मंगलवार, 14 जून 2011

सूरतगढ़ में भूमि आवाप्ति का विरोध शुरू : जान दे देंगे- भूमि नहीं देंगे

उपखंड अधिकारी कालू राम को ज्ञापन देते हुए
भाजपा के पूर्व विधायक अशोक नागपाल खातेदारों को संबोधित करते हुए
खातेदार बैठे हुए
सूरतगढ़ में भूमि आवाप्ति का विरोध- चेतावनी वाले गर्मा गर्म भाषण
लिखित में चेतावनी-आमरण अनशन धरना प्रदर्शन - शांति भंग हो सकती है- कोई बड़ी दुर्घटना की आशंका जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी
किसान और भू मालिकों ने मुख्यमंत्री के नाम  एसडीएम भूमि आवाप्ति अधिकारी को दिया ज्ञापन
आवासन मंडल कॉलोनी के लिए राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर होने वाली है आवाप्ति
करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़, 14 जून। राष्ट्रीय उच्च मार्ग नं 15 के आसपास की नगरपालिका क्षेत्र व आसपास के क्षेत्र की जमीनें आवाप्ति को लेकर सूरतगढ़ में तूफान खड़ा हो गया है। खातेदार व भू मालिक भूमि आवाप्ति की सूचना जारी होने तथा और भी भूमि आवाप्त की जाने की खबरें मिलने के एकजुट होकर व राजनैतिक पार्टियों व कार्यकर्ताओं को साथ लेकर विरोध शुरू कर दिया है।
    उपखंड कार्यालय के आगे 14 जून को भूमि मालिकों व राजनैतिक कार्यकर्ताओं का जमाव हुआ और सभा में जोरदार शब्दों में सरकार को चेतावनी दी गई कि मर जाऐंगे मगर भूमि को आवाप्त नहीं होने देंगे। गर्मागर्म भाषण अधिकतर राजनैतिक कार्यकर्ताओं ने ही दिए, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को जो ज्ञापन सौंपा गया, उसमें किसी बड़ी दुर्घटना तक की आशंका प्रगट करते हुए जिम्मेवारी सरकार की होने का लिखा गया है। ज्ञापन में लिखा गया है कि पीढ़ी दर पीढ़ी जमीनें सहेज कर रखी गई है जिन्हें अधिग्रहण से मुक्त नहीं किया गया तो मानसिंक रूप से उद्वेलित परिवार आमरण अनशन एवं धरना प्रदर्शन करेंगे जिससे कस्बे की शातिं भंग होने व किसी बड़ी दुर्घटना के होने का अंदेशा भी है जिसके लिए पूरी तरह से राज्य सरकार जुम्मेवार होगी।
    ज्ञापन में बिंदुवार लिखा गया है।
1.राज्य सरकार की 14 मार्च 2011 की अधि सूचना में केवल खसरा नं दिए हुए हैं तथा आवाप्त की जाने वाली भूमि के मालिकों को इसकी सूचना नहीं है, जोकि प्राकृतिक न्याय के विरूद्ध है।
2.अधि सूचना में वर्णित भूमि खातेदारी व बारानी है जो राष्ट्रीय उच्च मार्ग नं 15 पर है जो अति महत्व की है तथा पालिका क्षेत्र का विस्तार होने के कारण इसका महत्व और बढ़ गया है।
3. इस भूमि पर खातेदार अपने हिस्सों पर काबिज चले आ रहे हैं, तथा अपने अपने मालिकाना अधिकार की भूमि में विकास की अपनी योजनाएं  बना रखी है। इसके लिए भूमि रूपान्तरण शुल्क भी जमा करवा रखा है। वर्तमान में धाराप 90 बी के तहत खातेदारी अधिकार सरकार को समर्पित कर स्थानीय निकाय से पट्टे भी जारी करवा रखे हैं। कई परिवारों ने अपने परिवारों की जरूरतों के मुताबिक व्यावसायिक प्रतिष्ठान शुरू कर रखे हैं। कुछ खातेदारों ने राष्ट्रीय राज मार्ग पर दुकानों के प्लॉट बनाकर विधिपूर्वक बेचान कर रखे हैं जिनकी उप पंजियक कार्यालय में व्यावसायिक दरों  पर पंजियन करवाया हुआ है।
4. खसरा नं 330 में टैगोर मेमोरियल विद्यालय समिति के नाम से भूमि व्यावसायिक दर पर पंजीकृत है तथा शैक्षणिक गतिविधियों व महाविद्यालय प्रयोजनार्थ विकास योजना भी बनी हुई है। इसमें कस्बा सूरतगढ व आसपास के हजारों विद्यार्थियों के भविष्य पर असर पड़ेगा जिसके कारण विद्यार्थियों में भूमि आवाप्ति को लेकर रोष है।
5. और 6 में भी व्यापक तथ्य सहित लिखा गया है।
7.यह लिखा गया है कि जो भूमि आवासन मंडल को 380 बीघा दी गई है, उसके साथ ही राजकीय भूमि भी पड़ी है जिसके लिए आवासन मंडल को अधिक कीमत भी नहीं चुकानी पड़ेगी। जबकि खातेदारी भूमि की कीमत करोड़ों रूपयों में चुकानी पड़ेगी तथा जो लोग भूमि नहीं छोड़ेंगे उनके साथ अदालतों में लड़ाई लडऩी होगी। यी सब आवासन मंडल के लिए असुविधाजनक होगा व जिसमें खर्चा भी लगेगा। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण भी हो रहे हैं।
8. इसी बिंदु में चेतावनी दी हुई है जिसका वर्णन शुरू में ही कर दिया गया है।
    उपखंड अधिकारी को यह ज्ञापन सोंपे जाने से पहले एक सभा हुई जिसमें गर्मागर्म भाषणों में सरकार को चेतावनी दी गई और किसान विरोधी बतलाते हुए जम कर कोसा गया। सभा को भाजपा के पूर्व विधायक अशोक नागपाल, राजेन्द्र भादू, पीताम्बर दत्त शर्मा, देहातमंडल के अध्यक्ष नरेन्द्र घिंटाला, जिला मंत्री शरणपालसिंह मान ने, कांग्रेस के प्रभुदान गेधर ने, शिव सेना के जिला अध्यक्ष ओम पुरोहित व माकपा के मदन औझा ने संबोधित किया। इसके बाद राजनैतिक कार्यकर्ता और भूमि मालिक नारे लगाते हुए उपखंड अधिकारी के पास पहुंचे और ज्ञापन दिया। इस कार्यक्रम में भाजपा नगरमंडल के अध्यक्ष गुरदर्शनसिंह सोढ़ी, पूर्व अध्यक्ष विजयकुमार गोयल व सोहनलाल अग्रवाल,माकपा के सचिव लक्ष्मण शर्मा भी मौजूद थे।
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