलाकर ब्याह करवाने के प्रकरण में पुलिस के फाइनल रिपोर्ट दिए जाने के बाद अब बहुत गंभीर मोड़ आया है। पीडि़ता ने आरोप लगाया है कि अनुसंधान अधिकारी थानाधिकारी रिछपालसिंह चारण ने पीडि़ता के मोबाईल और सिम, सिपाही रोहिताश के साथ ब्याह के फोटो आदि अनुसंधान में लिए मगर उन्हें रिकार्ड में नहीं लिया तथा नष्ट कर दिए। पीडि़ता ने इस बाबत 19 जुलाई को एक आवेदन पुलिस थाना सूरतगढ़ सिटी में प्राथमिकि दर्ज करने के लिए दिया। सूचना है कि सीआई दिनेश राजौरा ने पीडि़ता से कहा कि इस बाबत पहले पुलिस अधीक्षक से बात करके उनका जो भी निर्देश होगा उसका पालन करेंगे। अगर वे प्रकरण दर्ज करने का आदेश देंगे तो प्रकरण दर्ज कर दिया जाएगा अन्यथा जो भी सूचना होगी वह बतला दी जाएगी।
इस आवेदन में रिछपालसिंह पर यह आरोप भी लगाया गया है कि उसने पीडि़ता के लडक़े का झूठा बयान लिखा कि उसकी माता बदचलन है। पुत्र ने यह आरोप लगाया है कि उसने रिछपालसिंह को कभी कोई बयान नहीं दिया। इसके अलावा पीडि़ता के पति का भी बयान रिछपाल ने दर्ज करना बताया है जिसमें पत्नी पर बदचलनी का आरोप लगाया हुआ है। इस बारे में आरोप लगाया गया है कि पुलिस एक तरफ तो पीडि़ता के पति को अदालती वारंट पर चार साल से लिखती रही है कि वह मिला नहीं और जिस दिन बयान लिखे तब वह वारंट दिया क्यों नहीं? पति के विरूद्ध दो प्रकरण पीडि़ता ने दर्ज करवा रखे हैं।
पीडि़ता ने यह आरो भी लगाया है कि आरोपियों से जो बात मोबाईल आदि पर हुई उसकी सीडी की आवाज की जांच नहीं हुई। आरोपियों और पीडि़ता की आवाजों के नमूने लेकर जांच विधि विज्ञान प्रयोगशाला से करवाए जाने चाहिए थे लेकिन नहीं करवाए गए। ये सब आरोपियों को बचाने के लिए किया गया।
पीडि़ता ने यह प्रकरण अनुसंधान अधिकारी रिछपालसिंह चारण, अपर पुलिस अधीक्षक यादराम फांसल सहित बनवारीलाल मेघवाल, ओम साबनिया व सिपाही रोहिताश पर दर्ज करने का लिखा है।
इसमें यह आरोप भी लगाया है कि रिछपालसिंह चारण स्थानीय विधायक गंगाजल मील की अनुशंसा पर सूरतगढ़ में पद स्थापित रहा और उनके प्रभाव में काम करता रहा। पालिकाध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल मेघवाल को गंगाजल मील का खास आदमी बताया गया है। वहीं ओम साबनिया के लिए लिखा गया है कि उसकी पत्नी को कांग्रेस की टिकट गंगाजल मील ने दिलवाई थी। -ओम साबनिया की पत्नी सूरतगढ़ में पार्षद है।-यह आरोप लगाया गया है कि अनुसंधान अधिकारी रिछपालसिंह चारण ने इनको बचाने के लिए झूठे साक्ष्य गढ़े और सही तथ्यों को नष्ट किया छिपाया। पीडि़ता ने जब यह आवेदन पुलिस में दिया तब उसके वकील हरचंदसिंह सिद्धु भी साथ थे।
    सिपाही रोहताश ने पीडि़ता से ब्याह किया और बनवारीलाल तथा ओम साबनिया ने यह ब्याह करवाया था। पुलिस इसके लिए इंकार कर रही है, मगर रोहताश के साथ पीडि़ता के ब्याह के बाद के फोटो हैं। एक फोटो पाठकों के लिए यहां दिया जा रहा है। इसमें पहचान को प्रदर्शित नहीं किया जा सकता इसलिए फोटो पर आँखों पर रबड़ का इस्तेमाल किया गया है।
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रविवार, 1 जुलाई 2012

पालिकाध्यक्ष बनवारीलाल यौनशोषण मामला: पुलिस की संपूर्ण अंतिम रिपोर्ट-खास खबर- करणीदानसिंह राजपूत-

पुलिस ने करीब साढ़े अठारह महीना के अनुसंधान में निष्कर्ष निकाला कि पीडि़ता के कब्जे का पट्टा नहीं बनाने व एक ठेकेदार फर्म का भुगतान रोकने की रंजिश से प्रकरण दर्ज कराया गया:
 पुलिस ने लिखा है कि पत्रकार मालचंद जैन व एडवोकेट विष्णु शर्मा दौराने अनुसंधान पीडि़ता की सहायता करते रहे।
 एक मोबाईल सिम रायांवाली की निकली जिससे पीडि़ता को कॉल होती रही लेकिन पुलिस ने यह मालूम नहीं किया कि वह किसने जारी करवाई थी।
सूरतगढ़, 1 जुलाई  2012.पालिका अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल,पार्षद पति ओम साबनिया व सिपाही रोहताश पर अनुसूचित बाजीगर महिला से बलात्कार करने, यौन शोषण करने, मारपीट करने,गर्भपात करवाने,शिव मंदिर में सिपाही को कुंवारा बतलाकर ब्याह करवाने का मामला चर्चित रहा है।
अदालत के आदेश पर 7 अक्टूबर 2010 में मामला दर्ज हुआ। पीडि़ता 3 बार मुख्यमंत्री से मिली। कुछ दिन पहले पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट बना कर अदालत में प्रस्तुत कर दी। पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट में पीडि़ता के लिए चरित्रहीन होने के शब्द इस्तेमाल किए हैं, जबकि किसी घटना व प्रकरण का उल्लेख नहीं किया जिनसे यह साबित होता हो। एक सवाल है कि महिला बुरे चरित्र की रही थी तो पुलिस उप अधीक्षक के घर पर झाडू पोंछा करने के लिए कैसे रखी गई थी? पीडि़ता की सहायता करना अपराध नहीं है, मगर पुलिस ने पत्रकार मालचंद जैन व एडवोकेट विष्णु का नाम इस तरह से उल्लेख किया है। अनेक सवाल इस अंतिम रिपोर्ट पर हैं,लेकिन अभी इस रिपोर्ट को पढ़ें।  इस पूरी रिपोर्ट को यहां प्रस्तुत कर रहे हैं। पीडि़ता के वकील पूर्व विधायक हरचंदसिंह सिद्धु ने कहा कि पुलिस की जांच का तरीका इस तरह का रहा है कि पीडि़ता को किसी तरह से झूठा साबित किया जाए। पुलिस की अंतिम रिपोर्ट में यह आभास हो रहा है। सिद्धु ने कहा कि अदालत में पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को चुनौती दी जाएगी और उसे मंजूर नहीं करने का निवेदन अदालत से किया जाएगा। सिद्धु ने कहा कि अनेक बिंदु हैं जो पुलिस की जांच को सही नहीं होना साबित करते हैं, तथा अनेक तथ्य हैं जो पीडि़ता के आरोपों की पुष्टि करते हैं, जिन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। अदालत में इसकी तारीख 30 अगस्त  2012 है।




पुलिस की फाईनल रिपोर्ट से राहत में बनवारीलाल,ओम साबनिया और रोहिताश


पीडि़ता के वकील हरचंदसिंह सिद्धु पूर्व विधायक

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